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उत्तराखंड : बदरीनाथ-केदारनाथ धाम की चोटियों पर बर्फबारी, देखें वीडियो - धाम श्रद्धालुओं से गुलजार

बदरीनाथ धाम के पास स्थित नीलकंठ, नर-नारायण पर्वत पर जबरदस्त बर्फबारी हुई है. इससे ठंड में काफी इजाफा हो गया है. उधर, जोशीमठ में ओलावृष्टि हुई है. वहीं, केदारनाथ धाम में सीजन की दूसरी बर्फबारी हुई है. इस दौरान करीब 2 इंच तक बर्फबारी हुई. जिसके बाद धाम का मौसम खुशनुमा हो गया है.

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धाम की चोटियों में हुई बर्फबारी
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Published : Nov 3, 2020, 1:56 PM IST

चमोली (उत्तराखंड): बदरीनाथ धाम के आसपास की पहाड़ियों पर जमकर बर्फबारी के बाद तापमान में गिरावत आई है. इसके साथ ही पहाड़ों पर बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है. पारा लुढ़कने के बाद धाम में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. धाम में कड़ाके की ठंड के बावजूद भी तीर्थयात्रियों की संख्या में रोजाना इजाफा हो रहा है. वहीं, रुद्रप्रयाग, जोशीमठ, औली समेत कई स्थानों पर जमकर ओलावृष्टि हुई.

बदरीनाथ धाम की चोटियों में बर्फबारी.

बदरीनाथ धाम के पास स्थित नीलकंठ, नर-नारायण पर्वत पर जमकर हिमपात हुआ है. इससे धाम में रात के समय तापमान शून्य से नीचे पहुंच रहा है. कई दिनों से पाला भी जम रह रहा है. अब बदरीनाथ धाम के आसपास हुई बर्फबारी से धाम में कड़ाके की ठंड पड़ रही है.

केदारनाथ धाम में सीजन की दूसरी बर्फबारी

वहीं, रुद्रप्रयाग बाबा केदार ने एक बार फिर से बर्फ की चादर ओढ़ ली है. जी हां, केदारनाथ धाम में सीजन की दूसरी बर्फबारी हुई है. जिससे केदारनाथ बर्फ की आगोश में आ गया है. बर्फबारी के बाद धाम का मौसम खुशनुमा हो गया है. हालांकि, यात्रियों को कड़ाके की ठंड का सामना भी करना पड़ रहा है, लेकिन उनके उत्साह में कोई कमी नजर नहीं आ रही है. कई लोग बर्फ का लुत्फ उठाते हुए नजर आ रहे हैं तो कई लोग अलाव की व्यवस्था न होने पर ठंड में रात को काटने को मजबूर हैं.

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बर्फबारी के बाद केदारनाथ धाम का नजारा.

बर्फबारी के चलते धाम में कड़ाके की ठंड
बता दें कि केदारनाथ धाम में सीजन की दूसरी बर्फबारी हुई है. धाम में करीब दो इंच तक बर्फबारी हुई है. केदार बाबा के भक्त बर्फबारी में ही लंबी कतार लगाकर दर्शन के लिए इंतजार कर रहे हैं. इसके साथ ही बर्फबारी के कारण पुनर्निर्माण कार्यों पर भी बुरा असर पड़ने लगा है. बर्फबारी से धाम में ठंड काफी बढ़ गई है.

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केदारनाथ धाम में बर्फबारी

केदारनाथ में सुबह के समय तापमान माइनस-टू
केदारपुरी में अलाव की कोई व्यवस्था प्रशासन की ओर से नहीं की गई है. ऐसे में यात्री ठंड में ही रात काटने को मजबूर हैं. यात्रियों की बढ़ती संख्या के कारण धाम में रहने की कोई उचित व्यवस्था तक नहीं हो पा रही है. केदारनाथ में सुबह के समय तापमान माइनस-टू तक पहुंच रहा है, जबकि शाम को भी तापमान माइनस से नीचे जा रहा है.

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शंकराचार्य समाधि स्थल से बाबा के धाम तक बिछी बर्फ की सफेद चादर.

केदारनाथ में श्रद्धालुओं का आंकड़ा एक लाख के पार
धाम में शंकराचार्य समाधि स्थल के साथ ही अन्य कार्य चल रहे हैं, जिनमें बर्फबारी बाधा बन रही है. वहीं, दूसरी ओर केदारनाथ पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा एक लाख पार कर चुका है. धाम के कपाट 29 अप्रैल को खोले गए थे, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण यात्रा की अनुमति 12 जून से मिली. यात्रियों की संख्या बढ़नी तब शुरू हुई जब देशभर के श्रद्धालुओं को चारधाम आने की अनमुति में छूट मिली. वहीं, यात्रा शुरू होने से अब तक एक लाख 136 यात्री बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं. केदारघाटी में चहल-पहल काफी हो रही है, जिससे तीर्थ पुरोहित, व्यापारियों व होटल कारोबारियों के चेहरे खिले हुए हैं.

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बर्फबारी के बाद केदारनाथ धाम का नजारा.

आवागमन में छूट के बाद यात्रा में जबदस्त उछाल
बता दें कि बदरीनाथ धाम के कपाट आगामी 19 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद होने हैं, लेकिन जैसे-जैसे कपाट बंद होने की तिथि करीब आ रही है वैसे-वैसे धाम पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. एक महीने पहले तक सीमित संख्या में तीर्थयात्री धाम पहुंच रहे थे, लेकिन आवागमन में छूट मिलने के बाद यात्रा में जबदस्त उछाल देखने को मिला है.

पढ़ेंः बंगाल की खाड़ी में शुरू हुआ मालाबार सैन्य अभ्यास का पहला चरण

जोशीमठ, औली, बड़गांव समेत कई इलाकों में बरसे ओले
चमोली के जोशीमठ विकासखंड में मुख्य बाजार समेत सुनील, औली, परसारी, बड़गांव आदि इलाकों में करीब आधे घंटे तक जमकर ओलावृष्टि हुई है. अचानक हुई ओलावृष्टि से ठंड में इजाफा हो गया है. ग्रामीणों के मुताबिक परसारी गांव में सब्जी की खेती, दाल की फसलों को नुकसान पहुंचा है.

जोशीमठ, औली, बड़गांव समेत कई इलाकों में बरसे ओले
चमोली के जोशीमठ विकासखंड में मुख्य बाजार समेत सुनील, औली, परसारी, बड़गांव आदि इलाकों में करीब आधे घंटे तक जमकर ओलावृष्टि हुई है. अचानक हुई ओलावृष्टि से ठंड में इजाफा हो गया है. ग्रामीणों के मुताबिक परसारी गांव में सब्जी की खेती, दाल की फसलों को नुकसान पहुंचा है.

चमोली (उत्तराखंड): बदरीनाथ धाम के आसपास की पहाड़ियों पर जमकर बर्फबारी के बाद तापमान में गिरावत आई है. इसके साथ ही पहाड़ों पर बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है. पारा लुढ़कने के बाद धाम में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. धाम में कड़ाके की ठंड के बावजूद भी तीर्थयात्रियों की संख्या में रोजाना इजाफा हो रहा है. वहीं, रुद्रप्रयाग, जोशीमठ, औली समेत कई स्थानों पर जमकर ओलावृष्टि हुई.

बदरीनाथ धाम की चोटियों में बर्फबारी.

बदरीनाथ धाम के पास स्थित नीलकंठ, नर-नारायण पर्वत पर जमकर हिमपात हुआ है. इससे धाम में रात के समय तापमान शून्य से नीचे पहुंच रहा है. कई दिनों से पाला भी जम रह रहा है. अब बदरीनाथ धाम के आसपास हुई बर्फबारी से धाम में कड़ाके की ठंड पड़ रही है.

केदारनाथ धाम में सीजन की दूसरी बर्फबारी

वहीं, रुद्रप्रयाग बाबा केदार ने एक बार फिर से बर्फ की चादर ओढ़ ली है. जी हां, केदारनाथ धाम में सीजन की दूसरी बर्फबारी हुई है. जिससे केदारनाथ बर्फ की आगोश में आ गया है. बर्फबारी के बाद धाम का मौसम खुशनुमा हो गया है. हालांकि, यात्रियों को कड़ाके की ठंड का सामना भी करना पड़ रहा है, लेकिन उनके उत्साह में कोई कमी नजर नहीं आ रही है. कई लोग बर्फ का लुत्फ उठाते हुए नजर आ रहे हैं तो कई लोग अलाव की व्यवस्था न होने पर ठंड में रात को काटने को मजबूर हैं.

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बर्फबारी के बाद केदारनाथ धाम का नजारा.

बर्फबारी के चलते धाम में कड़ाके की ठंड
बता दें कि केदारनाथ धाम में सीजन की दूसरी बर्फबारी हुई है. धाम में करीब दो इंच तक बर्फबारी हुई है. केदार बाबा के भक्त बर्फबारी में ही लंबी कतार लगाकर दर्शन के लिए इंतजार कर रहे हैं. इसके साथ ही बर्फबारी के कारण पुनर्निर्माण कार्यों पर भी बुरा असर पड़ने लगा है. बर्फबारी से धाम में ठंड काफी बढ़ गई है.

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केदारनाथ धाम में बर्फबारी

केदारनाथ में सुबह के समय तापमान माइनस-टू
केदारपुरी में अलाव की कोई व्यवस्था प्रशासन की ओर से नहीं की गई है. ऐसे में यात्री ठंड में ही रात काटने को मजबूर हैं. यात्रियों की बढ़ती संख्या के कारण धाम में रहने की कोई उचित व्यवस्था तक नहीं हो पा रही है. केदारनाथ में सुबह के समय तापमान माइनस-टू तक पहुंच रहा है, जबकि शाम को भी तापमान माइनस से नीचे जा रहा है.

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शंकराचार्य समाधि स्थल से बाबा के धाम तक बिछी बर्फ की सफेद चादर.

केदारनाथ में श्रद्धालुओं का आंकड़ा एक लाख के पार
धाम में शंकराचार्य समाधि स्थल के साथ ही अन्य कार्य चल रहे हैं, जिनमें बर्फबारी बाधा बन रही है. वहीं, दूसरी ओर केदारनाथ पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा एक लाख पार कर चुका है. धाम के कपाट 29 अप्रैल को खोले गए थे, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण यात्रा की अनुमति 12 जून से मिली. यात्रियों की संख्या बढ़नी तब शुरू हुई जब देशभर के श्रद्धालुओं को चारधाम आने की अनमुति में छूट मिली. वहीं, यात्रा शुरू होने से अब तक एक लाख 136 यात्री बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं. केदारघाटी में चहल-पहल काफी हो रही है, जिससे तीर्थ पुरोहित, व्यापारियों व होटल कारोबारियों के चेहरे खिले हुए हैं.

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बर्फबारी के बाद केदारनाथ धाम का नजारा.

आवागमन में छूट के बाद यात्रा में जबदस्त उछाल
बता दें कि बदरीनाथ धाम के कपाट आगामी 19 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद होने हैं, लेकिन जैसे-जैसे कपाट बंद होने की तिथि करीब आ रही है वैसे-वैसे धाम पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. एक महीने पहले तक सीमित संख्या में तीर्थयात्री धाम पहुंच रहे थे, लेकिन आवागमन में छूट मिलने के बाद यात्रा में जबदस्त उछाल देखने को मिला है.

पढ़ेंः बंगाल की खाड़ी में शुरू हुआ मालाबार सैन्य अभ्यास का पहला चरण

जोशीमठ, औली, बड़गांव समेत कई इलाकों में बरसे ओले
चमोली के जोशीमठ विकासखंड में मुख्य बाजार समेत सुनील, औली, परसारी, बड़गांव आदि इलाकों में करीब आधे घंटे तक जमकर ओलावृष्टि हुई है. अचानक हुई ओलावृष्टि से ठंड में इजाफा हो गया है. ग्रामीणों के मुताबिक परसारी गांव में सब्जी की खेती, दाल की फसलों को नुकसान पहुंचा है.

जोशीमठ, औली, बड़गांव समेत कई इलाकों में बरसे ओले
चमोली के जोशीमठ विकासखंड में मुख्य बाजार समेत सुनील, औली, परसारी, बड़गांव आदि इलाकों में करीब आधे घंटे तक जमकर ओलावृष्टि हुई है. अचानक हुई ओलावृष्टि से ठंड में इजाफा हो गया है. ग्रामीणों के मुताबिक परसारी गांव में सब्जी की खेती, दाल की फसलों को नुकसान पहुंचा है.

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