मानसा: स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने वाले 93 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी बिहारा सिंह को जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित किया गया. बिहारा सिंह मानसा के मल्ल सिंह वाला गांव के निवासी हैं. भारत छोड़ो आंदोलन की 78वीं वर्षगांठ के अवसर पर, डीसी सुखप्रीत सिंह सिद्धू ने स्वतंत्रता सेनानी बिहारा सिंह को भारत के राष्ट्रपति द्वारा भेजे शॉल और अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया.
इस अवसर पर स्वतंत्रता सेनानी बिहारा सिंह ने सम्मान प्राप्त करने पर प्रसन्नता व्यक्त की. उन्होंने कहा मैं बहुत खुश हूं कि उन्होंने हमें याद किया. इस आंदोलन के परिणामस्वरूप, देश स्वतंत्र हो गया है और हम एक स्वतंत्र देश में आनन्दित हो रहे हैं. जिसके लिए हमने जो तकलीफे झेली वह साकार हो गई हैं.
सुभाष चंद्र बोस के साथ अपनी यादों को साझा करते हुए कहा कि सुभाष चंद्र बोस स्वतंत्र भारतीय सेना के सुप्रीम कमांडर थे. वह बहुत बहादुर और ईमानदार थे. उन्होंने हमसे कहा, "आपको स्वतंत्र भारत में सराहना मिलेगी, अब मेरे पास कुछ भी नहीं है, भारत माता की सेवा करें."
डीसी सुखप्रीत सिंह ने इस अवसर पर कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ पर सभी देशवासियों को यह याद रखना चाहिए कि हमें यह आजादी कई बलिदानों के माध्यम से मिला है. यह सम्मान उन लोगों को याद करने के लिए दिया जा रहा है, जिन्होंने इस स्वतंत्रता में योगदान दिया है और उन्हें यह एहसास दिलाने के लिए कि उन्हें देश द्वारा नहीं भुलाया गया है.
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उन्होंने कहा कि वह स्वतंत्रता सेनानी बिहारा सिंह से मिलकर बहुत खुश हैं, जो 1927 में पैदा हुए और अब 93 साल के हैं. वह 15 साल की उम्र में स्वतंत्र भारतीय सेना में शामिल हो गए.