रायबरेली : उत्तर प्रदेश के जनपद रायबरेली के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में महिला शिक्षक की तैनाती को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. जानकारी के अनुसार, जिले की बछरावां स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में तैनात शिक्षिका अनामिका शुक्ला रायबरेली के अलावा प्रदेश के कई अन्य जनपदों में भी तैनाती दिखाकर वेतन उठाने में कामयाब रही है.
दिलचस्प बात यह है कि इस शिक्षिका के एक दो ही नहीं करीब आधा दर्जन से ज्यादा जनपदों के स्कूलों में फर्जी तरीके से नियुक्ति होने की बात सामने आ रही है. अंदेशा यह भी है कि प्रदेश के बागपत, सहारनपुर, अलीगढ़, अंबेडकरनगर और प्रयागराज समेत कई अन्य जनपदों के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों में अनामिका शुक्ला नाम की शिक्षिका साइंस टीचर के पद पर कार्यरत हैं. चौकाने वाली बात यह है कि सभी के दस्तावेज एक ही हैं, जिसमें शिक्षिका को मैनपुरी का मूल निवासी दिखाया गया है.
ईटीवी भारत ने जब इस बाबत रायबरेली के बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) आनंद प्रकाश शर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि रायबरेली जनपद में फरवरी में शिक्षिका अनामिका शुक्ला की तैनाती हुई. इसके कुछ दिनों के बाद ही यह मामला उनके संज्ञान में आया. मुख्यालय द्वारा सूबे के करीब 5-6 जनपद के बीएसए को पत्र लिखकर अनामिका शुक्ला नाम की शिक्षिका के बारे में विवरण मंगा गया था. हालांकि इनमें रायबरेली जनपद शामिल नहीं था.
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बीएसए ने बताया कि जानकारी होने पर उन्होंने अपने स्तर से मामले की छानबीन करवाई. धांधली की आशंका से बछरावां में तैनात उस शिक्षिका से अपना पक्ष रखने के संबंध में नोटिस जारी किया गया था, लेकिन पहले कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण उसने आने में असमर्थता जाहिर की, जिसके बाद में उसने ह्वाट्सएप के माध्यम से अपना त्यागपत्र दे दिया.
पूरे मामले से विभाग के आलाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है और जल्द ही आरोपी शिक्षिका के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराकर दिए गए मानदेय की रिकवरी को लेकर भी कदम उठाएं जाएंगे. शिक्षिका द्वारा बड़े पैमाने पर किए गए इस फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर पूरे विभाग में हड़कंप मच गया है. साथ ही अनामिका शुक्ला जैसे तमाम दूसरे शिक्षकों द्वारा भी घपलेबाजी किए जाने के कयास लगाए जा रहे हैं.