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राष्ट्रीय हित और राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर लोगों को जहरीली झाड़ू सौंप दी गई: हामिद अंसारी - पूर्व लेफ्टिनेंट गवर्नर नजीब जंग

पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने आरएसएस की निंदा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश के नौजवानों को राष्ट्रीय हित और राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर जहरीली झाड़ू सौंप दी गई है. पूर्व राष्ट्रपति के अलावा दिल्ली के पूर्व लेफ्टिनेंट गवर्नर नजीब जंग ने तंज करते हुए कहा कि क्या हम (मुसलमान) ही गुनेहगार हैं. पढ़ें पूरी खबर.

नजीब जंग और हामिद अंसारी
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Published : Jul 21, 2019, 12:51 PM IST

नई दिल्ली: पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने राजधानी दिल्ली के गालिब इंस्टियूट में 'गुनाह और गुनाहगार': कहां चूक हुई ? विषय पर भाषण दिया. इस दौरान उन्होंने अपनी पीड़ा कुछ इस अंदाज में पेश की कि सुनने वाले हैरान रह गए.

हामिद अंसारी ने आरएसएस का नाम लिए बिना कहा कि प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में एक विशेष संस्कृति को शामिल किया गया है, जहां इस संस्कृति को भविष्य में हर जगह मिश्रित कर दिया जाएगा.

भाषण के दौरान पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी

हामिद अंसारी ने देश के मौजूदा हालातों पर तंज करते हुए कहा कि संवैधानिक मूल्य धोखा करना गुनाह है और वो लोग गुनाहगार हैं, जिन्होंने संवैधानिक मूल्यों पर यकीन तो किया लेकिन इसे अपनाया नहीं.

उन्होंने आगे कहा कि देश के मतदाताओं में ( चुनाव को दौरान) वादे पूरे न करने का एहसास दिखाई दे रहा था. विशेष कर देश के नौजवानों में यह एहसास अधिक था लेकिन इसी बड़ी चालाकी के साथ न सिर्फ नजर अंदाज किया गया बल्कि उसकी जगह राष्ट्रीय हित और राष्ट्रीय सुरक्षा की जहरीली झाड़ू उनके हाथों में थमा दी गई.

हालांकि, अंसारी ने देश के दो अहम वर्गों के बीच बढ़ रहे तनाव का जिक्र नहीं किया लेकिन अपने भाषण में उन्होंने बार-बार इस बात का इशारा जरूर दिया.

पढ़ें- दिल्ली: शीला दीक्षित के निधन पर दो दिन का राजकीय शोक घोषित

इस मौके पर दिल्ली के पूर्व लेफ्टिनेंट गवर्नर नजीब जंग ने भी देश के हालातों पर अफसोस जाहिर किया. उन्होंने कहा कि देश में हो रही सभी घटनाओं के लिए मुलसमानों को जिम्मेदार ठहरना ठीक नहीं है.

भाषण के दौरान पूर्व लेफ्टिनेंट गवर्नर नजीब जंग

उन्होंने बहुसंख्यकों द्वारा अल्पसंख्यकों को हर मामले में दोषी ठहराने पर तंज करते हुए कहा कि भारत के अल्पसंख्यक समुदाय ही गुनाह कर रहा है. वही हर चीज के लिए गुनहगार है और जो बहुसंख्यक है वो ठीक है.

गौरतलब है कि इस कार्यक्रम में हामिद अंसारी और नजीब जंग के अलावा बड़ी तादाद में बुद्दिजीवियों और कई पूर्व जजों ने भी शिरकत की. ईटीवी भारत के संवाददाता ने जब हामिद अंसारी से उनके भाषण के रीजनीतिक मायने जानने की कोशिश की तो उन्होंने कहा कि आप जो मतलब निकाल लें.

नई दिल्ली: पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने राजधानी दिल्ली के गालिब इंस्टियूट में 'गुनाह और गुनाहगार': कहां चूक हुई ? विषय पर भाषण दिया. इस दौरान उन्होंने अपनी पीड़ा कुछ इस अंदाज में पेश की कि सुनने वाले हैरान रह गए.

हामिद अंसारी ने आरएसएस का नाम लिए बिना कहा कि प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में एक विशेष संस्कृति को शामिल किया गया है, जहां इस संस्कृति को भविष्य में हर जगह मिश्रित कर दिया जाएगा.

भाषण के दौरान पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी

हामिद अंसारी ने देश के मौजूदा हालातों पर तंज करते हुए कहा कि संवैधानिक मूल्य धोखा करना गुनाह है और वो लोग गुनाहगार हैं, जिन्होंने संवैधानिक मूल्यों पर यकीन तो किया लेकिन इसे अपनाया नहीं.

उन्होंने आगे कहा कि देश के मतदाताओं में ( चुनाव को दौरान) वादे पूरे न करने का एहसास दिखाई दे रहा था. विशेष कर देश के नौजवानों में यह एहसास अधिक था लेकिन इसी बड़ी चालाकी के साथ न सिर्फ नजर अंदाज किया गया बल्कि उसकी जगह राष्ट्रीय हित और राष्ट्रीय सुरक्षा की जहरीली झाड़ू उनके हाथों में थमा दी गई.

हालांकि, अंसारी ने देश के दो अहम वर्गों के बीच बढ़ रहे तनाव का जिक्र नहीं किया लेकिन अपने भाषण में उन्होंने बार-बार इस बात का इशारा जरूर दिया.

पढ़ें- दिल्ली: शीला दीक्षित के निधन पर दो दिन का राजकीय शोक घोषित

इस मौके पर दिल्ली के पूर्व लेफ्टिनेंट गवर्नर नजीब जंग ने भी देश के हालातों पर अफसोस जाहिर किया. उन्होंने कहा कि देश में हो रही सभी घटनाओं के लिए मुलसमानों को जिम्मेदार ठहरना ठीक नहीं है.

भाषण के दौरान पूर्व लेफ्टिनेंट गवर्नर नजीब जंग

उन्होंने बहुसंख्यकों द्वारा अल्पसंख्यकों को हर मामले में दोषी ठहराने पर तंज करते हुए कहा कि भारत के अल्पसंख्यक समुदाय ही गुनाह कर रहा है. वही हर चीज के लिए गुनहगार है और जो बहुसंख्यक है वो ठीक है.

गौरतलब है कि इस कार्यक्रम में हामिद अंसारी और नजीब जंग के अलावा बड़ी तादाद में बुद्दिजीवियों और कई पूर्व जजों ने भी शिरकत की. ईटीवी भारत के संवाददाता ने जब हामिद अंसारी से उनके भाषण के रीजनीतिक मायने जानने की कोशिश की तो उन्होंने कहा कि आप जो मतलब निकाल लें.

Intro:آئینی عہدوں پر فائز رہے دو قدآور مسلم شخصیات کا بڑا بیان

سابق نائب صدر جمہوریہ حامد انصاری نے ایک خاص "نظریاتی تنظیم" کی نکتہ چینی کی اور کہا کہ نوجوان کو قومی مفاد اور قومی سلامتی کا "زہریلا جھاڑو" سونپ دیا گیا، جبکہ دہلی کے سابق لیفٹیننٹ گورنر نجیب جنگ نے طنزیہ لہجہ میں سوال پوچھا کیا صرف ہم ہی (مسلمان) گنہگار ہیں؟

نئی دہلی

بھارت کی دارالحکومت دہلی کے غالب انسٹیٹیوٹ میں "گناہ اور گنہگار: کہاں چوک ہوئی؟" کے موضوع پر لکچر پیش کرتے ہوئے سابق ناظم صدر جمہوریہ حامد انصاری نے کچھ اس انداز میں درد دل پیش کیا کہ سامعین حیرت میں آگئے۔

حامد انصاری نے آر ایس ایس کا نام لئے بغیر کہا کہ پری، پرائمری اور سیکنڈری اسکولوں میں ایک خاص کلچر کو داخل کیا گیا جہاں اس کلچر کو ماضی کے منتخب گوشوں کو مخلوط کر دیا گیا۔

حامد انصاری نے ملک کی صورتحال پر کئی گہرے طنز کئے اور کہا کہ آئینی اقدار سے دھوکہ گناہ ہے اور وہ لوگ گنہگار ہیں جنہوں نے آئینی اقدار پر یقین ظاہر کیا مگر اسے برتا نہیں۔
انہوں نے مزید کہا کہ ملک کے رائے دہندگان میں (الیکشن کے مواقع پر) وعدے پورے نہ کئے جانے کا احساس ظاہر تھا، خاص طور پر ملک کے جوانوں میں یہ احساس زیادہ عیاں تھا مگر اسے بڑی چالاکی سے نہ صرف نظر انداز کیا گیا بلکہ انہیں ان احساسات کی جگہ قومی مفاد اور قومی سلامتی کا "زہریلا جھاڑو" تھما دیا گیا۔ جس کی کامیابی کو نظریاتی تنظیم نے یقینی بنانے کی تگ ودو کی۔

حامد انصاری نے ملک میں دو اہم طبقات کے مابین کشیدگی کا ذکر نہیں کیا مگر اپنی تقریر میں انہوں نے بار بار اس کی طرف اشارہ ضرور کیا۔

اس موقع پر سابق لیفٹیننٹ گورنر نجیب جنگ نے بھی ملک کی صورتحال پر تشویش ظاہر کی۔ انہوں نے majoritarianis کے بڑھتے رجحان اور ہر شر کے لئے مسلمانوں کو ذمہ دار قرار دینے کے رویوں پر گہرا طنز کرتے ہوئے کہا کہ "بھارت کی اقلیت ہی گناہ کر رہی ہے ۔۔ وہی گناہ گار ہے اور جو اکثریت ہے وہ ٹھیک ہے اور وہی راستہ دکھائے گا "

جس تقریب میں ان دونوں اہم شخصیات نے خطاب کیا وہاں بڑی تعداد میں دہلی کے مسلم دانشوروں سمیت عدالت عظمی کے دو سابق جج براجمان تھے۔ ایک جج نے دبے لفظوں میں کہا کہ نجیب جنگ کو اتنا مایوس ہونے کی ضرورت نہیں، ابھی عدالتوں میں انصاف ہورہا ہے۔

ای ٹی وی بھارت کے نمائندے نے حامد انصاری سے ان کے اس خطاب کے سیاسی معنی پوچھنے کی کوشش کی تو انصاری نے صاف کہا کہ جو معنی نکالنا ہے نکالئے۔

دونوں شخصیات نے میڈیا سے بات کرنے سے معذرت کر لی۔





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