जयपुर. राजस्थान के भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मदन लाल सैनी के निधन के बाद खाली हुई राज्यसभा की सीट पर अब कांग्रेस पार्टी की एंट्री राजस्थान कोटे से राज्यसभा में हो सकेगी.
दरअसल, राज्यसभा के 10 सांसदों में से राजस्थान से एक भी राज्यसभा सांसद कांग्रेस का नहीं है. वह भी अप्रैल 2018 से. यानी बीते करीब 14 महीने से कांग्रेस का राजस्थान से राज्यसभा में कोई प्रतिनिधि नहीं है. यह आजाद भारतके इतिहास में पहली बार हुआ है जब राजस्थान से राज्यसभा में कांग्रेस का कोई प्रतिनिधि नहीं है.
हालांकि, अभी यह इंतजार कांग्रेस को अप्रैल 2020 तक करना था, लेकिन राज्यसभा सांसद मदन लाल सैनी का निधन होने से कांग्रेस को अब 6 महीने पहले ही एक राज्य सभा सदस्य राजस्थान से मिल पाएगा. दरअसल, नियम यह है कि किसी भी सांसद के निधन हो जाने पर अगर सीट खाली होती है तो उस सीट पर 6 महीने के भीतर चुनाव कराने होते हैं और संख्या बल के आधार पर माना जा रहा है कि इस बार इस सीट पर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद चुनकर जाएंगे.
राज्यसभा सांसद मदन लाल सैनी के निधन के बाद खाली हुई सीट पर कांग्रेस की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को राज्यसभा में भेजे जाने की पूरी संभावना है.
भंवर जितेंद्र सिंह, अभिषेक मनु सिंघवी और अंबिका सोनी भी है प्रबल दावेदार
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का कार्यकाल हाल ही में राज्यसभा में पूरा हुआ है और 30 साल बाद ऐसा मौका आया है, जब मनमोहन सिंह किसी सत्र में राज्यसभा का हिस्सा नहीं है. वहीं अगर मनमोहन सिंह को पार्टी किसी और प्रदेश से राज्य सभा में भेजती है तो ऐसे में पूर्व गृह राज्य मंत्री भंवर जितेंद्र का नाम सबसे आगे है.
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जो लोकसभा चुनाव में जीत हासिल नहीं कर पाए थे. अब पार्टी उन्हें राज्यसभा के रास्ते संसद में भेजने की तैयारी कर रही है. वहीं अगर इन दोनों नेताओं के नाम सामने नहीं आते हैं तो पूर्व राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी और अंबिका सोनी के भी नाम इस लिस्ट में शामिल है. हालांकि राजस्थान में तीन राज्य सभा सीटें 4 अप्रैल 2020 में खाली होने जा रही है और सदस्यों की संख्या के आधार पर 2020 में भी 3 में से कांग्रेस का 2 सीटों पर कब्जा होना लगभग तय है. क्योंकि, कांग्रेस के पास वर्तमान में 100 विधायक हैं और 12 निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दे रखा है.
इसके साथ ही बसपा के 6 विधायकों को भी अगर इसमें जोड़ दिया जाए तो संख्या 119 हो जाती है. वहीं राजस्थान में सीपीएम के भी दो विधायक हैं. जो भाजपा के साथ तो कम से कम नहीं जाएंगे. ऐसे में 3 में से 2 सीटें कांग्रेस के हिस्से में जाएगी, लेकिन राज्यसभा सांसद मदन लाल सैनी के निधन के बाद अब यह सीट कांग्रेस के खाते में जाएगी. क्योंकि मदन लाल सैनी की सीट अप्रैल 2024 में खाली होनी थी, लेकिन उनके निधन से यह सीट 2019 में ही खाली हो गई.