शिमला : पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश मौजूदा दौर में तरक्की के मामले में अन्य राज्यों के मुकाबले इक्कीस है तो इसका काफी कुछ श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी जाता है, जिनके कार्यकाल में ही हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था.
ज्ञातव्य रहे कि जनवरी 1971 को हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया तो इंदिरा गांधी भी जश्न में शामिल हुई थीं. शिमला के रिज मैदान पर समारोह मनाया गया था. उस दिन बर्फ के फाहे गिरे थे, मानो प्रकृति भी पहाड़ की खुशियों में शामिल हुई थी.
सच पूछें तो पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी का हिमाचल से गहरा नाता रहा. उनके प्रधानमंत्री रहते हुए ही हिमाचल को देश का 18वां राज्य होने का गौरव हासिल हुआ था. हिमाचल प्रदेश को 25 जनवरी, 1971 को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था. उस समय आकाशवाणी के लिए इस समारोह की कमेंट्री आईएएस अधिकारी व लेखक श्रीनिवास जोशी ने की थी.
हिमाचल के बहुमुखी प्रतिभा के धनी लेखक स्वर्गीय रामदयाल नीरज उस समय लोक संपर्क विभाग में कार्यरत थे. बर्फबारी के बीच उस समय इंदिरा गांधी ने दूरदराज से शिमला पहुंचे प्रदेशवासियों को संबोधित किया था. पूर्ण राज्यत्व दिवस समारोह के लिए ऊपरी शिमला के दूरदराज व दुर्गम इलाकों सहित प्रदेशभर से हजारों लोग शिमला के रिज मैदान पर पहुंचे थे.
इंदिरा गांधी ने अपने संबोधन में हिमाचल से खुद के लगाव का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था कि मेरे पिता जवाहरलाल नेहरू भी इस पर्वतीय स्थल को बहुत पसंद करते थे. इंदिरा के अनुसार वह पहाड़ से गहरा नाता महसूस करती थीं.
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का भी इंदिरा गांधी से गहरा सम्पर्क रहा है. उन्होंने इंदिरा गांधी और फिर उनके पुत्र राजीव गांधी के साथ भी काम किया है.
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हिमाचल निर्माता डॉ. यशवंत सिंह परमार भी इंदिरा गांधी के करीबी थे. कांग्रेस के कद्दावर नेता वीरभद्र सिंह के अनुसार इंदिरा गांधी दूरदर्शी सोच वाली नेता थीं. उनके ही प्रयासों से हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था. इंदिरा गांधी के पहाड़ के प्रति लगाव को देखते हुए शिमला के रिज मैदान पर उनकी प्रतिमा स्थापित की गयी है.
यही नहीं, भारत व पाकिस्तान के बीच शिमला समझौते के दौरान इंदिरा गांधी ने जुल्फिकार अली भुट्टो की बेटी बेनजीर की शिमला यात्रा को सुखद बनाने के लिए अधिकारियों को खास निर्देश दिये थे.