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पीडीपी के पूर्व नेता सैयद अल्ताफ बुखारी ने श्रीनगर में 'अपनी पार्टी' का एलान किया

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Published : Mar 8, 2020, 2:11 PM IST

Updated : Mar 8, 2020, 4:59 PM IST

पीडीपी के पूर्व नेता सैयद अल्ताफ बुखारी ने श्रीनगर में नए दल 'जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी' का एलान किया. इस पार्टी में पीडीपी, कांग्रेस और भाजपा सहित कई अन्य राजनीतिक दलों के नेता भी होंगे. बुखारी ने बताया कि इस पार्टी का मुख्य उद्येश्य अनिश्चितता का सामना कर रहे लोगों को राहत मुहैया करना होगा.

सैयद अल्ताफ बुखारी
सैयद अल्ताफ बुखारी

श्रीनगर : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के पूर्व नेता सैयद अल्ताफ बुखारी ने रविवार को एक नए राजनीतिक दल 'जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी' (जेकेएपी) की स्थापना का एलान किया. नई पार्टी का मुख्य उद्देश्य पिछले साल पांच अगस्त से अनिश्चितता का सामना कर रहे लोगों को राहत मुहैया करना होगा.

उन्होंने कहा कि हम लोगों के मसले का हल ढूंढना चाहते हैं. उनकी परेशानियों को दूर करना चाहते हैं.

जब उनसे पूछा गया कि संसद ने कहा है कि यहां की स्थित अच्छी कर देंगे तो पार्टी का गठन क्यों? इस पर उन्होंने कहा कि संसद में बहुत सी बातें कही जाती हैं, क्या वह सब पूरी हो जाती है?

ईटीवी भारत ने की सैयद अल्ताफ बुखारी से बात

जब उनसे पूछा गया कि क्या आपको भाजपा का समर्थन मिल रहा है तो उन्होंने कहा कि प्रदेश में कई पार्टी हैं तो उनको हम निकाल दें. यदि कोई पार्टी कहे कि हम उनके (जम्मू-कश्मीर के लोगों) मसले को दूर करेंगे तो क्या हम उन्हें बोलने से रोक देंगे?

कृषि विज्ञान में स्नातक बुखारी (60) के साथ नेशनल कांफ्रेंस (नेकां), पीडीपी, कांग्रेस और भाजपा सहित कई अन्य राजनीतिक दलों के नेता भी होंगे. उनके साथ आने वाले प्रमुख नेताओं में विजय बाकया, रफी मीर (नेकां), उस्मान माजिद (कांग्रेस के पूर्व विधायक), गुलाम हसन मीर (पूर्व निर्दलीय विधायक), जावेद हुसैन बेग, दिलावर मीर, नूर मोहम्मद, जफर मनहास, अब्दुल माजिद पद्दार, अब्दुल रहीम राठेर (पीडीपी), गगन भगत (भाजपा) और कांग्रेस के मंजीत सिंह तथा विक्रम मल्होत्रा शामिल हैं.

पांच अगस्त के बाद जम्मू-कश्मीर में यह पहली राजनीतिक गतिविधि होगी. उसी दिन केंद्र सरकार ने पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों 'जम्मू कश्मीर और लद्दाख' में विभाजित करने की घोषणा की थी.

राज्य के पूर्व वित्त मंत्री एवं कारोबारी से नेता बने बुखारी ने कहा, 'हां, मैं संयोग से राजनीति में आया, लेकिन राजनीति का मेरा विचार अलग है. मेरा मानना है कि यह एक ऐसी जगह है जहां आप अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमताओं से लोगों की सेवा कर सकते हैं.'

मीडिया को जानकारी देते सैयद अल्ताफ बुखारी

पढ़ें : जम्मू-कश्मीर : पीडीपी नेता नईम अख्तर के खिलाफ पीएसए के तहत मामला दर्ज

महबूबा मुफ्ती से दूरी बनने तक बुखारी पीडीपी में थे. जून 2018 में भाजपा के समर्थन वापस लेने के बाद महबूबा की सरकार अल्पमत में आ गई थी. पीडीपी के कामकाज को लेकर महबूबा और बुखारी में मतभेद थे.

इस नई पार्टी का लक्ष्य नेकां और पीडीपी जैसे क्षेत्रीय दलों को चुनौती देना है. फारूक अब्दुल्ला और उनके पुत्र उमर अब्दुल्ला (नेकां) तथा महबूबा मुफ्ती (पीडीपी) सहित अन्य नेताओं पर जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया है. इन नेताओं को शुरुआत में एहतियातन नजरबंद किया गया था और बाद में उन पर पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया.

बुखारी ने सभी राजनीतिक नेताओं की रिहाई की अपील की और कहा कि वह लोगों को बदली हुई हकीकत से अवगत कराएंगे. उन्होंने कहा, 'मैंने अन्य नेताओं के कदम उठाने के लिए धैर्यपूर्वक कई हफ्तों तक इंतजार किया और फिर खुद ही आगे आने का फैसला किया.'

बुखारी ने कहा कि वह पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की सराहना करते हैं. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि वह सिद्धांतों पर चलने वाले व्यक्ति हैं और अपने खुद के राजनीतिक लक्ष्यों को लेकर वह कभी भी लोगों को परेशानी में नहीं डालेंगे.'

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के सत्ता में आने पर वह हर तरह का समर्थन करेंगे. उन्होंने कहा, 'मेरा लक्ष्य लोगों को राहत मुहैया करना है. यह मेरी पार्टी के जरिए या सत्ता में आने वाली किसी अन्य पार्टी के जरिए हो सकता है. लोगों के चेहरे पर मुस्कान सुनिश्चित करने के लिए मैं पूरा समर्थन करूंगा.'

पढ़ें : जानिए 370 हटाने पर क्या बोले राजनीतिक दलों के नेता

बुखारी ने कहा कि नए राजनीतिक परिदृश्य में हर पार्टी को लोगों को पूर्ववर्ती राज्य की बदली हुई हकीकत के बारे में जागरूक करना चाहिए. उन्होंने कहा, 'उन्हें हासिल किए जा सकने योग्य सपने दिखाउंगा और मृगमरीचिका नहीं. मेरा कहना है कि मैं समय को वापस नहीं ले जा सकता और जम्मू कश्मीर का विशेष दर्ज बहाल नहीं कर सकता लेकिन मैं पूर्ण राज्य की वापसी और नौकरियों एवं शिक्षा क्षेत्रों में मूल निवासियों को प्राथमिकता देने के लिए काम करूंगा. उन्होंने कहा कि ये सभी मेरी पार्टी के घोषणापत्र का हिस्सा होंगे, जिसका ऐलान रविवार को श्रीनगर में और बाद में अगले हफ्ते जम्मू में किया जाएगा.

श्रीनगर : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के पूर्व नेता सैयद अल्ताफ बुखारी ने रविवार को एक नए राजनीतिक दल 'जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी' (जेकेएपी) की स्थापना का एलान किया. नई पार्टी का मुख्य उद्देश्य पिछले साल पांच अगस्त से अनिश्चितता का सामना कर रहे लोगों को राहत मुहैया करना होगा.

उन्होंने कहा कि हम लोगों के मसले का हल ढूंढना चाहते हैं. उनकी परेशानियों को दूर करना चाहते हैं.

जब उनसे पूछा गया कि संसद ने कहा है कि यहां की स्थित अच्छी कर देंगे तो पार्टी का गठन क्यों? इस पर उन्होंने कहा कि संसद में बहुत सी बातें कही जाती हैं, क्या वह सब पूरी हो जाती है?

ईटीवी भारत ने की सैयद अल्ताफ बुखारी से बात

जब उनसे पूछा गया कि क्या आपको भाजपा का समर्थन मिल रहा है तो उन्होंने कहा कि प्रदेश में कई पार्टी हैं तो उनको हम निकाल दें. यदि कोई पार्टी कहे कि हम उनके (जम्मू-कश्मीर के लोगों) मसले को दूर करेंगे तो क्या हम उन्हें बोलने से रोक देंगे?

कृषि विज्ञान में स्नातक बुखारी (60) के साथ नेशनल कांफ्रेंस (नेकां), पीडीपी, कांग्रेस और भाजपा सहित कई अन्य राजनीतिक दलों के नेता भी होंगे. उनके साथ आने वाले प्रमुख नेताओं में विजय बाकया, रफी मीर (नेकां), उस्मान माजिद (कांग्रेस के पूर्व विधायक), गुलाम हसन मीर (पूर्व निर्दलीय विधायक), जावेद हुसैन बेग, दिलावर मीर, नूर मोहम्मद, जफर मनहास, अब्दुल माजिद पद्दार, अब्दुल रहीम राठेर (पीडीपी), गगन भगत (भाजपा) और कांग्रेस के मंजीत सिंह तथा विक्रम मल्होत्रा शामिल हैं.

पांच अगस्त के बाद जम्मू-कश्मीर में यह पहली राजनीतिक गतिविधि होगी. उसी दिन केंद्र सरकार ने पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों 'जम्मू कश्मीर और लद्दाख' में विभाजित करने की घोषणा की थी.

राज्य के पूर्व वित्त मंत्री एवं कारोबारी से नेता बने बुखारी ने कहा, 'हां, मैं संयोग से राजनीति में आया, लेकिन राजनीति का मेरा विचार अलग है. मेरा मानना है कि यह एक ऐसी जगह है जहां आप अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमताओं से लोगों की सेवा कर सकते हैं.'

मीडिया को जानकारी देते सैयद अल्ताफ बुखारी

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महबूबा मुफ्ती से दूरी बनने तक बुखारी पीडीपी में थे. जून 2018 में भाजपा के समर्थन वापस लेने के बाद महबूबा की सरकार अल्पमत में आ गई थी. पीडीपी के कामकाज को लेकर महबूबा और बुखारी में मतभेद थे.

इस नई पार्टी का लक्ष्य नेकां और पीडीपी जैसे क्षेत्रीय दलों को चुनौती देना है. फारूक अब्दुल्ला और उनके पुत्र उमर अब्दुल्ला (नेकां) तथा महबूबा मुफ्ती (पीडीपी) सहित अन्य नेताओं पर जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया है. इन नेताओं को शुरुआत में एहतियातन नजरबंद किया गया था और बाद में उन पर पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया.

बुखारी ने सभी राजनीतिक नेताओं की रिहाई की अपील की और कहा कि वह लोगों को बदली हुई हकीकत से अवगत कराएंगे. उन्होंने कहा, 'मैंने अन्य नेताओं के कदम उठाने के लिए धैर्यपूर्वक कई हफ्तों तक इंतजार किया और फिर खुद ही आगे आने का फैसला किया.'

बुखारी ने कहा कि वह पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की सराहना करते हैं. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि वह सिद्धांतों पर चलने वाले व्यक्ति हैं और अपने खुद के राजनीतिक लक्ष्यों को लेकर वह कभी भी लोगों को परेशानी में नहीं डालेंगे.'

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के सत्ता में आने पर वह हर तरह का समर्थन करेंगे. उन्होंने कहा, 'मेरा लक्ष्य लोगों को राहत मुहैया करना है. यह मेरी पार्टी के जरिए या सत्ता में आने वाली किसी अन्य पार्टी के जरिए हो सकता है. लोगों के चेहरे पर मुस्कान सुनिश्चित करने के लिए मैं पूरा समर्थन करूंगा.'

पढ़ें : जानिए 370 हटाने पर क्या बोले राजनीतिक दलों के नेता

बुखारी ने कहा कि नए राजनीतिक परिदृश्य में हर पार्टी को लोगों को पूर्ववर्ती राज्य की बदली हुई हकीकत के बारे में जागरूक करना चाहिए. उन्होंने कहा, 'उन्हें हासिल किए जा सकने योग्य सपने दिखाउंगा और मृगमरीचिका नहीं. मेरा कहना है कि मैं समय को वापस नहीं ले जा सकता और जम्मू कश्मीर का विशेष दर्ज बहाल नहीं कर सकता लेकिन मैं पूर्ण राज्य की वापसी और नौकरियों एवं शिक्षा क्षेत्रों में मूल निवासियों को प्राथमिकता देने के लिए काम करूंगा. उन्होंने कहा कि ये सभी मेरी पार्टी के घोषणापत्र का हिस्सा होंगे, जिसका ऐलान रविवार को श्रीनगर में और बाद में अगले हफ्ते जम्मू में किया जाएगा.

Last Updated : Mar 8, 2020, 4:59 PM IST
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