ETV Bharat / bharat

पूर्व आतंकियों की पाकिस्तानी पत्नियों ने की भारतीय नागरिकता देने की अपील

author img

By

Published : Dec 8, 2020, 1:03 PM IST

Updated : Dec 8, 2020, 2:40 PM IST

कश्मीर के पूर्व आतंकियों की पाकिस्तानी पत्नियों ने केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार से अपील की है कि या तो उन्हें भारतीय नागरिकता प्रदान की जाए, या फिर उन्हें पाकिस्तान निर्वासित किया जाए.

भारतीय नागरिता देने की अपील
भारतीय नागरिता देने की अपील

श्रीनगर: मुख्यधारा में लौट चुके पूर्व आतंकियों की पाकिस्तानी पत्नियों ने केंद्र सरकार से भारतीय नागरिकता देने की अपील की है. उन्होंने सोमवार को केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार से अपील की कि या तो उन्हें भारतीय नगारिकता प्रदान की जाए, या फिर उन्हें निर्वासित किया जाए.

ये महिलाएं पिछले एक दशक में अपने पतियों के साथ सरेंडर करने वाले आतंकवादियों के लिए पुनर्वास योजना के तहत कश्मीर आई हैं. इन्होंने सोमवार को श्रीनगर में विरोध प्रदर्शन किया है.

प्रदर्शन करतीं पूर्व आतंकियों की पाकिस्तानी पत्नियों

श्रीनगर प्रेस कॉलोनी में प्रदर्शन के दौरान एक प्रदर्शनकारी मिस्बाह ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'भारतीय नागरिकता पाना हमारा अधिकार है. हमें यहां का नागरिक बनाया जाना चाहिए, जैसा कि किसी भी देश में पुरुषों से शादी करने वाली महिलाओं के साथ होता है. हम भारत सरकार और राज्य सरकार से अपील करते हैं कि या तो हमें नागरिकता प्रदान करें या हमें निर्वासित करें.'

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार उन्हें नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार उनके परिवारों से मिलने जाने के लिए यात्रा दस्तावेज देने से इनकार कर रही है.

उन्होंने कहा, 'मुझे अपने पति के साथ यहां आए आठ साल से ज्यादा हो गए हैं. कुछ महिलाएं यहां लगभग 15 सालों से हैं. हमारी अपनी कोई पहचान नहीं है. हम चुनाव में मतदान कर सकते हैं और चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन हमारा पासपोर्ट नहीं हो सकता.'

मिस्बाह ने आगे कहा कि हम अपने माता-पिता से मिलना चाहते हैं. अगर हमने कुछ भी गलत किया है तो हमें जेल में डाल दो और हमें पाकिस्तान भेज दो. प्रशासन हमें यहां लाया, हमें बहुत सी चीजों का वादा किया और अब कुछ भी नहीं किया जा रहा है.

पढ़ें- जम्मू-कश्मीर: पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती घर में नजरबंद

बता दें कि 2010 में, जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पूर्व कश्मीरी आतंकवादियों के लिए पुनर्वास नीति की घोषणा की थी, जो 1989 से 2009 के बीच पाकिस्तान में चले गए थे.

जिसके बाद 2016 तक, सैकड़ों कश्मीरी अपने परिवार के साथ नेपाल की सीमा से होते हुए कश्मीर लौटे, जिसके बाद केंद्र द्वारा इस नीति को बंद कर दिया गया.

श्रीनगर: मुख्यधारा में लौट चुके पूर्व आतंकियों की पाकिस्तानी पत्नियों ने केंद्र सरकार से भारतीय नागरिकता देने की अपील की है. उन्होंने सोमवार को केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार से अपील की कि या तो उन्हें भारतीय नगारिकता प्रदान की जाए, या फिर उन्हें निर्वासित किया जाए.

ये महिलाएं पिछले एक दशक में अपने पतियों के साथ सरेंडर करने वाले आतंकवादियों के लिए पुनर्वास योजना के तहत कश्मीर आई हैं. इन्होंने सोमवार को श्रीनगर में विरोध प्रदर्शन किया है.

प्रदर्शन करतीं पूर्व आतंकियों की पाकिस्तानी पत्नियों

श्रीनगर प्रेस कॉलोनी में प्रदर्शन के दौरान एक प्रदर्शनकारी मिस्बाह ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'भारतीय नागरिकता पाना हमारा अधिकार है. हमें यहां का नागरिक बनाया जाना चाहिए, जैसा कि किसी भी देश में पुरुषों से शादी करने वाली महिलाओं के साथ होता है. हम भारत सरकार और राज्य सरकार से अपील करते हैं कि या तो हमें नागरिकता प्रदान करें या हमें निर्वासित करें.'

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार उन्हें नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार उनके परिवारों से मिलने जाने के लिए यात्रा दस्तावेज देने से इनकार कर रही है.

उन्होंने कहा, 'मुझे अपने पति के साथ यहां आए आठ साल से ज्यादा हो गए हैं. कुछ महिलाएं यहां लगभग 15 सालों से हैं. हमारी अपनी कोई पहचान नहीं है. हम चुनाव में मतदान कर सकते हैं और चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन हमारा पासपोर्ट नहीं हो सकता.'

मिस्बाह ने आगे कहा कि हम अपने माता-पिता से मिलना चाहते हैं. अगर हमने कुछ भी गलत किया है तो हमें जेल में डाल दो और हमें पाकिस्तान भेज दो. प्रशासन हमें यहां लाया, हमें बहुत सी चीजों का वादा किया और अब कुछ भी नहीं किया जा रहा है.

पढ़ें- जम्मू-कश्मीर: पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती घर में नजरबंद

बता दें कि 2010 में, जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पूर्व कश्मीरी आतंकवादियों के लिए पुनर्वास नीति की घोषणा की थी, जो 1989 से 2009 के बीच पाकिस्तान में चले गए थे.

जिसके बाद 2016 तक, सैकड़ों कश्मीरी अपने परिवार के साथ नेपाल की सीमा से होते हुए कश्मीर लौटे, जिसके बाद केंद्र द्वारा इस नीति को बंद कर दिया गया.

Last Updated : Dec 8, 2020, 2:40 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.