नई दिल्ली : भारत की तरफ से स्पष्ट है कि इस साल प्रस्तावित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) समिट के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को निमंत्रण भेजा जाएगा. भारत के इस निमंत्रण को अलग-अलग दृष्टिकोणों से देखा जा रहा है. ऐसे में पूर्व राजनयिक अचल मल्होत्रा ने ईटीवी भारत से बातचीत में अपनी राय स्पष्ट की है.
लगभग तीन दशकों तक भारत की विदेश सेवाओं में काम कर चुके अचल मल्होत्रा ने दावा किया कि उन्होंने पाकिस्तान के प्रति भारत सरकार की नीतियों में कोई बदलाव नहीं देखा.
पाक की आतंकी गतिविधियों में कोई बदलाव नहीं
उन्होंने आगे कहा कि भारत की यह नीति है कि आतंक और बातचीत दोनों ही चीजें साथ में नहीं चल सकती. भारत के खिलाफ पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं है, ऐसे में मुझे नहीं लगता कि भारत पाकिस्तान के प्रति अपनी विदेश नीति में किसी तरह का कोई बदलाव करेगा.
पाक के चीन से संबंध अच्छे
मल्होत्रा ने इस पर कोई बात नहीं की कि क्या पाकिस्तान भारत के निमंत्रण को स्वीकार करेगा या नहीं. उन्होंने कहा कि एससीओ का संचालन चीन करता है और चीन पाकिस्तान का सबसे करीबी सहयोगी है. वहीं बात यदि रूस की करें तो इस्लामाबाद से रूस के भी अच्छे संबंध हैं. इसलिए संभावना है कि पाकिस्तान का प्रस्ताव से इनकार करना इन दोनों ही देशों को पसंद नहीं आएगा.
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भारत करेगा मेजबानी
गौरतलब है कि अपनी हालिया भारत यात्रा के दौरान, SCO के महासचिव व्लादिमीर नोरोव ने घोषणा की कि इस वर्ष भारत में SCO के प्रमुखों की बैठक होगी. हालांकि शिखर सम्मेलन की अंतिम तारीख का निर्धारण बाकी है.
इससे पहले एक साप्ताहिक प्रेस वार्ता के दौरान, MEA के प्रवक्ता रवीश कुमार ने मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए स्वीकार किया कि भारत SCO प्रोटोकॉल का पालन करेगा और पाकिस्तान को निमंत्रण भेजेगा.