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भारतीय संस्कृति को सहजता से अपना रहे विदेशी मेहमान, देखें वीडियो

कर्नाटक के दावणगेरे में एक अनूठी मिसाल देखने को मिल रही है, जहां कई विदेशी भारतीय संस्कृति को पूरे मन से अपना रहे हैं. वह यहां योग, साधना से लेकर पर्यावरण चेतना भी जागृत कर रहे हैं. देखें, किस तरह विदेशी भारतीय संस्कृति की ओर आकर्षित होकर इसमें घुलमिल जाते हैं.

भारतीय संस्कृति में लिप्त विदेशी
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Published : Jun 16, 2019, 10:35 PM IST

बेंगलुरु: ऐसा माना जाता है कि भारतीय पश्चिमी संस्कृति की ओर आकर्षित हो रहे हैं लेकिन आज के समय की बात करें तो कई विदेशी भारतीय संस्कृति की ओर न सिर्फ आकर्षित हो रहे हैं बल्कि उसे अपना भी रहे हैं. ऐसा ही कर्नाटक के दावणगेरे में देखने को मिला, जहां कई विदेश भारतीय योग और पूजा-पाठ कर खुद को तनाव मुक्त बनाने के लिए भारत आ रहे हैं.

भारतीय संस्कृति में लीन हुए विदेशी

विदोशियों को किया जा रहा है प्रशिक्षित
कर्नाटक के दावणगेरे में हरिहरा पंचमाशली जगद्गुरु पीठ में ऐसे कई विदोशियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है, जो भारतीय संस्कृति की ओर आकर्षित हैं.

भोजन और आश्रय तक की सुविधा
यहां पंचमाशली पीठ में वाचनानंद स्वामीजी अलग-अलग देशों से आए कई विदेशियों को भारतीय संस्कृति, योग, ध्यान और आध्यात्मिकता सिखा रहे हैं. खास बता ये है कि स्वामीजी इन्हें सिर्फ संस्कृति ही नहीं बल्कि उन्हें भोजन, कपड़े और आश्रय की भी सुविधा दे रहे हैं.

यहां योग से लेकर पूजा-पाठ तक करते हैं विदेशी

विदेशियों में फैल रही पर्यावरण चेतना
इसके अलावा स्वामीजी यहां पर्यावरण चेतना भी फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए वह विदेशियों को पेड़ लगाने की भी सीख दे रहे हैं. यहां कई पेड़ लगाए जाते हैं, जिन्हें विदेशी अपने हाथों से लगाते हैं.

विदेशी अपने हाथों से लगाते हैं पेड़

अंतरराष्ट्रीय पीठ बनाने का है स्वामीजी का सपना
बता दें, स्वामीजी का पंचमाशली पीठ को एक अंतरराष्ट्रीय पीठ बनाने का सपना है. साथ ही साथ वह इस पीठ को भारत का राष्ट्रीय पर्यटन स्थल भी बनाना चाहते हैं. स्वामीजी चाहते हैं कि भारतीय संस्कृति को पूरी दुनिया में लोग जानें.

बेंगलुरु: ऐसा माना जाता है कि भारतीय पश्चिमी संस्कृति की ओर आकर्षित हो रहे हैं लेकिन आज के समय की बात करें तो कई विदेशी भारतीय संस्कृति की ओर न सिर्फ आकर्षित हो रहे हैं बल्कि उसे अपना भी रहे हैं. ऐसा ही कर्नाटक के दावणगेरे में देखने को मिला, जहां कई विदेश भारतीय योग और पूजा-पाठ कर खुद को तनाव मुक्त बनाने के लिए भारत आ रहे हैं.

भारतीय संस्कृति में लीन हुए विदेशी

विदोशियों को किया जा रहा है प्रशिक्षित
कर्नाटक के दावणगेरे में हरिहरा पंचमाशली जगद्गुरु पीठ में ऐसे कई विदोशियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है, जो भारतीय संस्कृति की ओर आकर्षित हैं.

भोजन और आश्रय तक की सुविधा
यहां पंचमाशली पीठ में वाचनानंद स्वामीजी अलग-अलग देशों से आए कई विदेशियों को भारतीय संस्कृति, योग, ध्यान और आध्यात्मिकता सिखा रहे हैं. खास बता ये है कि स्वामीजी इन्हें सिर्फ संस्कृति ही नहीं बल्कि उन्हें भोजन, कपड़े और आश्रय की भी सुविधा दे रहे हैं.

यहां योग से लेकर पूजा-पाठ तक करते हैं विदेशी

विदेशियों में फैल रही पर्यावरण चेतना
इसके अलावा स्वामीजी यहां पर्यावरण चेतना भी फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए वह विदेशियों को पेड़ लगाने की भी सीख दे रहे हैं. यहां कई पेड़ लगाए जाते हैं, जिन्हें विदेशी अपने हाथों से लगाते हैं.

विदेशी अपने हाथों से लगाते हैं पेड़

अंतरराष्ट्रीय पीठ बनाने का है स्वामीजी का सपना
बता दें, स्वामीजी का पंचमाशली पीठ को एक अंतरराष्ट्रीय पीठ बनाने का सपना है. साथ ही साथ वह इस पीठ को भारत का राष्ट्रीय पर्यटन स्थल भी बनाना चाहते हैं. स्वामीजी चाहते हैं कि भारतीय संस्कृति को पूरी दुनिया में लोग जानें.

Intro:Body:

Foriegners learning Indian culture in Harihara panchamasali peet 



Davanagere: It is thought that Indians are diverting towards western culture. But in return foriegners are getting attracted towards indian culture. People are coming india to make themself stress free by practicing Yoga, puja, etc. We they are getting well trained in virahaiva panchamasali jagadguru peet.  



Vachanananda swamiji in Panchamasali peet, Harihara taluk, Davanagere district is teaching yoga, dhyana, spirituality, and indian culture to the foriegners of various countriers. Not only these but Panchamasali Sri has come forward to provoide them food, shelter, wearings etc.



Environmental concious is spread here by planting plants in the math region. Plants are mailny planted through foriegners hand inorder to make the concious regarding environmernt. 



Panchamasali peet swamiji has the thought to make this peet as the international peet. Alson dreaming to make this peet as national tourism spot. And also determined to make our culture known to every other nation too.





Dvg-Forigners Special peeta Pkg



Slug: ವಿದೇಶಿಗರ ಬಾಯಲ್ಲಿ ವೇದ, ಉಪನಿಷತ್ತು... 

ಹರಿಹರದ ವೀರಶೈವ ಪಂಚಮಸಾಲಿ ಪೀಠದಲ್ಲಿ ಆಧ್ಯಾತ್ಮ ದಾಸೋಹ...

Location: ದಾವಣಗೆರೆ



Weblead: ಪಾಶ್ಚಿಮಾತ್ಯ ಸಂಸ್ಕೃತಿಯತ್ತ ಭಾರತೀಯರು ವಾಲುತ್ತಿದ್ದಾರೆ ಎಂಬ ಆರೋಪ ಇದೆ. ಆದ್ರೆ, ವಿದೇಶಿಗರು ಭಾರತೀಯ ಸಂಸ್ಕೃತಿ, ಪರಂಪರೆ ಆಕರ್ಷಿತರಾಗುತ್ತಿದ್ದಾರೆ. ಸಾಗರದಾಟಿ ಬಂದು ತಮ್ಮ ಒತ್ತಡದ ಜೀವನದಿಂದ ಮುಕ್ತರಾಗಲು ಯೋಗದತ್ತಲೂ ಆಸಕ್ತರಾಗುತ್ತಿದ್ದು, ಪೂಜೆ, ಹೋಮ ಹವನಕ್ಕೂ ಮನಸೋತ್ತಿದ್ದಾರೆ. ಇಂಥ ವಿದೇಶಿ ಯುವಕ ಯುವತಿಯರಿಗೆ ದಾವಣಗೆರೆಯ ಹರಿಹರ ಸಮೀಪದ ವೀರಶೈವ 

ಪಂಚಮಸಾಲಿ ಸಮಾಜದ ಜಗದ್ಗುರು ಪೀಠದಲ್ಲಿ ನಮ್ಮ ಆಚಾರ-ವಿಚಾರ, ಯೋಗ ಮಹತ್ವ ಸೇರಿದಂತೆ ಪರಂಪರೆ ಸಾರುವ ವಿಚಾರಗಳ ಬಗ್ಗೆ ಆಧ್ಯಾತ್ಮ ದಾಸೋಹ ನಡೆಯುತ್ತಿದೆ.

 



V/o1: ತುಂಗಾಭದ್ರಾ ನದಿ ದಂಡೆಯ ಮೇಲೆ 12 ನೇ ಶತಮಾನದಿಂದ ಹರಿ ಮತ್ತು ಹರ 

ಒಂದೇ ಶಿಲೆಯಲ್ಲಿ ಪೂಜಿಸಲ್ಪಡುವ ತಾಣವಿದು. ಈ ಪುಣ್ಯಸ್ಥಳದಲ್ಲೀಗ ದೇಶ, ವಿದೇಶಗಳಿಂದ ಬಂದವರಿಗೆ ಯೋಗ, ಧ್ಯಾನ, ಆಧ್ಯಾತ್ಮಿಕ, ಭಾರತೀಯ ಪರಂಪರೆ ತಿಳಿಸಿಕೊಡಲಾಗುತ್ತಿದೆ. ದಾವಣಗೆರೆ ಜಿಲ್ಲೆ ಹರಿಹರ ತಾಲೂಕಿನ ವೀರಶೈವ ಪಂಚಮಸಾಲಿ ಪೀಠದ 

ಪೀಠಾಧ್ಯಕ್ಷ ವಚನಾನಂದ ಸ್ವಾಮೀಜಿ ಈ ಕೈಂಕರ್ಯ ಕೈಗೊಂಡಿದ್ದಾರೆ. ಹೋಮ ಹವನ, ಲಿಂಗ ಪೂಜೆ ಸೇರಿದಂತೆ ಭಾರತೀಯ ಸಂಸ್ಕೃತಿ, ಪರಂಪರೆಯನ್ನ ವಿದೇಶಿಗರಿಗೆ ಹೇಳಿ ಕೊಡುತ್ತಿದ್ದಾರೆ...



(ಪ್ಲೋ) 



V/o2: 



ಇಲ್ಲಿಗೆ ಬಂದಿರುವ ವಿದೇಶಿಗರಿಗೆ ಬರಿ ಯೋಗ ಮಾತ್ರವಲ್ಲದೆ, ಪೂಜೆ, ಉಪನಿಷತ್ತು, 

ಊಟದ ಪದ್ಧತಿ, ಉಡುಗೆ ತೊಡುಗೆ, ಅಕ್ಷರ, ಆಶ್ರಯ ಹಾಗೂ ಆಧ್ಮಾತ್ಮದ ಬಗ್ಗೆ ಹೇಳಿಕೊಡುವ ಮೂಲಕ ಪಂಚದಾಸೋಹ ಪೀಠವನ್ನಾಗಿಸುವ ಕಾರ್ಯಕ್ಕೆ ಶ್ರೀಗಳು ಮುಂದಾಗಿದ್ದಾರೆ.



(ಪ್ಲೋ) 



Gfx: 

ಮಠದ ಆವರಣದಲ್ಲಿ ನಡೆಯುತ್ತಿದೆ ಸಸ್ಯಕ್ರಾಂತಿ...!



V/o3:  



ಮಠ ಹಚ್ಚಹಸಿರಿನಿಂದ ಕಂಗೊಳಿಸುವಂತೆ ಮಾಡಬೇಕು ಎಂಬ ಸಂಕಲ್ಪ ಹೊಂದಿರುವ ವಚನಾನಂದ ಸ್ವಾಮೀಜಿ, ಅಪರೂಪದ ಔಷಧಿ ಗುಣವುಳ್ಳ, ಭಕ್ತರ ಕಣ್ಮನ ಸೆಳೆಯುವ ಮತ್ತು ಪರಿಸರದಲ್ಲಿ 

ಇಂಗಾಲದ ಡೈ ಆಕ್ಸೈಡ್ ಪ್ರಮಾಣ ಕಡಿಮೆ ಮಾಡುವ ಸಸಿಗಳನ್ನು ನೆಡುವ ಮೂಲಕ ಪರಿಸರ ಕಾಳಜಿ ತೋರುತ್ತಿದ್ದಾರೆ. ತೆಂಗಿನ ಸಸಿಗಳನ್ನು ಈ ವಿದೇಶಿಗರಿಂದಲೇ ನೆಡುವ ಮೂಲಕ ಅವರಲ್ಲೂ ಪರಿಸರ ಪ್ರಜ್ಞೆಯನ್ನು ಮೂಡಿಸುತ್ತಿದ್ದಾರೆ. ಈ ಬಗ್ಗೆ ಪ್ರತಿಕ್ರಿಯಿಸಿದ  ವಿದೇಶಿ ಯುವತಿ ಗ್ರಥಾ, ಇದೊಂದು ಒಳ್ಳೆ ಅನುಭವ. ಮೊದಲ ಬಾರಿಗೆ ಇಲ್ಲಿಗೆ ಬರುತ್ತಿದ್ದೇನೆ. ಈಗ ನೆಡುವ ಸಸಿ ಮುಂದೆ ದೊಡ್ಡ ಮರವಾಗುತ್ತೆ ಅಂತ ಸಂತಸ ವ್ಯಕ್ತಪಡಿಸಿದ್ರು.



ಬೈಟ್, ಗ್ರಥಾ, ವಿದೇಶಿ ಯುವತಿ



V/o4:  ಹರಿಹರ ಪಂಚಮಸಾಲಿ ಪೀಠವನ್ನು ಅಂತಾರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಪೀಠವನ್ನಾಗಿಸಬೇಕು ಎಂಬ ಸಂಕಲ್ಪ ಹೊಂದಿದ್ದಾರೆ. ಮಾತ್ರವಲ್ಲ, ಹರಿಹರವನ್ನು ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಪ್ರವಾಸೋದ್ಯಮ ತಾಣವನ್ನಾಗಿಸಬೇಕೆಂಬ ಕನಸು. ಜೊತೆಗೆ ನಮ್ಮ ಪರಂಪರೆಯನ್ನು 

ಬೇರೆ ಬೇರೆ ರಾಷ್ಟ್ರಗಳಿಗೂ ತಿಳಿಯುವಂತೆ ಮಾಡಬೇಕು ಎಂಬ ಕನಸು ಹೊತ್ತಿದ್ದಾರೆ. 



ಬೈಟ್, ವಚನಾನಂದ ಸ್ವಾಮೀಜಿ, ಹರಿಹರ ವೀರಶೈವ ಪಂಚಮಸಾಲಿ ಪೀಠಾಧ್ಯಕ್ಷರು



ಒಟ್ಟಿನಲ್ಲಿ ಭಾರತೀಯ ಸಂಸ್ಕೃತಿ, ಪರಂಪರೆ, ಜೀವನ ಶೈಲಿ, ಯೋಗ ಮಹತ್ವ ಹೇಳಿಕೊಡುವ ಜೊತೆಗೆ ಪರಿಸರ ಕಾಳಜಿ 

ಮೂಡಿಸುತ್ತಿರುವ ವಚನಾನಂದ ಶ್ರೀಗಳ ಕಾರ್ಯಕ್ಕೆ ಎಲ್ಲೆಡೆ ಮೆಚ್ಚುಗೆ ವ್ಯಕ್ತವಾಗಿದೆ. 


Conclusion:
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