नई दिल्ली : लद्दाख में भारत-चीन तनाव को लेकर दोनों देशों के बीच कूटनीतिक स्तर का संवाद किया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक विदेश मंत्रालय ने कहा है कि तनाव की अवधि में भारतीय सेना ने जिम्मेदारी दिखाई है. केंद्र सरकार ने कहा, 'दोनों पक्षों ने शांति बनाए रखने के लिए बातचीत के माध्यम से स्थिति को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने के लिए एक तंत्र स्थापित किया है. हम संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता बनाए रखने के लिए दृढ़ हैं.'
सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार ने कहा है कि हमारे सैनिकों ने एक जिम्मेदार तरीका अपनाया है और प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं.
नेपाल के नए मानचित्र के मुद्दे पर सूत्रों ने कहा कि सरकार इस मुद्दे की निगरानी कर रही है. सूत्रों ने कहा कि सरकार इस मामले पर नेपाल में सावधानी से विचार किया जा रहा है.
सूत्रों के मुताबिक भारत आपसी विश्वास के आधार पर सभी पड़ोसियों के साथ संबंध कायम रखने के लिए हमेशा तैयार है. इसके लिए सकारात्मक और रचनात्मक कदम की आवश्यकता है.
द्विपक्षीय संबंधों को लेकर सरकार ने कहा कि भारत-नेपाल को बहुत महत्व देता है. सरकार ने कहा कि हाल के वर्षों में संबंध एक उच्चतर ट्रजेक्टरी (trajectory) पर हैं. यह सहयोग का एक स्पष्ट विस्तार है.
केंद्र ने कहा कि भारत चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भी नेपाल में दवाओं सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति जारी रखता है.
वंदे भारत मिशन से जुड़े एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय ने कहा कि, 'वंदे भारत मिशन के द्वितीय चरण के अंत तक 60 देशों से 100,000 यात्रियों को वापस लाने का लक्ष्य रखा गया है.' केंद्र ने कहा कि वंदे भारत के तीसरे चरण की तैयारी अच्छी तरह से चल रही है.
समाचार एजेंसी के सूत्र के मुताबिक टिड्डी दल के हमले के मुद्दे पर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के साथ सहयोग से जुड़े मुद्दे पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाक के साथ संचार का एक मौजूदा स्थानीय चैनल है, जो सामान्य रूप से हर साल जून में सक्रिय होता है. इस वर्ष चिंताजनक स्थिति को देखते हुए, भारत ने चैनल को सक्रिय करने का सुझाव दिया था, लेकिन पाकिस्तान की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.