श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर की डल झील में फ्लोटिंग एम्बुलेंस की शुरुआत की जा रही है. यहां लोगों को बुनियादी चिकित्सा सुविधाएं मिल सकेंगी. इस बोट एम्बुलेंस के आने से डल झील के पास रहने वाले हजारों लोगों को राहत मिलेगी.
इसके पहले लोगों को इलाज के लिए समस्याओं का सामना करना पड़ता था. लोगों को आने-जाने में भी बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ता था.
मरीजों को आने के लिए नाव का इंतजार करना पड़ता था. नाव के आने बाद ही उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया जाता था. लोगों को रात के समय में विशेष रूप से मुश्किलों का सामना करना पड़ता था.
सामाजिक कार्यकर्ता तारिक अहमद पाटलो को बोट एम्बुलेंस सेवा शुरू करने का विचार आया. पाटलो ने कहा कि वह वर्षों से लोगों की समस्याएं देख रहे हैं और इस मुद्दे का सामना कर रहे हैं, लेकिन किसी के पास इसका कोई हल नहीं था.
उन्होंने बताया कि कोविड -19 महामारी के दौरान इसके बारे में सोचा. वे खुद कोरोना संक्रमित थे और लोग उनके पास आने से डर रहे थे. ऐसे में इलाज या किसी तरह की कोई मदद नहीं मिल पा रही थी. अस्पताल जाना भी एक मुद्दा बन गया क्योंकि नाव के मालिक भी कोरोना के डर से उन्हें नहीं बिठाते थे. तब विचार आया की एक एम्बुलेंस होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि जब कोई बीमार पड़ता है तो उसे नाव से अस्पताल ले जाना एक लंबा समय लेने वाली प्रक्रिया होता था और रोगी को उस दौरान बहुत तकलीफ होती है.
उन्होंने बताया कि कुछ दिनों में नाव तैयार हो जाएगी. अभी इसमें मोटर लगाना बाकी है. हम एम्बुलेंस के लिए कुछ डॉक्टरों के साथ भी बातचीत कर रहे हैं, जो इसमें 24 घंटे अपनी सेवाएं दे सकें.
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दिल्ली स्थित एक गैर सरकारी संगठन सत्या रेखा, बोट एम्बुलेंस सेवा शुरू करने में पाटलो की आर्थिक मदद कर रहा है. उन्होंने कहा कि उपकरणों के लिए सरकार के समर्थन और डॉक्टरों की दैनिक सेवा की आवश्यकता होगी जिससे डल झील के आसपास रहने वाले मरीजों को समय पर मदद मिल सके.