अमरावती : आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती के शिलान्यास को पांच साल हो गए हैं. लेकिन वाईएसआर कांग्रेस सरकार की सरकार ने राज्य की तीन राजधानियां बनाने का फैसला किया है. इस फैसले का अमरावती और आसपास के किसान और नेता विरोध कर रहे हैं.
इसी क्रम में अमरावती संयुक्त कार्रवाई समिति के बैनर तले गुंटूर से पदयात्रा शुरू की गई थी. यह पदयात्रा मदर थेरेसा की प्रतिमा से शुरू होकर कई स्थानों से होते हुए उड्डनारायणिपालम तक गई.
संकट में पड़ जाएगा पांच करोड़ लोगों का भविष्य
अमरावती संयुक्त कार्रवाई समिति के सदस्यों, किसानों और राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस पदयात्रा में भाग लिया. किसानों और अमरावती संयुक्त कार्रवाई समिति के नेताओं ने केंद्र से अपील की है कि राजधानी को बदलने के लिए राज्य की वाईएसआर कांग्रेस सरकार के प्रयासों को विफल किया जाए.
उनका कहा है कि अगर मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी अपनी जिद के साथ आगे बढ़ते हैं और अमरावती से राजधानी को शिफ्ट करते हैं तो आंध्र प्रदेश के पांच करोड़ लोगों का भविष्य संकट में पड़ जाएगा.
पूजा करते आगे बढ़ रहे समिति के सदस्य
अमरावती संयुक्त कार्रवाई समिति की यह पदयात्रा 310 दिन चली. समिति के प्रतिनिधि इस दौरान रास्ते में पड़ने वाले मंदिरों में पूजा करते हुए आगे बढ़ रहे.
उन्होंने यह संदेश दिया कि अमरावती आंदोलन केवल किसानों के बारे में नहीं था, बल्कि यह आंध्र प्रदेश के लोगों के लिए था.