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दिल्ली में 'चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ' की तैयारी, शाह समेत कई हस्तियां करेंगी शिरकत

विश्व हिन्दू परिषद और अशोक सिंघल फाउंडेशन की ओर से राष्ट्रीय राजधानी में एक महायज्ञ की तैयारी की जा रही है. यह महायज्ञ बिरला मंदिर में होगा, जिसमें गृह मंत्री शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला समेत कई दिग्गज हिस्सा लेंगे. महायज्ञ का सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि समारोह पूरी तरह से प्लास्टिक मुक्त होगा. जानें इस बाबत विहिप नेता ने क्या कुछ कहा...

चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ
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Published : Oct 7, 2019, 5:18 PM IST

Updated : Oct 7, 2019, 5:34 PM IST

नई दिल्ली : अशोक सिंघल फाउंडेशन व विश्व हिन्दू परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आगामी 9 से 14 अक्टूबर तक स्थानीय बिरला मंदिर में 'चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ' का आयोजन किया जा रहा है.

गौरतलब है कि इस पांच दिवसीय आयोजन में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी बतौर यजमान शरीक होंगे.

कई नेता पहुंचेंगे आहुति देने
वहीं दूसरी ओर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, सरकार्यवाह भैयाजी जोशी और सहसरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल भी इस यज्ञ में आहुति देने के लिए दिल्ली पहुंचेंगे.

विहिप नेता ने दी जानकारी
विश्व हिन्दू परिषद के नेता दिनेश चंद्र नेइस ने पांच दिवसीय कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि 'चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ' का उद्देश्य समाज से वेदों के प्रति भ्रांतियां दूर करना भी है.

सिंघल ने 2015 में ही बनायी थी महायज्ञ की योजना
दरअसल विश्व हिन्दू परिषद के संस्थापक अशोक सिंघल ने इस महायज्ञ की योजना साल 2015 में ही बनायी थी, लेकिन उनके खराब स्वास्थ्य और फिर उनकी मृत्यु के कारण कार्यक्रम स्थगित हो गया था. अब पूरी भव्यता के साथ इस महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है.

विदेशों से भी आ रहे मेहमान
खास बात यह है कि इस महायज्ञ में देश के सभी राज्यों के अलावा विदेशों से भी कई प्रमुख हस्तियां बतौर यजमान शामिल हो रहे हैं.

पढ़ेंः बंगाल में VHP कर रही बड़ी तैयारियां, जन्माष्टमी के दिन मनाएगी स्थापना दिवस

प्लास्टिक का नहीं हो रहा उपयोग
महायज्ञ की तैयारी अपने अंतिम चरण में है और बिरला मंदिर परिसर को प्राचीन और प्राकृतिक रूप से सजाया जा रहा है. सजावट में इस्तेमाल होने वाले सभी सामान प्राकृतिक श्रोत से ही निर्मित उत्पाद हैं.

बांस, जूट, मिट्टी का किया जा रहा प्रयोग
खास बात ये है कि कहीं भी प्लास्टिक का उपयोग नहीं किया गया है. पंडाल को बनाने और सजाने में बांस, जूट, मिट्टी और गोबर के उपलों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है.

इको फ्रेंडली उत्पाद हो रहे इस्तेमाल
इसके अलावा फूल, बेलपत्र और अन्य तरह के ईको फ्रेंडली उत्पाद ही महायज्ञ के लिए बनाये जा रहे विशाल पंडाल को निर्मित करने में इस्तेमाल किये जा रहे हैं .

सोशल मीडिया का लिया जा रहा सहारा
वेद पुराणों की लोकप्रियता बढ़ाने और उनके उपदेशों को सभी वर्ग के लोगों तक पहुंचाने के लिए विश्व हिन्दू परिषद सोशल मीडिया का भी सहारा ले रही है.

इतना ही नहीं, विहिप नेता दिनेश चंद्र ने ये जानकारी भी दी है कि जल्द ही गुरुग्राम में अशोक सिंघल वेद एवं प्रद्योगिकी विश्वविद्यालय का काम भी शुरू होने जा रहा है.

राम मंदिर से न जोड़ा जाए आयोजन - विहिप
चूंकि यह माहयज्ञ विहिप द्वारा आयोजित किया जा रहा है. साथ ही इसमें संघ और सरकार की तमाम बड़ी हस्तियां शिरकत करेंगी, जिस कारण यह धार्मिक अनुष्ठान एक विशाल आयोजन में तब्दील होना लाजिमी है.

बहरहाल विहिप ने स्पष्ट किया है कि यज्ञ के आयोजन को राम मंदिर मुद्दे से नहीं जोड़ा जाना चाहिए.

नई दिल्ली : अशोक सिंघल फाउंडेशन व विश्व हिन्दू परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आगामी 9 से 14 अक्टूबर तक स्थानीय बिरला मंदिर में 'चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ' का आयोजन किया जा रहा है.

गौरतलब है कि इस पांच दिवसीय आयोजन में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी बतौर यजमान शरीक होंगे.

कई नेता पहुंचेंगे आहुति देने
वहीं दूसरी ओर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, सरकार्यवाह भैयाजी जोशी और सहसरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल भी इस यज्ञ में आहुति देने के लिए दिल्ली पहुंचेंगे.

विहिप नेता ने दी जानकारी
विश्व हिन्दू परिषद के नेता दिनेश चंद्र नेइस ने पांच दिवसीय कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि 'चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ' का उद्देश्य समाज से वेदों के प्रति भ्रांतियां दूर करना भी है.

सिंघल ने 2015 में ही बनायी थी महायज्ञ की योजना
दरअसल विश्व हिन्दू परिषद के संस्थापक अशोक सिंघल ने इस महायज्ञ की योजना साल 2015 में ही बनायी थी, लेकिन उनके खराब स्वास्थ्य और फिर उनकी मृत्यु के कारण कार्यक्रम स्थगित हो गया था. अब पूरी भव्यता के साथ इस महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है.

विदेशों से भी आ रहे मेहमान
खास बात यह है कि इस महायज्ञ में देश के सभी राज्यों के अलावा विदेशों से भी कई प्रमुख हस्तियां बतौर यजमान शामिल हो रहे हैं.

पढ़ेंः बंगाल में VHP कर रही बड़ी तैयारियां, जन्माष्टमी के दिन मनाएगी स्थापना दिवस

प्लास्टिक का नहीं हो रहा उपयोग
महायज्ञ की तैयारी अपने अंतिम चरण में है और बिरला मंदिर परिसर को प्राचीन और प्राकृतिक रूप से सजाया जा रहा है. सजावट में इस्तेमाल होने वाले सभी सामान प्राकृतिक श्रोत से ही निर्मित उत्पाद हैं.

बांस, जूट, मिट्टी का किया जा रहा प्रयोग
खास बात ये है कि कहीं भी प्लास्टिक का उपयोग नहीं किया गया है. पंडाल को बनाने और सजाने में बांस, जूट, मिट्टी और गोबर के उपलों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है.

इको फ्रेंडली उत्पाद हो रहे इस्तेमाल
इसके अलावा फूल, बेलपत्र और अन्य तरह के ईको फ्रेंडली उत्पाद ही महायज्ञ के लिए बनाये जा रहे विशाल पंडाल को निर्मित करने में इस्तेमाल किये जा रहे हैं .

सोशल मीडिया का लिया जा रहा सहारा
वेद पुराणों की लोकप्रियता बढ़ाने और उनके उपदेशों को सभी वर्ग के लोगों तक पहुंचाने के लिए विश्व हिन्दू परिषद सोशल मीडिया का भी सहारा ले रही है.

इतना ही नहीं, विहिप नेता दिनेश चंद्र ने ये जानकारी भी दी है कि जल्द ही गुरुग्राम में अशोक सिंघल वेद एवं प्रद्योगिकी विश्वविद्यालय का काम भी शुरू होने जा रहा है.

राम मंदिर से न जोड़ा जाए आयोजन - विहिप
चूंकि यह माहयज्ञ विहिप द्वारा आयोजित किया जा रहा है. साथ ही इसमें संघ और सरकार की तमाम बड़ी हस्तियां शिरकत करेंगी, जिस कारण यह धार्मिक अनुष्ठान एक विशाल आयोजन में तब्दील होना लाजिमी है.

बहरहाल विहिप ने स्पष्ट किया है कि यज्ञ के आयोजन को राम मंदिर मुद्दे से नहीं जोड़ा जाना चाहिए.

Intro:विश्व हिन्दू परिषद और अशोक सिंघल फाउंडेशन द्वारा दिल्ली के बिरला मंदिर में 9 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक 'चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ' का आयोजन किया जा रहा है । इस महायज्ञ में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी बतौर यजमान शरीक होंगे । आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, सरकार्यवाह भैयाजी जोशी और सहसरकार्यवाह डॉ कृष्ण गोपाल भी इस यज्ञ में आहुति देने के लिये दिल्ली पहुँचेंगे ।
पाँच दिवसीय इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए विश्व हिन्दू परिषद के वरिष्ठ नेता दिनेश चंद्र ने बताया कि चतुर्वेद स्वाहाकार महायज्ञ का उद्देश्य समाज से वेदों के प्रति भ्रांतियां दूर करना भी है ।


Body:विश्व हिन्दू परिषद के संस्थापक अशोक सिंघल ने इस महायज्ञ की योजना साल 2015 में ही की थी लेकिन उनके खराब स्वास्थ्य और उसके बाद उनकी मृत्यु के कारण कार्यक्रम स्थगित हो गया था । अब तीन साल बाद इसे आयोजित किया जा रहा है ।
इस महायज्ञ में देश के सभी राज्यों के अलावा विदेशों से भी कई प्रमुख हस्तियां बतौर यजमान शामिल हो रहे हैं ।

यज्ञ की तैयारी अपने अंतिम चरण में है और बिरला मंदिर परिसर को प्राचीन और प्रकीर्तिक रूप से सजाया जा रहा है । सजावट में इस्तेमाल होने वाले सभी सामान प्रकीर्तिक श्रोत से ही आये हुए उत्पादों से किये जा रहे हैं । खास बात ये है कि कहीं भी प्लास्टिक का उपयोग नहीं किया गया है । पंडाल को बनाने और सजाने में बाँस, जूट, मिट्टी और गोबर के उपलों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है । इसके अलावा फूल , बेलपत्र और अन्य तरह की ईको फ्रेंडली उत्पादों का इस्तेमाल ही यज्ञ के लिये बनाये जा रहे विशाल पांडाल को निर्मित करने के लिये इस्तेमाल किये जा रहे हैं ।

वेद पुराणों की लोकप्रियता बढ़ाने और उनके उपदेशों को सभी वर्ग के लोगों तक पहुंचाने के लिये विश्व हिन्दू परिषद सोशल मीडिया का भी सहारा ले रही है । इतना ही नहीं, विहिप नेता दिनेश चंद्र ने ये जानकारी भी दी है कि जल्द ही गुरुग्राम में अशोक सिंघल वेद एवं प्रद्योगिकी विश्वविद्यालय का काम भी शुरू होने जा रहा है ।



Conclusion:विहिप द्वारा इस महायज्ञ के आयोजन और इसमें पहुँच रहे संघ और सरकार के तमाम बड़ी हस्तियों की वजह से यह धार्मिक अनुष्ठान एक विशाल आयोजन में बदल जाना लाज़मी है ।
ऐसे में यज्ञ के समापन पर संघ और विहिप द्वारा क्या संदेश दिया जाता है ये भी देखने वाली बात होगी । बहरहाल विहिप ने ये भी स्पष्ट कर दिया है कि यज्ञ के आयोजन को राम मंदिर से नहीं जोड़ा जाना चाहिये ।
Last Updated : Oct 7, 2019, 5:34 PM IST
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