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धारा 370 हटने के बाद पहली शादी, जम्मू की बेटी बनीं श्रीगंगानगर की बहू

जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्‍मू की बेटी राजस्‍थान की बहू बन गई है. ये अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहला मामला सामने आया है जब किसी जम्मू की लड़की की किसी दूसरे राज्य के लड़के से शादी हुई हो. जम्‍मू की रहने वाली कामिनी राजपूत श्रीगंगानगर जिले की बहू बनी है. कामिनी ने श्रीगंगानगर जिले की पुरानी आबादी इलाके में रहने वाले अक्षय कुक्कड़ से शादी रचाई है.

अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली शादी
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Published : Aug 28, 2019, 8:52 AM IST

Updated : Sep 28, 2019, 1:45 PM IST

श्रीगंगानगरः केंद्र की मोदी सरकार का एक कदम अब लोगों को ना केवल जम्मू-कश्मीर में जाने से राहत देगा बल्कि वहां स्थाई रूप से निवास करने का भी रास्ता खोल दिया है. यही कारण है कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35 ए हटने से अब लोगों का नजरिया बदलने लगा है. धारा 370 हटते ही अब वहां की बेटियां हमारे बीच बहू बनकर सामने आ रही है. ठीक ऐसा ही मामला श्रीगंगानगर में सामने आया है. जब श्रीगंगानगर के अक्षय अरोड़ा ने जम्मू एंड कश्मीर की लड़की से शादी करके वहां की संस्कृति में घुलने मिलने का प्रयास किया है.

अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली शादी

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प्यार के आड़े आ रही थी धारा 370, हटी तो हो गई शादी
श्रीगंगानगर का युवक और जम्मू कश्मीर की युवती का परिचय दिल्ली में हुआ था. धारा 370 के कारण पिछले 2 सालों से प्रेम संबंधों के कारण दोनों विवाह बंधन में नहीं बंध पाए थे और अब एक देश एक संविधान होने पर दो दिलों के बीच की दूरियां भी ज्यादा दिन तक नहीं रह सकी. धारा 370 और 35 ए के कारण जो समस्या थी वह अब समाप्त हो गई है. पुरानी आबादी के चांदनी चौक पर रहने वाले अक्षय कुक्कड़ बताते हैं कि 2 साल पहले वे दिल्ली में जॉब कर रहे थे. वहीं पर जम्मू की कामिनी से उनकी मुलाकात हुई. परिचय हुआ तो पता चला कि कामिनी राजपूत अपनी बुआ के साथ दिल्ली में रहती है.

दिल्ली में हुई कामिनी और अक्षय की मुलाकात
धीरे-धीरे दोनों की मुलाकात प्यार में तब्दील हो गई. कामिनी मूल रूप से जम्मू की रहने वाली है. जम्मू में ही वह पढ़ाई कर रही है. कुछ दिनों के लिए वह दिल्ली अपनी बुआ से मिलने के लिए गई थी और वहां उसकी मुलाकात अक्षय अरोड़ा से हो गई थी. दोनों के बीच जाति भेद हैं. कामिनी बलेहाल जाति से ब्राह्मण राजपूत हैं और अक्षय कुक्कड़ है. दोनों के बीच यह भेद भी कोई समस्या नहीं थी. धारा 370 के कारण दोनों के बीच जो संशय था. वह भी अब समाप्त हो गया था. प्रेमी जोड़ा बताता है कि धारा 370 समाप्त होने के बाद दोनों के परिवारजन भी सहमत हो गए और अब वह विवाह बंधन में बंध गए हैं.

पढ़ें- 'अब अफवाहों के चलते मारपीट करने वालों के खिलाफ मॉब लिंचिंग की धाराओं में दर्ज होंगे मामले'

शादी अंतर राज्य विशेष अधिनियम में पंजीकृत
श्रीगंगानगर में यह पहला मौका है जब जम्मू-कश्मीर की बेटी श्रीगंगानगर में बहू बनकर आई है. जिला कलेक्टर की मुहर लगने के बाद अब कामिनी-अक्षय का विवाह अंतर राज्य विशेष अधिनियम में भी पंजीकृत हो गया है. अक्षय-कामिनी दोनों अपने सपनों को पूरा होते देख काफी खुश हैं. शादी होने के बाद अब अक्षय का परिवार अक्टूबर माह में रिसेप्शन का कार्यक्रम तय किया है, जिसमें जम्मू एंड कश्मीर से काफी रिश्तेदार श्रीगंगानगर में आएंगे. अक्षय अपने माता-पिता के साथ श्रीगंगानगर में हौजरी का व्यवसाय करते हैं.

श्रीगंगानगरः केंद्र की मोदी सरकार का एक कदम अब लोगों को ना केवल जम्मू-कश्मीर में जाने से राहत देगा बल्कि वहां स्थाई रूप से निवास करने का भी रास्ता खोल दिया है. यही कारण है कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35 ए हटने से अब लोगों का नजरिया बदलने लगा है. धारा 370 हटते ही अब वहां की बेटियां हमारे बीच बहू बनकर सामने आ रही है. ठीक ऐसा ही मामला श्रीगंगानगर में सामने आया है. जब श्रीगंगानगर के अक्षय अरोड़ा ने जम्मू एंड कश्मीर की लड़की से शादी करके वहां की संस्कृति में घुलने मिलने का प्रयास किया है.

अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली शादी

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प्यार के आड़े आ रही थी धारा 370, हटी तो हो गई शादी
श्रीगंगानगर का युवक और जम्मू कश्मीर की युवती का परिचय दिल्ली में हुआ था. धारा 370 के कारण पिछले 2 सालों से प्रेम संबंधों के कारण दोनों विवाह बंधन में नहीं बंध पाए थे और अब एक देश एक संविधान होने पर दो दिलों के बीच की दूरियां भी ज्यादा दिन तक नहीं रह सकी. धारा 370 और 35 ए के कारण जो समस्या थी वह अब समाप्त हो गई है. पुरानी आबादी के चांदनी चौक पर रहने वाले अक्षय कुक्कड़ बताते हैं कि 2 साल पहले वे दिल्ली में जॉब कर रहे थे. वहीं पर जम्मू की कामिनी से उनकी मुलाकात हुई. परिचय हुआ तो पता चला कि कामिनी राजपूत अपनी बुआ के साथ दिल्ली में रहती है.

दिल्ली में हुई कामिनी और अक्षय की मुलाकात
धीरे-धीरे दोनों की मुलाकात प्यार में तब्दील हो गई. कामिनी मूल रूप से जम्मू की रहने वाली है. जम्मू में ही वह पढ़ाई कर रही है. कुछ दिनों के लिए वह दिल्ली अपनी बुआ से मिलने के लिए गई थी और वहां उसकी मुलाकात अक्षय अरोड़ा से हो गई थी. दोनों के बीच जाति भेद हैं. कामिनी बलेहाल जाति से ब्राह्मण राजपूत हैं और अक्षय कुक्कड़ है. दोनों के बीच यह भेद भी कोई समस्या नहीं थी. धारा 370 के कारण दोनों के बीच जो संशय था. वह भी अब समाप्त हो गया था. प्रेमी जोड़ा बताता है कि धारा 370 समाप्त होने के बाद दोनों के परिवारजन भी सहमत हो गए और अब वह विवाह बंधन में बंध गए हैं.

पढ़ें- 'अब अफवाहों के चलते मारपीट करने वालों के खिलाफ मॉब लिंचिंग की धाराओं में दर्ज होंगे मामले'

शादी अंतर राज्य विशेष अधिनियम में पंजीकृत
श्रीगंगानगर में यह पहला मौका है जब जम्मू-कश्मीर की बेटी श्रीगंगानगर में बहू बनकर आई है. जिला कलेक्टर की मुहर लगने के बाद अब कामिनी-अक्षय का विवाह अंतर राज्य विशेष अधिनियम में भी पंजीकृत हो गया है. अक्षय-कामिनी दोनों अपने सपनों को पूरा होते देख काफी खुश हैं. शादी होने के बाद अब अक्षय का परिवार अक्टूबर माह में रिसेप्शन का कार्यक्रम तय किया है, जिसमें जम्मू एंड कश्मीर से काफी रिश्तेदार श्रीगंगानगर में आएंगे. अक्षय अपने माता-पिता के साथ श्रीगंगानगर में हौजरी का व्यवसाय करते हैं.

Intro:श्रीगंगानगर : कहते हैं जम्मू कश्मीर की खूबसूरती को ईश्वर का वरदान प्राप्त है. चारों तरफ से खूबसूरत वादियों से घिरा हुआ जम्मू कश्मीर अपनी सुंदरता के कारण भारत का स्वर्ग कहा जाता है. यहां की बर्फीली पहाड़ियां,शांत वातावरण और खूबसूरत नजारे इस राज्य की खूबसूरती में चार चांद लगाती है. इतने खूबसूरत प्रदेश में जब हर समय गोलियों की गूंज सुनाई देती हो तो ऐसी वादियों में जाने से हर कोई डरता है। लेकिन केंद्र की मोदी सरकार का एक कदम अब लोगों को ना केवल जम्मू एंड कश्मीर में जाने से राहत देगा बल्कि वहां स्थाई रूप से निवास करने का भी रास्ता खोल दिया है। यही कारण है कि जम्मू एंड कश्मीर से धारा 370 और 35 ए हटने से अब लोगों का नजरिया बदलने लगा है। जम्मू कश्मीर में धारा 370 के कारण आम आदमी को वहां की संस्कृति से जानने का गहरा अनुभव मिल नहीं पाता था। किंतु धारा 370 हटते ही अब वहां की बेटियां हमारे बीच बहू बनकर सामने आ रही है। ठीक ऐसा ही मामला श्रीगंगानगर में सामने आया है। जब यहां के अक्षय अरोड़ा ने जम्मू एंड कश्मीर प्रदेश की लड़की से शादी करके वहां की संस्कृति में घुलने मिलने का प्रयास किया है। नरेंद्र मोदी की सरकार के बाद जम्मू-कश्मीर की बेटियों को अपना हक मिलने लगा है और इसी कारण बेटियां अपने राज्य से बाहर भी जीवन साथी चुनकर अपना भविष्य सवारने लगी है।


Body:श्रीगंगानगर का युवक और जम्मू कश्मीर की युवती का परिचय दिल्ली में हुआ था। धारा 370 के कारण पिछले 2 सालों से प्रेम संबंधों के कारण भी दोनों विवाह बंधन में नहीं बंध पाए थे और अब देश एक हैं और संविधान भी एक है तो दो दिलों के बीच में भी दूरी ज्यादा दिन तक नहीं रह सकी। धारा 370 और 35 ए के कारण जो समस्या थी वह अब समाप्त हो गई है। पुरानी आबादी के चांदनी चौक पर रहने वाले अक्षय कुक्कड़ बताते हैं कि 2 साल पहले वे दिल्ली में जॉब कर रहे थे। वहीं पर जम्मू की कामिनी से उनकी मुलाकात हुई। परिचय हुआ तो पता चला कि कामिनी राजपूत अपनी बुआ के साथ दिल्ली में रहती है।

धीरे-धीरे दोनों की मुलाकात प्यार में तब्दील हो गई। कामिनी मूल रूप से जम्मू की रहने वाली है। जम्मू में ही वह पढ़ाई कर रही है। कुछ दिनों के लिए वह दिल्ली अपनी बुआ से मिलने के लिए गई थी और वहां उसकी मुलाकात अक्षय अरोड़ा से हो गई थी। दोनों के बीच जाति भेद हैं। कामिनी बलेहाल जाति से ब्राह्मण राजपूत हैं और अक्षय अरोड़ा है। दोनों के बीच यह भेद भी कोई समस्या नहीं थी। 5 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के प्रयास से जम्मू कश्मीर की बेटियों को नया हक मिला। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारतीय संविधान लागू हो गया। धारा 370 के कारण दोनों के बीच जो संशय था वह भी अब समाप्त हो गया था। यह प्रेमी जोड़ा बताता है कि धारा 370 समाप्त होने के बाद दोनों के परिवारजन भी सहमत हो गए और अब वह विवाह बंधन में बंध गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धारा 370 और 35 ए को समाप्त करके जम्मू कश्मीर की बेटियों को उनका हक दिलाया है। अब जम्मू एण्ड कश्मीर की संस्कृति के साथ भारत का हर समुदाय और प्रदेश जुड़ गया है जो 70 सालों से अलग था।

कामिनी के पिता महेंद्र सिंह खुद का व्यवसाय करते हैं। छोटा भाई अजीत सिंह स्टूडियो का काम करता है तो वही बड़ा भाई बबलू इलेक्ट्रिशियन है। अक्षय की मानें तो धारा 370 हटाने के बाद अब जम्मू एंड कश्मीर की परिस्थितियां बदल रही है और जल्दी ही सब कुछ सामान्य हो जाएगा। हालांकि वे कहते हैं कि जो लोग विरोध कर रहे हैं उनका काम विरोध करने का है। श्रीगंगानगर में यह पहला मौका है जब जम्मू-कश्मीर की बेटी श्रीगंगानगर में बहू बनकर आई है.खासकर 370 के समाप्त होने के बाद. इस घटना के बाद संभव है कि जम्मू एंड कश्मीर की ओर भी बेटियां को अब अपना हक मांगने में संविधान बाधा नहीं बनेगा और देश हर नागरिक की तरह जम्मू कश्मीर के लोग भी अब बेहतर जीवन व्यतीत कर सकेंगे। जिला कलेक्टर की मुहर लगने के बाद अब कामिनी-अक्षय का विवाह अंतर राज्य विशेष अधिनियम में भी पंजीकृत हो गया है। अक्षय-कामिनी दोनों अपने सपनों को पूरा होते देख काफी खुश हैं.शादी होने के बाद अब अक्षय का परिवार अक्टूबर माह में रिसेप्शन का कार्यक्रम तय किया है.जिसमें जम्मू एंड कश्मीर से काफी रिश्तेदार श्रीगंगानगर में आएंगे.अक्षय अपने माता-पिता के साथ गंगानगर में होजरी का व्यवसाय करते है।

बाइट : अक्षय अरोड़ा
बाइट : कृष्णा देवी,अक्षय की माँ
बाइट : महेंद्र अरोड़ा,अक्षय पिता


Conclusion:धारा हटने से जम्मू एण्ड कश्मीर से जुड़ेंगे देशवासी।
Last Updated : Sep 28, 2019, 1:45 PM IST
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