भुवनेश्वर : ओडिशा में सोमवार को कोरोना वायरस के पहले मामले की पुष्टि की गई. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हाल ही में इटली से लौटा एक शोधकर्ता कोविड-19 की जांच में वायरस से संक्रमित पाया गया है. यह मरीज छह मार्च को इटली से दिल्ली लौटा था और 12 मार्च को ट्रेन से भुवनेश्वर पहुंचा था.
उन्होंने बताया कि 33 वर्षीय व्यक्ति का यहां कैपिटल हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है.
कोरोना वायरस मामलों पर राज्य सरकार के प्रमुख प्रवक्ता सुब्रतो बागची ने संवाददाताओं को बताया, 'उसकी हालत स्थिर है और उसमें किसी अन्य तरह की परेशानी नहीं दिख रही है.'
यह मरीज छह मार्च को इटली से दिल्ली लौटा था और 12 मार्च को ट्रेन से भुवनेश्वर पहुंचा था.
अधिकारी ने बताया कि बुखार और सिर दर्द की शिकायत लेकर वह 13 मार्च को डॉक्टर के पास गया.
बागची ने बताया, 'बाद में वह 14 मार्च को कैपिटल हॉस्पिटल में पहुंचा जहां उसे पृथक वार्ड में भर्ती कराया गया. चिकित्सीय जांच के लिए उसके नमूने भेजे गए और जांच में पुष्टि हुई कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित है.'
उन्होंने बताया कि चूंकि यह व्यक्ति ट्रेन से दिल्ली से भुवनेश्वर पहुंचा इसलिए राज्य सरकार ने उसके संपर्क में आए लोगों का पता लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
अधिकारी ने बताया कि उसके संपर्क में आने वाले सभी व्यक्तियों का पता लगाने के प्रयास जारी हैं.
बागची ने बताया कि उसके परिवार के सदस्यों को पृथक और निगरानी में रखा गया है. ट्रेन में शोधकर्ता के साथ सफर करने वाले लोगों के डेटा जुटाए जा रहे हैं ताकि उनका पता लगाया जा सके और उन्हें भी पृथक किया जा सके.
उन्होंने मीडिया के लोगों को संक्रमित व्यक्ति और उसके परिवार के सदस्यों की पहचान उजागर नहीं करने की सलाह दी है. साथ ही बाइट लेने के लिए अस्पताल जाकर इलाज को प्रभावित कर खुद भी संक्रमित होने का जोखिम नहीं मोल लेने को कहा है.
कोरोना वायरस प्रकोप के मद्देनजर राज्य सरकार ने भुवनेश्वर और कटक में 31 मार्च तक सभी शॉपिंग मॉल बंद रखने का आदेश दिया है.
पुलिस आयुक्तालय ने ट्वीट किया, 'ओडिशा शहरी पुलिस कानून की धारा 35 के तहत पुलिस आयुक्त ने भुवनेश्वर और कटक के शहरों में सभी मॉल 31 मार्च 2020 तक बंद रखने का आदेश दिया है. यह आदेश 16 मार्च, 2020 से प्रभावी होगा.'
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गंजम, खुर्दा, गजपति और झारसुगुड़ा जिलों के अधिकारियों ने वैश्विक महामारी के कारण उतपन्न हो रही स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार के कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं.
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजीटीए) ने पुरी के 12वीं सदी के मंदिर के श्रद्धालुओं एवं सेवकों के लिए कुछ प्रतिबंध लगाए हैं.
एसजीटीए के प्रमुख प्रशासक कृष्ण कुमार ने बताया कि सेवकों को मंदिर में अनुष्ठान के वक्त मास्क पहनने होंगे, नियमित रूप से हाथ धोने होंगे, हाथ, मुंह और नाक छूने से बचना होगा.
उन्होंने कहा कि मंदिर में प्रवेश से पहले श्रद्धालुओं को फॉर्म जमा करने होंगे जिनमें उन्हें अपने स्वस्थ होने की घोषणा करनी होगी. इसके अलावा उन्हें कम से कम दो मीटर के अंतर पर कतार में खड़ा रहना होगा.
इसके अलावा अरुण स्तंभ, गरुड़ स्तंभ और मंदिर की मूर्तियों को छूने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है.