चंडीगढ़ : कुछ दिन पहले चीन से भारत लौटे व्यक्ति को सिरदर्द और सांस लेने की शिकायत के बाद पीजीआई चंडीगढ़ में दाखिल करवाया गया. हालांकि उसे वेंटिलेशन पर नहीं रखा गया है.
पीजीआई डॉक्टर मरीज की गहनता से जांच कर रहे हैं और कोरोना वायरस की जांच के लिए सैंपल पुणे की लैब को भेजे गए हैं ताकि पता चल सके कि ये नॉर्मल वायरस है या फिर कोरोना वायरस है.
वहीं पीजीआई ने सभी उत्तर भारत के राज्यों को एक पत्र लिखा है कि किसी भी प्रकार के इस तरह के मरीज उनके राज्य में आएं तो उन्हें पीजीआई न भेजकर उनके टेस्ट पुणे को भेजें ताकि पीजीआई पर ज्यादा प्रेशर न पड़े.
हालांकि चंडीगड़ पीजीआई में दाखिल मरीज के प्रारम्भिक टेस्ट में अभी तक कुछ ऐसा निकल कर नहीं आया है कि मरीज कोरोना वायरस से संक्रमित है.
वहीं जानलेवा कोरोना वायरस को लेकर चंडीगढ़ में एडवाइजरी भी जारी कर दी गई है. यूटी प्रशासन ने इससे बचाव के लिए दिशा-निर्देश जारी करते हुए खासतौर पर होटल संचालकों को सतर्क रहने को कहा है. जारी की गई एडवाइजरी में होटल संचालकों को चीन, थाईलैंड और जापान से आने वाले पर्यटकों को लेकर आगाह किया गया है.
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होटल संचालकों को उन जगहों से आने वाले लोगों का पूरा रिकॉर्ड रखने को कहा गया है. वहीं किसी भी पर्यटक या जनसामान्य में कोरोना वायरस के लक्षण दिखने पर यूटी प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को उसकी तत्काल सूचना देने को कहा गया है. इससे बचाव के लिए सरकारी और निजी अस्पतालों को भी तैयार करने का निर्देश दिया गया है.
चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर बाहर से आने वाले यात्रियों खासकर चीन की फ्लाइट से आने वालों पर खास नजर रखने को कहा गया है. वहीं जो व्यक्ति कुछ दिन पहले चीन गया हो या वहां से आए व्यक्ति के संपर्क में हो. उस पर नजर रखने की भी हिदायत दी गई है.
क्या है कोरोना वायरस?
विषाणुओं का एक बड़ा समूह है कोरोना, जो जानवरों में आम है. अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीएस) के अनुसार, कोरोना वायरस जानवरों से मनुष्यों तक पहुंच जाता है. अब एक नया चीनी कोरोना वायरस, सार्स वायरस की तरह है, जिसने सैकड़ों लोगों को संक्रमित किया है. माना जा रहा है कि यह संभवतः एक जानवर में शुरू हुआ और मनुष्यों में फैल गया. कोरोना वायरस के लक्षणों में नाक बहना, खांसी, गले में खराश, कभी-कभी सिरदर्द और शायद बुखार शामिल है, जो कुछ दिनों तक रह सकता है. कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों के, जिनकी रोगों से लड़ने की ताकत कम है, के लिए यह घातक है. बुजुर्ग और बच्चे इसके आसान शिकार हैं.
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कोरोना वायरस कैसे फैलता है?
कोरोना वायरस के दो रूप हैं- एमईआरएस और सार्स. कोरोना वायरस जानवरों के साथ मानव संपर्क से फैल सकता है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, वैज्ञानिकों को लगता है कि एमईआरएस ने ऊंटों से निकल कर संक्रमित किया था, जबकि सार्स के प्रसार के लिए सिवेट बिल्लियों को दोषी ठहराया गया था. जब वायरस के मानव-से-मानव संचरण की बात आती है, तो अक्सर ऐसा तब होता है, जब कोई व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति के स्राव के संपर्क में आता है. वायरस कितना वायरल है, इसके आधार पर खांसी, छींक या हाथ मिलाना जोखिम का कारण बन सकता है. किसी संक्रमित व्यक्ति के छूने और फिर अपने मुंह, नाक या आंखों को छूने से भी वायरस का संक्रमण हो सकता है.