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कैलाश मानसरोवर यात्रा : तीर्थ यात्रियों का पहला जत्था उत्तराखंड लौटा, बताए अनुभव

कैलाश मानसरोवर यात्रा पर गया तीर्थ यात्रियों का पहला दल सोमवार को पिथौरागढ़ लौट आया है.सभी तीर्थयात्री पवित्र कैलाश और मानसरोवर झील के दर्शनों से खासे उत्साहित हैं. जानें मानसरोवर का मनोरम दृश्य देखने के बाद यात्रियों ने उत्साहित होकर ईटीवी भारत से बातचीत में क्या कुछ कहा....

कैलाश मानसरोवर यात्रा पर गया तीर्थ यात्रियों का पहला दल लौटा
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Published : Jul 1, 2019, 11:21 PM IST

पिथौरागढ़: विश्व प्रसिद्ध कैलाश मानसरोवर यात्रा पर गया तीर्थ यात्रियों का पहला दल सोमवार को उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ लौट आया है. 58 तीर्थयात्रियों के इस दल में 9 महिलाएं भी शामिल हैं. सभी तीर्थयात्री पवित्र कैलाश और मानसरोवर झील के दर्शनों से खासे उत्साहित हैं.

कैलाश मानसरोवर की परिक्रमा पूरी कर वापस लौटे पहले दल के सभी यात्रियों का पिथौरागढ़ टीआरसी में जोरदार स्वागत किया गया. पिथौरागढ़ में लंच के बाद दल जागेश्वर धाम (अल्मोड़ा) के लिए रवाना हो गया. मंगलवार को ये दल जागेश्वर धाम से दिल्ली के लिए रवाना होगा.

कैलाश मानसरोवर यात्रा पर गया तीर्थ यात्रियों का पहला दल पिथौरागढ़ लौटा

पिथौरागढ़ पहुंचने पर यात्रियों ने ईटीवी भारत से अपने अनुभव साझा किए. जिसमें पहली बार कैलाश मानसरोवर यात्रा पर गए युवा तीर्थ यात्री पंकज गहलोत ने इसे साहसिक और आध्यात्मिक यात्रा का संगम बताया. साथ ही कहा कि यात्रा में पवित्र कैलाश मानसरोवर के साथ यमद्वार, मानस, राक्षस ताल और चरण स्पर्श के दर्शन किये.

वहीं लगातार मानसरोवर यात्रा पर जा रहे श्रद्धालु धर्मेद्र सिंह गुर्जर ने बताया कि पिछली बार की अपेक्षा इस बार चीन में उन्हें बेहतर सुविधाएं देखने को मिली. साथ ही उन्होंने बताया कि चीन में मानसरोवर झील पर आस्था की डुबकी लगाने पर इस साल भी प्रतिबंध था. जिसे उन्होंने पर्यावरण और तीर्थ स्थल की पवित्रता बरकरार रखने के लिए जरूरी बताया.

ये भी पढ़े: बाबा बर्फानी की जय के साथ शुरू हुई अमरनाथ यात्रा, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

वहीं यात्रियों को इस बात की खुशी है कि उनकी यात्रा में मौसम पूरी तरह मेहरबान रहा. लेकिन यात्रा मार्ग में यात्रियों को दुर्गम बर्फीले और पहाड़ी रास्तों का सामना करना पड़ा. साथ ही यात्रियों ने केएमवीएन और आईटीबीपी का शुक्रिया अदा किया.

पिथौरागढ़: विश्व प्रसिद्ध कैलाश मानसरोवर यात्रा पर गया तीर्थ यात्रियों का पहला दल सोमवार को उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ लौट आया है. 58 तीर्थयात्रियों के इस दल में 9 महिलाएं भी शामिल हैं. सभी तीर्थयात्री पवित्र कैलाश और मानसरोवर झील के दर्शनों से खासे उत्साहित हैं.

कैलाश मानसरोवर की परिक्रमा पूरी कर वापस लौटे पहले दल के सभी यात्रियों का पिथौरागढ़ टीआरसी में जोरदार स्वागत किया गया. पिथौरागढ़ में लंच के बाद दल जागेश्वर धाम (अल्मोड़ा) के लिए रवाना हो गया. मंगलवार को ये दल जागेश्वर धाम से दिल्ली के लिए रवाना होगा.

कैलाश मानसरोवर यात्रा पर गया तीर्थ यात्रियों का पहला दल पिथौरागढ़ लौटा

पिथौरागढ़ पहुंचने पर यात्रियों ने ईटीवी भारत से अपने अनुभव साझा किए. जिसमें पहली बार कैलाश मानसरोवर यात्रा पर गए युवा तीर्थ यात्री पंकज गहलोत ने इसे साहसिक और आध्यात्मिक यात्रा का संगम बताया. साथ ही कहा कि यात्रा में पवित्र कैलाश मानसरोवर के साथ यमद्वार, मानस, राक्षस ताल और चरण स्पर्श के दर्शन किये.

वहीं लगातार मानसरोवर यात्रा पर जा रहे श्रद्धालु धर्मेद्र सिंह गुर्जर ने बताया कि पिछली बार की अपेक्षा इस बार चीन में उन्हें बेहतर सुविधाएं देखने को मिली. साथ ही उन्होंने बताया कि चीन में मानसरोवर झील पर आस्था की डुबकी लगाने पर इस साल भी प्रतिबंध था. जिसे उन्होंने पर्यावरण और तीर्थ स्थल की पवित्रता बरकरार रखने के लिए जरूरी बताया.

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वहीं यात्रियों को इस बात की खुशी है कि उनकी यात्रा में मौसम पूरी तरह मेहरबान रहा. लेकिन यात्रा मार्ग में यात्रियों को दुर्गम बर्फीले और पहाड़ी रास्तों का सामना करना पड़ा. साथ ही यात्रियों ने केएमवीएन और आईटीबीपी का शुक्रिया अदा किया.

Intro:पिथौरागढ़: विश्व प्रसिद्ध कैलाश मानसरोवर यात्रा पर गया तीर्थ यात्रियों का पहला दल पिथौरागढ़ लौट आया है। 58 तीर्थयात्रियों के इस दल में 9 महिलाएं भी शामिल है। सभी तीर्थयात्री पवित्र कैलाश और मानसरोवर झील के दर्शनों से खासे उत्साहित है। दुनिया की सबसे दुर्गम पैदल यात्रा करने के बाद भी तीर्थयात्रियों में जोश देखते ही बन रहा है।

कैलाश मानसरोवर की परिक्रमा पूरी कर वापस लौटे पहले दल के सभी यात्रियों का पिथौरागढ़ टीआरसी में जोरदार स्वागत किया गया। पिथौरागढ़ में लंच के बाद यात्री दल जागेश्वर धाम (अल्मोड़ा) के लिए रवाना हो गया है। कल ये दल जागेश्वर धाम से दिल्ली के लिए रवाना होगा। पिथौरागढ़ पहुंचने पर यात्रियों ने ईटीवी भारत से अपने अनुभव साझा किए। पहली बार कैलाश मानसरोवर पर गए युवा तीर्थ यात्रियों ने इसे साहसिक और आध्यात्मिक यात्रा का संगम बताया। यात्रियों ने पवित्र कैलाश मानसरोवर के साथ ही यमद्वार, मानस, राक्षस ताल, चरण स्पर्श इत्यादि जगहों के दर्शन किये। वही लगातार मानसरोवर यात्रा पर जा रहे श्रद्धालुओं ने बताया कि पिछली बार की अपेक्षा इस बार चीन में उन्हें बेहतर सुविधाएं देखने को मिली। वहीं चीन में मानसरोवर झील पर आस्था की डुबकी लगाने पर इस साल भी प्रतिबंध रहा जिस पर यात्रियों ने इसे पर्यावरण और तीर्थ स्थल की पवित्रता बरकरार रखने के लिए जरूरी बताया। सभी यात्रियों को इस बात की खुसी है कि उनकी यात्रा में मौसम पूरी तरह मेहरबान रहा। लेकिन यात्रा मार्ग में यात्रियों को दुर्गम बर्फीले और पहाड़ी रास्तों का सामना करना पड़ा। यात्रियों ने केएमवीएन और आईटीबीपी का शुक्रिया भी अदा किया।

Byte1: पंकज गहलोत, जोधपुर (राजस्थान)
Byte2: धर्मेद्र सिंह गुर्जर, ग्वालियर (MP)




Body:पिथौरागढ़: विश्व प्रसिद्ध कैलाश मानसरोवर यात्रा पर गया तीर्थ यात्रियों का पहला दल पिथौरागढ़ लौट आया है। 58 तीर्थयात्रियों के इस दल में 9 महिलाएं भी शामिल है। सभी तीर्थयात्री पवित्र कैलाश और मानसरोवर झील के दर्शनों से खासे उत्साहित है। दुनिया की सबसे दुर्गम पैदल यात्रा करने के बाद भी तीर्थयात्रियों में जोश देखते ही बन रहा है।

कैलाश मानसरोवर की परिक्रमा पूरी कर वापस लौटे पहले दल के सभी यात्रियों का पिथौरागढ़ टीआरसी में जोरदार स्वागत किया गया। पिथौरागढ़ में लंच के बाद यात्री दल जागेश्वर धाम (अल्मोड़ा) के लिए रवाना हो गया है। कल ये दल जागेश्वर धाम से दिल्ली के लिए रवाना होगा। पिथौरागढ़ पहुंचने पर यात्रियों ने ईटीवी भारत से अपने अनुभव साझा किए। पहली बार कैलाश मानसरोवर पर गए युवा तीर्थ यात्रियों ने इसे साहसिक और आध्यात्मिक यात्रा का संगम बताया। यात्रियों ने पवित्र कैलाश मानसरोवर के साथ ही यमद्वार, मानस, राक्षस ताल, चरण स्पर्श इत्यादि जगहों के दर्शन किये। वही लगातार मानसरोवर यात्रा पर जा रहे श्रद्धालुओं ने बताया कि पिछली बार की अपेक्षा इस बार चीन में उन्हें बेहतर सुविधाएं देखने को मिली। वहीं चीन में मानसरोवर झील पर आस्था की डुबकी लगाने पर इस साल भी प्रतिबंध रहा जिस पर यात्रियों ने इसे पर्यावरण और तीर्थ स्थल की पवित्रता बरकरार रखने के लिए जरूरी बताया। सभी यात्रियों को इस बात की खुसी है कि उनकी यात्रा में मौसम पूरी तरह मेहरबान रहा। लेकिन यात्रा मार्ग में यात्रियों को दुर्गम बर्फीले और पहाड़ी रास्तों का सामना करना पड़ा। यात्रियों ने केएमवीएन और आईटीबीपी का शुक्रिया भी अदा किया।

Byte1: पंकज गहलोत, जोधपुर (राजस्थान)
Byte2: धर्मेद्र सिंह गुर्जर, ग्वालियर (MP)




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