नई दिल्ली : भारतीय वायुसेना ने जानकारी दी है कि 29 जुलाई को भारत को पांच राफेल विमानों की पहली खेप मिल जाएगी. यह लड़ाकू विमान 29 जुलाई को अंबाला एयर फोर्स के स्टेशन पर पहुंचेंगे. इन विमानों को 20 अगस्त को वायुसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा.
वायुसेना के एयर क्रू और ग्राउंड क्रू ने फ्रांस में अत्यधिक उन्नत हथियार प्रणालियों से लैस विमान का गहन प्रशिक्षण लिया है. वायुसेना अधिकारियों ने बताया कि लड़ाकू विमानों के आने के बाद उनके परिचालन का फैसला लिया जाएगा.
बता दें, पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर चीन के साथ गतिरोध के बीच वायुसेना के शीर्ष कमांडर इस सप्ताह लद्दाख में बैठक करेंगे. इस दौरान राफेल लड़ाकू विमानों की भारत-चीन सीमा पर तैनाती की भी चर्चा की जाएगी.
भारतीय वायुसेना के शीर्ष कमांडरों की दो दिवसीय वार्ता 22 जुलाई से शुरू होगी.
सूत्रों ने कहा कि वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया की अगुवाई में होने वाली इस बैठक का प्रमुख मुद्दा पूर्वी लद्दाख और उत्तरी सीमाओं में सैन्य बल द्वारा की गई फॉरवर्ड ब्लॉक होगा. इस बैठक में सातों कमांडर इन चीफ शामिल होंगे.
वायुसेना ने अपने आधुनिक बेड़े जैसे मिराज 2000, सुखोई -30 और मिग -29 के सभी लड़ाकू विमानों को अग्रिम चौकियों पर तैनात किया है, जिनके द्वारा सीमा पर दिन-रात निगरानी की जा रही है.
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अपग्रेड अपाचे हेलीकॉप्टर को भी भारत चीन सीमा की अग्रिम चौकियों पर तैनात किया गया है, जो रात के समय भी पूर्वी लद्दाख सीमा पर लगातार चौकसी बरत रहे हैं.