हैदराबाद : पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सेना के हजारों सैनिक और उपकरण पूर्वी लद्दाख सीमा पर तैनात है. दुनिया की दो सबसे बड़ी सैन्य शक्ति के बीच का टकराव नए स्तर और नए मोर्चे पर आ खड़ी हुई है.
वहीं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर भारतीय और चीनी इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के बीच अभूतपूर्व रूप से भयंकर युद्ध शुक्रवार-शनिवार को पोस्ट में देखा गया. एक वीडियो रविवार को टविटर पर वायरल हो रहा है. वीडियो में घायल और बुरी तरह से खून बहता चीनी सैनिक दिखा रहा है. भारतीय सेना और आईटीबीपी के अर्धसैनिक बलों के द्वारा एक पारदर्शी ढाल के साथ देखा गया. यहां तक कि दो वर्दीधारी ने पत्थर और छड़ के साथ लड़ाई की है. गालियां देते हुए भारतीय सैनिकों ने भी चीन से संबंधित एक सैन्य वाहन पर हमला किया.
यह वीडियो लद्दाख में कहीं शूट किया गया है. एक स्रोत ने ईटीवी भारत से लगभग तीन-चार दिन पहले पूर्वी लद्दाख में हुई घटना की तारीख डालने के लिए बात की.
लेकिन कुछ ही समय बाद, चीनी ट्विटर हैंडल पर पोस्ट हट गए. चीनी सैनिकों की एक तस्वीर पोस्ट की थी, जिसमें लगभग चार बंधे हुए और बुरी तरह से घायल भारतीय सैनिक थे. वीडियो को पहले के वीडियो के समान परिदृश्य में शूट किया गया लगता है, लेकिन एक जल निकाय के करीब दिखाई दिया.
कई चीनी सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर वायरल हो रहे कई ऐसे ही वीडियो की भी रिपोर्ट आई है.
भारत और चीन द्वारा टकराव को कम करने के लिए चल रहे प्रयासों के साथ भारतीय सेना ने बयान जारी की. बयान मे कहा गया है कि यह हमारे संज्ञान में लिया गया है कि एक वीडियो सीमाओं पर घटित घटना के नाम पर वायरल हो रहा है. प्रसारित किए जा रहा वीडियो सामग्री प्रमाणित नहीं है. इसे उत्तरी सीमाओं पर स्थिति के साथ जोड़ने का प्रयास दुर्भावनापूर्ण है. वर्तमान में कोई हिंसा नहीं हो रही है.'
यद्यपि सेना ने इसकी पुष्टि करने से इनकार कर दिया. यह समझा जा रहा है कि दोनों सेनाओं के बीच सैन्य विचार-विमर्श प्रतिनिधिमंडल स्तर पर किया जा रहा है.
हालिया घटना के बाद दोनों देशों के बीच सेना और राजनयिक स्तर पर नियमित बातचीत चल रही है.
शनिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि सीमा पर हालिया भारत-चीन सैन्य तनाव को कम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भारत पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की स्पष्ट नीति का पालन कर रहा है और यह एक नया दृष्टिकोण नहीं है. हम लंबे समय से इसका पालन कर रहे हैं. कई बार चीन के साथ स्थिति पैदा होती है. यह पहले भी हो चुका है.
दोनों एशियाई दिग्गज भारत और चीन ने सीमा संकट पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मध्यस्थता करने की अवांछित पेशकश पर विचार करने के लिए स्पष्ट अनिच्छा दिखाई है.