श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि अधिवास कानून असंवैधानिक और अवैध है. दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह ऐसी किसी भी चीज को स्वीकार नहीं करेंगे जो असंवैधानिक हो.
फारूक ने कहा, 'उन्होंने जो कुछ भी किया है, उसके खिलाफ हम लोग एकजुट होकर खड़े हैं. यह गैरकानूनी और असंवैधानिक है. आप कैसे सोच सकते हैं कि मैं कुछ भी असंवैधानिक स्वीकार कर लूंगा.
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच मौजूदा गतिरोध के बारे में उन्होंने कहा कि देशों के बीच विवादों को हल करने के लिए युद्ध कोई समाधान नहीं है.
उन्होंने कहा, 'भारत-चीन या भारत-पाकिस्तान विवाद को बातों से सुलझाया जा सकता है. युद्ध कोई समाधान नहीं है.
फारूक अब्दुल्ला के साथ दो अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों - उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 समाप्त किए जाने के बाद हिरासत में ले लिया गया था. तीनों पर पीएसए एक्ट लगा दिया गया था. बाद में फारूक पर से पीएसए हटाया अया और उन्हें मार्च में रिहा कर दिया गया.
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उन्होंने कहा, 'अल्लाह ने हमें हिम्मत और शक्ति दी, जिसकी बदौलत हमने घर में आठ महीने गुजारे.'