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पिछले 51 दिनों में कश्मीर से 13 हजार युवा लापताः सईदा हमीद

जम्मू कश्मीर को लेकर एक फैक्ट फाइंडिंग टीम ने अपनी रिपोर्ट जारी होने के बाद दावा किया है कि यहां से करीब 13 हजार युवक गायब हैं. इस टीम का नेतृत्व सईदा हमीद ने किया है. वह मुस्लिम महिला मंच की अध्यक्ष हैं. जानें विस्तार से और क्या कुछ कहा है उन्होंने.

ईटीवी भारत से बात करती सैयदा हमीद
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Published : Sep 24, 2019, 6:24 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 8:40 PM IST

नई दिल्ली: जब से जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया है. तब से लेकर आज तक कश्मीर से 13 हजार युवा लापता हैं. उनके बारे में कोई खबर नहीं है. यह दावा मुस्लिम महिला मंच ने किया है. मंच की अध्यक्ष हमिदा सईद हैं. उनके नेतत्व में एक तथ्य अन्वेषण समिति (फैक्ट फाइंडिंग कमेटी) कश्मीर गई थी.

यह कमेटी 17 से 21 सितंबर के बीच कश्मीर गई थी. कमेटी में एन्नी राजा (नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमेन), पूनम कौशिक (प्रगति महिला समिति), कंवलजीत कौर और पंखुरी ज़हीर (NFIW) शामिल थे.

टीम ने सुरक्षा बलों पर बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों के उल्लंघन में शामिल होने का आरोप लगाया है. टीम ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अपनी रिपोर्ट जारी की.

रिपोर्ट जारी होने के बाद मुस्लिम महिला मंच की अध्यक्ष सईदा हमीद ने ईटीवी भारत से बात करते हुए मांग की है कि सरकार को इंटरनेट और मोबाइल फोन सहित कश्मीर में सभी संचार सेवांए बहाल करनी चाहिए.

हमीद ने कहा कि जम्मू कश्मीर के राजनीतिक भविष्य के बारे में सभी निर्णय क्षेत्र के लोगों के साथ बातचीत कर हल किए जाने चाहिए.

उन्होंने कहा कि घाटी में बच्चों और महिलाएं सबसे ज्यादा प्रताड़ित हैं.

बता दें, टीम ने जम्मू कश्मीर यात्रा के दौरान, शोपियां, पुलवामा और बांदीपोरा का दौरा किया. टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोई भी नागरिक रात आठ बजे के बाद सड़क पर नहीं घूम सकता है.

रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू कश्मीर से करीब 13 हजार युवक लापता हैं और उनके बारे में किसी को कोई सूचना नहीं है.

सईदा हमीद से बातचीत

रिपोर्ट में एक घटना क जिक्र करते हुए कहा गया है कि बांदीपोरा में, एक लड़की ने अपनी बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए एक दीपक जलाकर रखने की 'गलती' की, तो सेना के लोगों ने उन पर कर्फ्यू को भंग करने का आरोप लगाया और उसके पिता और भाई को दूर ले गए और उन्हें तब से हिरासत में रखा है.

पढ़ें- जम्मू कश्मीर मुद्दे से निपटने में नेहरू गलत थे, पटेल सही: रविशंकर प्रसाद

इतना ही नहीं रिपोर्ट में कहा गया है कि जम्मू कश्मीर में अस्पताल भी आम दिनों की तरह नहीं चल रहे हैं.

इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि जब कश्मीर में अभिभावकों ने अधिकारियों से अपने बच्चों को बचाने के लिए कहा गया तो उन्होंने उनसे बीस हजार रूपये से साठ हजार रूपये तक जमा करने को कहा गया.

रिपोर्ट में एक घटना का जिक्र करते हुए कहा गया है कि अवसाद की वजह से एक वकील कर्ण की मौत हो गई. और जब बार एसोसिएशन सचिव द्वारा शोक संवेदना जारी की गई, तो उन्हें हिरासत में ले लिया गया.

नई दिल्ली: जब से जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया है. तब से लेकर आज तक कश्मीर से 13 हजार युवा लापता हैं. उनके बारे में कोई खबर नहीं है. यह दावा मुस्लिम महिला मंच ने किया है. मंच की अध्यक्ष हमिदा सईद हैं. उनके नेतत्व में एक तथ्य अन्वेषण समिति (फैक्ट फाइंडिंग कमेटी) कश्मीर गई थी.

यह कमेटी 17 से 21 सितंबर के बीच कश्मीर गई थी. कमेटी में एन्नी राजा (नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमेन), पूनम कौशिक (प्रगति महिला समिति), कंवलजीत कौर और पंखुरी ज़हीर (NFIW) शामिल थे.

टीम ने सुरक्षा बलों पर बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों के उल्लंघन में शामिल होने का आरोप लगाया है. टीम ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अपनी रिपोर्ट जारी की.

रिपोर्ट जारी होने के बाद मुस्लिम महिला मंच की अध्यक्ष सईदा हमीद ने ईटीवी भारत से बात करते हुए मांग की है कि सरकार को इंटरनेट और मोबाइल फोन सहित कश्मीर में सभी संचार सेवांए बहाल करनी चाहिए.

हमीद ने कहा कि जम्मू कश्मीर के राजनीतिक भविष्य के बारे में सभी निर्णय क्षेत्र के लोगों के साथ बातचीत कर हल किए जाने चाहिए.

उन्होंने कहा कि घाटी में बच्चों और महिलाएं सबसे ज्यादा प्रताड़ित हैं.

बता दें, टीम ने जम्मू कश्मीर यात्रा के दौरान, शोपियां, पुलवामा और बांदीपोरा का दौरा किया. टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोई भी नागरिक रात आठ बजे के बाद सड़क पर नहीं घूम सकता है.

रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू कश्मीर से करीब 13 हजार युवक लापता हैं और उनके बारे में किसी को कोई सूचना नहीं है.

सईदा हमीद से बातचीत

रिपोर्ट में एक घटना क जिक्र करते हुए कहा गया है कि बांदीपोरा में, एक लड़की ने अपनी बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए एक दीपक जलाकर रखने की 'गलती' की, तो सेना के लोगों ने उन पर कर्फ्यू को भंग करने का आरोप लगाया और उसके पिता और भाई को दूर ले गए और उन्हें तब से हिरासत में रखा है.

पढ़ें- जम्मू कश्मीर मुद्दे से निपटने में नेहरू गलत थे, पटेल सही: रविशंकर प्रसाद

इतना ही नहीं रिपोर्ट में कहा गया है कि जम्मू कश्मीर में अस्पताल भी आम दिनों की तरह नहीं चल रहे हैं.

इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि जब कश्मीर में अभिभावकों ने अधिकारियों से अपने बच्चों को बचाने के लिए कहा गया तो उन्होंने उनसे बीस हजार रूपये से साठ हजार रूपये तक जमा करने को कहा गया.

रिपोर्ट में एक घटना का जिक्र करते हुए कहा गया है कि अवसाद की वजह से एक वकील कर्ण की मौत हो गई. और जब बार एसोसिएशन सचिव द्वारा शोक संवेदना जारी की गई, तो उन्हें हिरासत में ले लिया गया.

Intro:New Delhi: As many as 13000 youths have gone missing in Jammu & Kashmir ever since Article 370 has been abrogated on August 5. This was alleged by a five member fact finding team who visited Kashmir valley from September 17 to 21.


Body:The team after visiting J &K further said that the security forces in the valley have been involved in massive human rights violations.

The team has released its report of the findings in the national capital on Tuesday. During their stay in Kashmir, the team visited Shopian, Pulwama and Bandipora.

The team in their report has said that no civilian can move on the street after 8 p.m. The report said that in Bandipora, a young girl made the 'mistake' of keeping a lamp lit to read for her board examination. "The army men alleged them of breaching the curfew, and took her father and brother away and they have been put under detention since then," the findings said.

The report further said that hospitals are also not running as usual.

"When parents apporoach the authority for the rescue of their children, they were asked to deposit a sum of Rs 20000 to 60000," the findings said.

The report noted the death of a 30-year-old lawyer from Karna following depression. "When condolence notice was issued by secretary bar association, he was taken into custody," the reported quoted.


Conclusion:"We demand that Government should restore all communications in Kashmir including internet and mobile phone," said Syeda Hameed, president of Muslim Women's Forum to ETV Bharat.

She has also demanded that Government should restore Article 370 and 35A.

"All decisions about the political future of J&K must be taken through a process of dialogue with the people of the region. A time bound inquiry committee must be constituted to look into the excess committee by the army," Hameed said.

The other members of the fact finding committee are Annie Raja (National Federation of Indian Women-NFIW), Poonam Kaushik (pragatisheel mahila samity), Kawaljeet Kaur and Pankhuri Zaheer (NFIW).

end.
Last Updated : Oct 1, 2019, 8:40 PM IST
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