ETV Bharat / bharat

भारत में एक हफ्ते में कोरोना के मामले 61,000 बढ़े, विशेषज्ञों ने जताई चिंता

देश में कोरोना वायरस का कहर जारी है. भारत संक्रमण के मामलों की संख्या के लिहाज से दुनिया का सातवां सबसे प्रभावित देश है. उससे पहले अमेरिका, ब्राजील, रूस, ब्रिटेन, स्पेन और इटली आते हैं. वहीं देश में पिछले एक सप्ताह में करीब 61 हजार कोरोना के मामले सामने आए, जिसके बाद चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों को लगता है कि अगर हालात नियंत्रण से बाहर हुए तो लॉकडाउन फिर लगाना पड़ सकता है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

covid 19 cases in india
कॉन्सेप्ट इमेज.
author img

By

Published : Jun 5, 2020, 10:25 PM IST

नई दिल्ली : देश में अनेक क्षेत्र खुलने के बीच कोरोना के संक्रमण के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है और पिछले एक सप्ताह में करीब 61 हजार मामलों का उछाल आया है, जिसके बाद चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों को लगता है कि अगर हालात नियंत्रण से बाहर हुए तो लॉकडाउन फिर लगाना पड़ सकता है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में शुक्रवार को संक्रमण के एक दिन में रिकॉर्ड 9,851 मामले सामने आए वहीं 273 लोगों की मौत हो गई. इसके बाद देश में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या जहां 2,26,770 पर पहुंच गई है वहीं मौत का आंकड़ा 6,348 पर पहुंच गया है.

लगातार तीन दिन से मामलों में अत्यधिक वृद्धि दर्ज की जा रही है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्विटर पर कुछ आंकड़े साझा किए हैं, जिनके अनुसार स्पेन, जर्मनी, इटली और ब्रिटेन जैसे अधिकतर देशों ने अपने-अपने यहां लॉकडाउन तथा पाबंदियों को तब हटाया, जब उनका कोरोना का ग्राफ या तो समतल हो गया या नीचे की ओर जाने लगा.

भारत में कोविड-19 का ग्राफ लॉकडाउन की अवधि में भी लगातार बढ़ता रहा जहां 31 मई को समाप्त हुए बंद के चौथे चरण में और उसके बाद संक्रमण के मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.

इस समय भारत संक्रमण के मामलों की संख्या के लिहाज से दुनिया का सातवां सबसे प्रभावित देश है. उससे पहले अमेरिका, ब्राजील, रूस, ब्रिटेन, स्पेन और इटली आते हैं.

शालीमार बाग स्थित फोर्टिस अस्पताल के फेफड़ा रोग विभाग के निदेशक डॉ विकास मौर्य ने कहा, 'जब चरणों में लॉकडाउन खोला जाएगा तो मामलों में इजाफा होगा. बुनियादी रूप से लॉकडाउन का इस्तेमाल महामारी से निबटने और उसके प्रकोप को रोकने की तैयारी के लिए किया जाता है.'

उन्होंने कहा, 'जब चरणों में लॉकडाउन खोला जाएगा तो मामले बढ़ेंगे, लेकिन महत्वपूर्ण इस बात का ध्यान रखना है कि हालात बेकाबू नहीं हों और अगर ऐसा होता है तो लॉकडाउन दोबारा लगाना पड़ेगा.'

जानेमाने फेफड़ा रोग विशेषज्ञ डॉ अरविंद कुमार ने कहा कि यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि लोग स्वत: लॉकडाउन का पालन करते रहें और इन चार महत्वपूर्ण सिद्धांतों को अमल में लाएं कि अत्यावश्यक नहीं हो तो बाहर नहीं जाएंगे, हमेशा मास्क पहनेंगे, दूरी बनाकर रखेंगे और हाथ धोते रहेंगे.

उन्होंने कहा, 'फिलहाल तो हालात पुन: लॉकडाउन लगाने के नहीं हैं, लेकिन अगर परिस्थिति बेकाबू हो गई तो फिर से बंद की ओर लौटना पड़ सकता है.'

कोरोना : महाराष्ट्र में 24 घंटे में रिकॉर्ड 139 मौतें, देश में एक दिन में 5,355 लोग स्वस्थ

सर गंगा राम अस्पताल से जुड़े डॉ कुमार ने इस बात पर भी जोर दिया कि धर्मस्थलों और मॉल्स को खोलने की अनुमति देना जल्दबाजी वाला फैसला है क्योंकि यह सुनिश्चित करना बहुत मुश्किल होगा कि लोग नियमों का उल्लंघन नहीं करें.

फोर्टिस अस्पताल, वसंत कुंज के फेफड़ा रोग विभाग के निदेशक डॉ विवेक नांगिया ने भी कहा कि मामलों का तेजी से बढ़ना चिंताजनक है.

उन्होंने कहा कि मॉल्स और धर्मस्थलों को खोलना अभी जल्दबाजी है क्योंकि लोगों का जमा होना शुरू हो जाएगा और चीजें नियंत्रण से बाहर हो जाएंगी.

नई दिल्ली : देश में अनेक क्षेत्र खुलने के बीच कोरोना के संक्रमण के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है और पिछले एक सप्ताह में करीब 61 हजार मामलों का उछाल आया है, जिसके बाद चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों को लगता है कि अगर हालात नियंत्रण से बाहर हुए तो लॉकडाउन फिर लगाना पड़ सकता है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में शुक्रवार को संक्रमण के एक दिन में रिकॉर्ड 9,851 मामले सामने आए वहीं 273 लोगों की मौत हो गई. इसके बाद देश में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या जहां 2,26,770 पर पहुंच गई है वहीं मौत का आंकड़ा 6,348 पर पहुंच गया है.

लगातार तीन दिन से मामलों में अत्यधिक वृद्धि दर्ज की जा रही है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्विटर पर कुछ आंकड़े साझा किए हैं, जिनके अनुसार स्पेन, जर्मनी, इटली और ब्रिटेन जैसे अधिकतर देशों ने अपने-अपने यहां लॉकडाउन तथा पाबंदियों को तब हटाया, जब उनका कोरोना का ग्राफ या तो समतल हो गया या नीचे की ओर जाने लगा.

भारत में कोविड-19 का ग्राफ लॉकडाउन की अवधि में भी लगातार बढ़ता रहा जहां 31 मई को समाप्त हुए बंद के चौथे चरण में और उसके बाद संक्रमण के मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.

इस समय भारत संक्रमण के मामलों की संख्या के लिहाज से दुनिया का सातवां सबसे प्रभावित देश है. उससे पहले अमेरिका, ब्राजील, रूस, ब्रिटेन, स्पेन और इटली आते हैं.

शालीमार बाग स्थित फोर्टिस अस्पताल के फेफड़ा रोग विभाग के निदेशक डॉ विकास मौर्य ने कहा, 'जब चरणों में लॉकडाउन खोला जाएगा तो मामलों में इजाफा होगा. बुनियादी रूप से लॉकडाउन का इस्तेमाल महामारी से निबटने और उसके प्रकोप को रोकने की तैयारी के लिए किया जाता है.'

उन्होंने कहा, 'जब चरणों में लॉकडाउन खोला जाएगा तो मामले बढ़ेंगे, लेकिन महत्वपूर्ण इस बात का ध्यान रखना है कि हालात बेकाबू नहीं हों और अगर ऐसा होता है तो लॉकडाउन दोबारा लगाना पड़ेगा.'

जानेमाने फेफड़ा रोग विशेषज्ञ डॉ अरविंद कुमार ने कहा कि यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि लोग स्वत: लॉकडाउन का पालन करते रहें और इन चार महत्वपूर्ण सिद्धांतों को अमल में लाएं कि अत्यावश्यक नहीं हो तो बाहर नहीं जाएंगे, हमेशा मास्क पहनेंगे, दूरी बनाकर रखेंगे और हाथ धोते रहेंगे.

उन्होंने कहा, 'फिलहाल तो हालात पुन: लॉकडाउन लगाने के नहीं हैं, लेकिन अगर परिस्थिति बेकाबू हो गई तो फिर से बंद की ओर लौटना पड़ सकता है.'

कोरोना : महाराष्ट्र में 24 घंटे में रिकॉर्ड 139 मौतें, देश में एक दिन में 5,355 लोग स्वस्थ

सर गंगा राम अस्पताल से जुड़े डॉ कुमार ने इस बात पर भी जोर दिया कि धर्मस्थलों और मॉल्स को खोलने की अनुमति देना जल्दबाजी वाला फैसला है क्योंकि यह सुनिश्चित करना बहुत मुश्किल होगा कि लोग नियमों का उल्लंघन नहीं करें.

फोर्टिस अस्पताल, वसंत कुंज के फेफड़ा रोग विभाग के निदेशक डॉ विवेक नांगिया ने भी कहा कि मामलों का तेजी से बढ़ना चिंताजनक है.

उन्होंने कहा कि मॉल्स और धर्मस्थलों को खोलना अभी जल्दबाजी है क्योंकि लोगों का जमा होना शुरू हो जाएगा और चीजें नियंत्रण से बाहर हो जाएंगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.