नई दिल्ली : केन्द्र सरकार ने भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) और टेलीकॉम निगम लिमिटेड (MTNL) को पुनर्जीवित करने के लिए दो कंपनियों का आपस में विलय करने का फैसला लिया है. सरकार के इस फैसले पर अर्थशास्ती शरद कोहली ने जोर देते हुए कहा कि BSNL और MTNL को पुनर्जीवित करने की जरुरत है.
कोहली ने कहा कि दोनों संस्था अगर युवाओं की प्रतिभा और नई मार्केटिंग और कम्युनिकेशन स्ट्रेटजी की का सही प्रयोग नहीं करती तो सरकार द्वारा लगाया जा रहा पैसा व्यर्थ जाएगा.
उन्होंने कहा कि जब निजी टेलीकाम ऑपरेटर्स ने टेलीकॉम कारोबार में कदम रखा था. तो न तो BSNL और न ही MTNL ने समय के साथ अपने काम करने के तरीके में बदलाव लाई. इसलिए ये कम्पनियां पीछे रह गई.
कोहली ने कहा, 'अगर एक निजी दूरसंचार ऑपरेटर किफायती खर्च के साथ मूल्यवान सेवा प्रदान करते है, तो लोग बीएसएनएल और एमटीएनएल क्यों चुनना पसंद करेंगे.'
उन्होंने कहा कि ये दोनों सार्वजिक कंपनियां को बिजनेस में फायदा नहीं मिला, लेकिन इन अपने खर्ज करने के माडल में कोई सुधार नहीं किया.
हाल ही में कैबिनेट मंत्रालय की एक बैठक हुई थी और दोनों सार्वजिक कम्पनियों को आपस में विलय करने की घोषणा की गई थी.
सरकार इन दोनों घाटे में चल रही कम्पनियों को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रही है.
MTNL BSNL की सहायक के रुप में कार्य करेगी. साथ ही सरकार 29.93 करोड़ रुपये इन कम्पनियों में लगाएगी.
सरकार ने घोषणा की है कि BSNL और MTNLदो कम्पनियों को 4जी स्पेक्ट्रम 2016 के दामों प्रदान किया जाएगा.
सरकार ने इन दोनों टेलीकाम कम्पनियों के लिए वीआरएस पैकेज की घोषणा की.
इस पैकेज के तहत कोई भी कर्मचारी साढ़ें 53 वर्ष और उससे अधिक आयु का वीआरएस में अप्लाई करेगा, उसे 60 वर्ष की आयु तक वेतन, पेंशन और ग्रेच्युटी का 125 प्रतिशत पारिश्रमिक दिया जाएगा.
कोहली ने कहा कि मेरा मानना है कि इस उम्र में बीएसएनएल और एमटीएनएल के कई कर्मचारी वीआरएस का विकल्प चुनेंगे, क्योंकि यह विकल्प उन्हें बाजार में नए सिरे से शुरुआत किए बिना वित्तीय सहायता प्रदान करेगा.