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महाराष्ट्र में क्या होगा, जानें विशेषज्ञों की राय

महाराष्ट्र में राजनीतिक असमंजस की स्थिति बनी हुई है. शिवसेना ने साफ कर दिया है कि वह सीएम पद को लेकर कोई समझौता नहीं करेगी. पार्टी के सभी विधायकों को एक होटल में शिफ्ट कर दिया गया है. दूसरी ओर भाजपा का प्रतिनिधिमंडल आज राज्यपाल से मिला, लेकिन उन्होंने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया. ऐसे में यह सवाल उठने लगा है कि आखिर राज्यपाल के सामने अब क्या विकल्प बचा है.

क्या है राज्यपाल के सामने विकल्प
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Published : Nov 7, 2019, 6:11 PM IST

Updated : Nov 8, 2019, 12:57 PM IST

मुंबई: विधायी मामलों के एक विशेषज्ञ ने गुरुवार को कहा कि अगर महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के लिए कोई भी पार्टी दावा नहीं जताती है, तो फिर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर अगला कदम उठाने का दायित्व होगा.

राज्य विधानसभा के पूर्व सचिव अनंत कलसे ने कहा कि अगर कोई पार्टी आगे नहीं आती है, तो राज्यपाल सरकार बनाने के लिए सबसे बड़े दल को आमंत्रित कर सकते हैं.

कलसे ने कहा, 'अगर पार्टी नई सरकार बनाने में असमर्थता जताती है तो फिर राज्यपाल सरकार बनाने के लिए दूसरी सबसे बड़ी पार्टी को आमंत्रित करेंगे.'

उन्होंने एक मराठी टीवी चैनल को कहा, 'राज्यपाल को ये तौर-तरीके अपनाने होंगे.'

उन्होंने बताया कि नई विधानसभा का पहला सत्र आयोजित करने का फैसला नई सरकार की पहली मंत्रिमंडल बैठक में लिया जाता है. सत्र आयोजित करना मंत्रिमंडल की जिम्मेदारी होती है.

उन्होंने कहा, 'निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव के नतीजे अधिसूचित कर दिए हैं. संवैधानिक प्रावधानों के तहत नई विधानसभा अस्तित्व में आएगी.'

कलसे ने कहा, 'नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण करने तक नई विधानसभा का सत्र नहीं बुलाया जा सकता.'

उन्होंने बताया कि नई सरकार के प्रस्ताव के बाद राज्यपाल नई विधानसभा का सत्र बुलाते हैं, जिसमें सभी नए विधायक शपथ लेते हैं.

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क्या-क्या हैं संभावनाएं

विधायी विशेषज्ञ ने कहा, 'संविधान के अनुसार कार्यवाहक सरकार का कोई प्रावधान नहीं है लेकिन ऐसी घटनाएं हुई हैं, यहां तक कि केंद्र में भी.'

उन्होंने कहा, 'कार्यवाहक सरकार का कार्यकाल संदेहास्पद विषय है, लेकिन नयी सरकार का गठन जल्द ही करना होगा.'

महाराष्ट्र के पूर्व महाधिवक्ता श्रीहरि अनेय ने कहा कि यह 'पुराने समय की बात' थी कि कोई राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के बारे में सोच सकता था.

उन्होंने कहा, 'कई विकल्प हैं और ऐसा फैसला लेने से पहले कुछ कदम उठाने होंगे.'

अनेय ने कहा, 'कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद नई सरकार का नौ नवंबर तक गठन करना होगा.'

गौरतलब है कि भाजपा और शिवसेना के बीच विभागों के समान बंटवारे और मुख्यमंत्री पद साझा करने को लेकर गतिरोध बना हुआ है.

भाजपा ने ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री का पद साझा करने की शिवसेना की मांग को खारिज कर दिया है.

मुंबई: विधायी मामलों के एक विशेषज्ञ ने गुरुवार को कहा कि अगर महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के लिए कोई भी पार्टी दावा नहीं जताती है, तो फिर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर अगला कदम उठाने का दायित्व होगा.

राज्य विधानसभा के पूर्व सचिव अनंत कलसे ने कहा कि अगर कोई पार्टी आगे नहीं आती है, तो राज्यपाल सरकार बनाने के लिए सबसे बड़े दल को आमंत्रित कर सकते हैं.

कलसे ने कहा, 'अगर पार्टी नई सरकार बनाने में असमर्थता जताती है तो फिर राज्यपाल सरकार बनाने के लिए दूसरी सबसे बड़ी पार्टी को आमंत्रित करेंगे.'

उन्होंने एक मराठी टीवी चैनल को कहा, 'राज्यपाल को ये तौर-तरीके अपनाने होंगे.'

उन्होंने बताया कि नई विधानसभा का पहला सत्र आयोजित करने का फैसला नई सरकार की पहली मंत्रिमंडल बैठक में लिया जाता है. सत्र आयोजित करना मंत्रिमंडल की जिम्मेदारी होती है.

उन्होंने कहा, 'निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव के नतीजे अधिसूचित कर दिए हैं. संवैधानिक प्रावधानों के तहत नई विधानसभा अस्तित्व में आएगी.'

कलसे ने कहा, 'नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण करने तक नई विधानसभा का सत्र नहीं बुलाया जा सकता.'

उन्होंने बताया कि नई सरकार के प्रस्ताव के बाद राज्यपाल नई विधानसभा का सत्र बुलाते हैं, जिसमें सभी नए विधायक शपथ लेते हैं.

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क्या-क्या हैं संभावनाएं

विधायी विशेषज्ञ ने कहा, 'संविधान के अनुसार कार्यवाहक सरकार का कोई प्रावधान नहीं है लेकिन ऐसी घटनाएं हुई हैं, यहां तक कि केंद्र में भी.'

उन्होंने कहा, 'कार्यवाहक सरकार का कार्यकाल संदेहास्पद विषय है, लेकिन नयी सरकार का गठन जल्द ही करना होगा.'

महाराष्ट्र के पूर्व महाधिवक्ता श्रीहरि अनेय ने कहा कि यह 'पुराने समय की बात' थी कि कोई राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के बारे में सोच सकता था.

उन्होंने कहा, 'कई विकल्प हैं और ऐसा फैसला लेने से पहले कुछ कदम उठाने होंगे.'

अनेय ने कहा, 'कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद नई सरकार का नौ नवंबर तक गठन करना होगा.'

गौरतलब है कि भाजपा और शिवसेना के बीच विभागों के समान बंटवारे और मुख्यमंत्री पद साझा करने को लेकर गतिरोध बना हुआ है.

भाजपा ने ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री का पद साझा करने की शिवसेना की मांग को खारिज कर दिया है.

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.MUMBAI BOM30
MH-GOVERNOR-EXPERT
Governor can ask single largest party to form govt: Expert
         Mumbai, Nov 7 (PTI) The onus is on Governor Bhagat
Singh Koshyari to act if no party stakes claim to form the new
government in Maharashtra, a legislature expert said here on
Thursday, two days before the present Assembly's term ends.
         If no party comes forward, the governor can invite the
single largest party to form the government, said Anant Kalse,
former secrertary of the state legislature.
         "If that party shows its inability to form the new
government, then the governor will invite the second largest
party to form the government," Kalse said.
         "The governor will have to carry out these
modalities," Kalse told a Marathi TV channel.
         The decision to hold the first session of the new
Assembly is taken in the first cabinet meeting of the new
government, he said. Holding the session is the cabinet's
responsibility, he added.
         "The Assembly poll results have been notified by the
Election Commission. The new Assembly will come into existence
as per Constitutional provisions," he said.
         "Till the new CM is sworn in, the session of the new
Assembly can't be convened," Kalse said.
         After the new government proposes, the governor calls
the session of the new Assembly in which all the new MLAs are
sworn in, he said.
         "There is no provision of a caretaker government as
per the Constitution but there have been such incidents even
at the Centre," he said.
         "The tenure of a caretaker government is a grey area
but the new government will have to be formed soon," he said.
         Former Maharashtra Advocate General Shrihari Aney
said, it is a "very long time" before one can think of
imposing President's rule in the state.
         "There are many options and actions to be taken before
reaching such a decision," Aney said.
         "There is no provision in law that the new government
will have to be formed by November 9, after the tenure of the
present Assembly ends," Aney said.
         The BJP and the Shiv Sena are engaged in a bitter
tug-of-war over the latter's demand for equal distribution of
portfolios and sharing the chief minister's post.
         The BJP has rejected the Sena's demand for sharing the
chief minister's post for two-and-a-half years each. PTI
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NNNN
Last Updated : Nov 8, 2019, 12:57 PM IST
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