लखनऊ: सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में पेशी के लिए राजधानी लखनऊ पहुंचने पर मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि 500 साल से शुरू हुआ राम मंदिर आंदोलन पूरी तरह से सफल हुआ है. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है. अब वे पूरी तरह से गंगा की अविरलता-निर्मलता के लिए जी-जान से जुटेंगी और इसे भी परिणति तक ले जाएंगी.
उमा भारती ने सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में पेशी और पूरे राम मंदिर अभियान के सवाल पर कहा, 'इस अभियान का एक हिस्सा तो न्यायिक प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है, क्योंकि उस मामले में मेरे बयान होने हैं, इसलिए मैं उस पक्ष पर अभी कुछ नहीं बोल पाऊंगी. मैं कोर्ट का सम्मान करती हूं. जो दूसरे अभियान की बात है यह तो लोगों की आस्था से चला है. मुझे नहीं लगता है कि दुनिया में इतना लंबा कोई अभियान चला होगा. इसमें कभी भी ऐसा समय नहीं आया, जब यह अभियान लोगों को भूला हो.'
देशवासियों ने फैसले को स्वीकार किया
उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि दुनिया का यह एकमात्र अभियान है, जो 500 साल चला और अंत में जिन बातों के भय से उसका फैसला नहीं हो पा रहा था, वह बात सही नहीं साबित हुई. भय था कि इस फैसले से पता नहीं देश में क्या होगा. देशवासियों ने जिस तरीके से फैसले को अंगीकार किया है, यह बहुत बड़ा चमत्कार है. इससे राष्ट्रीय एकजुटता मजबूत हुई है. सर्वधर्म समभाव मजबूत हुआ है. अब कोर्ट का फैसला आना है वह भी आएगा हम तो कोर्ट को भगवान मानते हैं.'
गंगा के लिए जी-जान से जुटूंगी
गंगा से जुड़े अभियान को लेकर हुए सवाल पर उन्होंने कहा, 'गंगोत्री से अभियान शुरू हुआ था. मैंने उस अभियान को गैर राजनीतिक बनाने का काम किया था, लेकिन दुर्भाग्य देखिए कि मेरे पंजे में एक साथ दो फ्रैक्चर हो गए थे. ऋषिकेश में जब तक मेरी फिजियोथेरेपी होती, तब तक कोरोना का संकट काल आ गया. मैं गंगा को तो छोडूंगी ही नहीं, जैसे राम जन्मभूमि परिणति तक पहुंची वैसे ही गंगा की निर्मलता और अविरलता का फैसला होकर ही रहेगा, उसको मैं नहीं छोडूंगी.'
गंगा को लेकर प्रधानमंत्री की आस्था पर शक नहीं
गंगा को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के काम से संतुष्ट होने के सवाल पर उमा भारती कहती हैं कि गंगा के काम को बहुत बारीकी से करना है. अपने आप में यह बहुत कठिन काम है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ही हो सकता है. प्रधानमंत्री कार्यालय से सभी चीफ सेक्रेटरी की बात होती है. मेरे सुझाव के बाद प्रधानमंत्री ने इस काम को लेकर रुचि भी ली है. बाकी मुख्यमंत्रियों की अपनी भूमिका है, वे लोग अपने स्तर से काम भी कर रहे हैं. मुझे प्रधानमंत्री की गंगा की आस्था पर शक नहीं है.
3-4 साल में गंगा हो जाएगी अविरल और निर्मल
केंद सरकार ने गंगा मंत्रालय बनाया है तो कुछ सोचकर बनाया है. इसलिए मुझे यकीन है कि तीन चार साल में गंगा अविरल और निर्मल हो जाएगी. 2016 में मैंने जो कहा था कि 2 साल में यह योजना रिजल्ट देने लग जाएंगे और वह काम शुरू भी हो. गंगा को लेकर प्रधानमंत्री में आस्था बहुत है. मैं मंत्रालय से इसलिए अलग हो गई और गंगा के काम में जुट गई, क्योंकि मुझे यह लगा कि असल में गंगा समाज की नदी है, वह सरकार की निकाली हुई नहर नहीं है कि वह सरकार की मॉनिटरिंग से चलेगी.
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वह समाज की सहभागिता से चलेगी. मुझे लगता है कि सरकार ने ऐसी योजना बना दी है, उसी के अनुसार गंगा की सफाई का काम होगा. कैबिनेट से अप्रूवल है बजट है. मुझे अब देशवासियों को तैयार करने का काम करना है. गंगा की अविरलता निर्मलता बनी रहे, इसी को लेकर मैंने काम शुरू किया था.
राहुल गांधी करते हैं अविवेकपूर्ण बातें
कोरोना के संकट काल में विपक्ष के नेताओं की भूमिका पर उमा भारती ने कहा कि विपक्ष तो बचा ही नहीं है. मीडिया लोकतंत्र का सम्मान कर रहा है, नहीं तो राहुल गांधी के स्टेटमेंट टीवी पर दिखाने के लायक नहीं है. लोकतंत्र में मीडिया को लगता है कि दूसरे पक्ष को भी दिखाना है. इसलिए राहुल गांधी की बात को भी दिखाया जाता है. वह अविवेकपूर्ण बातें करते हैं कि उनकी बातों पर कमेंट किया जाए. अब वह चीन की बात कर रहे हैं. नेहरू के समय क्या हुआ हिंदी चीनी भाई भाई के नारे लगे थे, लेकिन उसका क्या परिणाम हुआ. आजादी से लेकर आज तक जितनी बातें बिगड़ गईं, वह सारी बिगड़ी बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काल में बन जाएंगी. कई सारे काम भी इस दौरान हुए हैं.