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राज्य सभा में सरकार ने किसानों के डेथ वारंट पर किया दस्तखत

राज्य सभा में पास हुए कृषि बिल को आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने केंद्र सरकार द्वारा किसानों के डेथ वारंट पर दस्तखत करार दिया है. इस पूरे मुद्दे पर ईटीवी भारत ने संजय सिंह से बातचीत की. जानिए क्या कुछ कहा...

संजय सिंह
संजय सिंह
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Published : Sep 20, 2020, 9:53 PM IST

नई दिल्ली : लोक सभा में पास होने के बाद आज राज्य सभा में भी कृषि से जुड़े दो बिल पास हो गए. लेकिन इस दौरान भारी हंगामा दिखने को मिला. तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद ने बिल की कॉपी फाड़ दी, वहीं आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने गुस्से में माइक तोड़ दिया. इस पूरे मुद्दे पर ईटीवी भारत से बातचीत में संजय सिंह ने बिल पास कराने की पूरी प्रक्रिया को लोकतंत्र की हत्या करार दिया है.

'किसानों के पेट और पीठ पर लात'
संजय सिंह ने कहा है कि यह किसानों के लिए काला कानून है, जो उनके पेट और पीठ दोनों पर लात मारेगा. इस बिल के अनुसार, अब कोई भी असीमित भंडारण कर सकेगा. संजय सिंह ने कहा कि छोटा किसान तो असीमित भंडारण नहीं कर पाएगा, पूंजीपतियों को इसके जरिए छूट दे दी गई है, अब वे भंडारण कर कालाबाजारी करेंगे. संजय सिंह ने यह भी कहा कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के नाम पर झूठ बोल रही है, धीरे-धीरे एमएसपी खत्म हो जाएगी.

राज्य सभा सांसद संजय सिंह से ईटीवी भारत की खास बातचीत

'जायज था सदन में हुआ विरोध'
अपने द्वारा किए गए विरोध को लेकर संजय सिंह ने कहा कि हमारी जितनी क्षमता थी, उसके हिसाब से हमने सदन में इसका विरोध किया, लेकिन जिस ढंग से बिल पास हुआ, वो लोकतंत्र की हत्या थी. उन्होंने यहां तक कहा कि आज केंद्र सरकार ने किसानों के डेथ वारंट पर साइन किया है. वेल में जाकर बिल फाड़ने और माइक तोड़ने को संजय सिंह ने जायज बताया. उन्होंने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ कि सांसद वोटिंग मांगते रहे और वोटिंग नहीं कराई गई.

'बाजार खोलकर ही तो लोगों को मारा है'
उन्होंने कहा कि सदन में जो विरोध हुआ, वो शत प्रतिशत जायज था. संजय सिंह ने कहा कि हमने इस बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजे जाने की मांग की, उसे लेकर नोटिस दिया, लेकिन सरकार ने कुछ नहीं सुना और पूंजीपतियों के हक में फैसला हो गया. आपको बता दें कि भाजपा की तरफ से कहा जा रहा है कि इस बिल के कानून बनने से किसानों के लिए बाजार खुलेगा. इसे लेकर सवाल करने पर संजय सिंह ने कहा कि बाजार खोलकर ही तो इन्होंने लोगों को मारा है.

'केजरीवाल तय करेंगे आगे की रणनीति'
बीएसएनएल, एयर इंडिया, बीपीसीएल, रेलवे आदि का जिक्र करते हुए संजय सिंह ने कहा कि यह ऐसी सरकार है, जो विपक्ष में रहते हुए एफडीआई का विरोध करती थी और आज कृषि से लेकर रक्षा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में भी एफडीआई ला रही है. प्रदर्शन कर रहे किसानों पर वाटर कैनन के प्रयोग को संजय सिंह ने सरकार की बेशर्मी करार दिया और कहा कि इस मुद्दे पर आगे की रणनीति हमारे नेता अरविंद केजरीवाल तय करेंगे.

नई दिल्ली : लोक सभा में पास होने के बाद आज राज्य सभा में भी कृषि से जुड़े दो बिल पास हो गए. लेकिन इस दौरान भारी हंगामा दिखने को मिला. तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद ने बिल की कॉपी फाड़ दी, वहीं आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने गुस्से में माइक तोड़ दिया. इस पूरे मुद्दे पर ईटीवी भारत से बातचीत में संजय सिंह ने बिल पास कराने की पूरी प्रक्रिया को लोकतंत्र की हत्या करार दिया है.

'किसानों के पेट और पीठ पर लात'
संजय सिंह ने कहा है कि यह किसानों के लिए काला कानून है, जो उनके पेट और पीठ दोनों पर लात मारेगा. इस बिल के अनुसार, अब कोई भी असीमित भंडारण कर सकेगा. संजय सिंह ने कहा कि छोटा किसान तो असीमित भंडारण नहीं कर पाएगा, पूंजीपतियों को इसके जरिए छूट दे दी गई है, अब वे भंडारण कर कालाबाजारी करेंगे. संजय सिंह ने यह भी कहा कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के नाम पर झूठ बोल रही है, धीरे-धीरे एमएसपी खत्म हो जाएगी.

राज्य सभा सांसद संजय सिंह से ईटीवी भारत की खास बातचीत

'जायज था सदन में हुआ विरोध'
अपने द्वारा किए गए विरोध को लेकर संजय सिंह ने कहा कि हमारी जितनी क्षमता थी, उसके हिसाब से हमने सदन में इसका विरोध किया, लेकिन जिस ढंग से बिल पास हुआ, वो लोकतंत्र की हत्या थी. उन्होंने यहां तक कहा कि आज केंद्र सरकार ने किसानों के डेथ वारंट पर साइन किया है. वेल में जाकर बिल फाड़ने और माइक तोड़ने को संजय सिंह ने जायज बताया. उन्होंने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ कि सांसद वोटिंग मांगते रहे और वोटिंग नहीं कराई गई.

'बाजार खोलकर ही तो लोगों को मारा है'
उन्होंने कहा कि सदन में जो विरोध हुआ, वो शत प्रतिशत जायज था. संजय सिंह ने कहा कि हमने इस बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजे जाने की मांग की, उसे लेकर नोटिस दिया, लेकिन सरकार ने कुछ नहीं सुना और पूंजीपतियों के हक में फैसला हो गया. आपको बता दें कि भाजपा की तरफ से कहा जा रहा है कि इस बिल के कानून बनने से किसानों के लिए बाजार खुलेगा. इसे लेकर सवाल करने पर संजय सिंह ने कहा कि बाजार खोलकर ही तो इन्होंने लोगों को मारा है.

'केजरीवाल तय करेंगे आगे की रणनीति'
बीएसएनएल, एयर इंडिया, बीपीसीएल, रेलवे आदि का जिक्र करते हुए संजय सिंह ने कहा कि यह ऐसी सरकार है, जो विपक्ष में रहते हुए एफडीआई का विरोध करती थी और आज कृषि से लेकर रक्षा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में भी एफडीआई ला रही है. प्रदर्शन कर रहे किसानों पर वाटर कैनन के प्रयोग को संजय सिंह ने सरकार की बेशर्मी करार दिया और कहा कि इस मुद्दे पर आगे की रणनीति हमारे नेता अरविंद केजरीवाल तय करेंगे.

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