नई दिल्लीः जर्मनी के विशेष दूत मार्कस पोटजेल नई दिल्ली में हैं. बीते 7-8 जुलाई को दोहा में हुए इंट्रा-अफगान वार्ता के बाद भारत पहुंचे पोटजेल भारतीय वार्ताकारों को अफगानिस्तान में हुए शांति समझौते के बारे में बताएंगे.
ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में मार्कस पोटजेल ने बताया कि भारत का अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने की प्रक्रिया में अहम योगदान है. ऐसा इसलिए क्योंकि भारत का भी बहुत कुछ दांव पर लगा है.
पोटजेल ने कहा, 'मैं इंट्रा-अफगान वार्ता जो जर्मनी और कतर ने कराई है उसके बारे में भारतीय अधिकारियों को जानकारी दूंगा. हम यहां से आगे बढ़ने के नए रास्ते भी खोजना चाहते हैं.'
पोटजेल ने कहा कि भारत, जर्मनी और यूरोपीय संघ का क्या योगदान होगा, इसके अलावा कैसे हम सब मिलकर इंट्रा-अफगान वार्ता को अफगान सरकार और तालिबान के बीच औपचारिक समझौते में बदल सकते हैं, जैसे सवालों पर भी विचार किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि वार्ता में अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के प्रतिनिधियों का पहली बार एक मेज पर बैठना, उनकी उम्मीदों से परे था.
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बता दें कि इससे पहले गुरुवार को साप्ताहिक प्रेस वार्ता में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने भी अफगान शांति प्रक्रिया पर जानकारी दी थी. उन्होंने इसे भारत के लिए भी काफी अहम करार दिया.
भारत का रुख साफ करते हुए रवीश ने कहा कि, 'हमारा मानना है कि, सभी पहलों और प्रक्रियाओं में अफगान समज के सभी वर्गों के साथ वैध रूप से चुनी गई सरकार का होना जरूरी है, प्रक्रियाओं को संवैधानिक परंपरा और राजनैतिक शासनादेश का सम्मान करना होगा, जिससे किसी भी आतंकी या उसके संगठन को पनपने का मौका न मिले.