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POK को कैसे भारत में शामिल किया जाए, जानें पूर्व राजनयिक की राय - former diplomat Achal Malhotra

जम्मू- कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म किए जाने के बाद अब भारत पीओके को भारत के साथ जोड़ने का विचार कर रही है. इस पर पूर्व राजनयिक अचल मल्होत्रा ने अपने विचार ईटीवी भारत के समक्ष रखे हैं.

पूर्व राजनयिक अचल मल्होत्रा
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Published : Sep 18, 2019, 7:04 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 2:27 AM IST

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद मोदी सरकार के कई वरिष्ठ नेता पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के एकीकरण की बात कर रहे हैं. बता दें कि मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी उम्मीद जताई कि जल्द ही POK भारत का भौगोलिक हिस्सा होगा .

ईटीवी भारत से बात करते हुए पूर्व राजनयिक अचल मल्होत्रा, जिन्होंने तीन दशकों से अधिक समय तक भारतीय विदेश सेवा में काम किया है, ने कहा कि केवल दो संभावनाएं हैं जिसके माध्यम से POK को भारत में एकीकृत किया जा सकता है.

पूर्व राजनयिक अचल मल्होत्रा से खास बातचीत

उन्होंने कहा, 'अगर अगले कुछ महीनों में ऐसा होना है, तो यह सैन्य कार्रवाई के जरिए ही होगा. साथ ही सरकार को इस पर काम करना होगा और सही समय का इंतजार करना होगा.

पढ़ें: विश्व में भारतीय प्रवासियों की संख्या सबसे अधिक

दूसरी संभावना में, अचल मल्होत्रा ​​ने सरकार के रुख का नेतृत्व किया, उन्होंने कहा कि सरकार को इसके लिए उचित समय निकालना होगा और घाटी में विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित करना होगा.

उन्होंने दावा किया, 'यदि सरकार अपने वादों को पूरा करती है तो प्रत्येक कश्मीरी वास्तव में भारत के साथ एकीकृत होगा.

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर भारत के जम्मू-कश्मीर का वह हिस्सा है जिस पर 1947 में पाकिस्तान के पख्तून आदिवासियों ने हमला किया था. वर्तमान में, यह दो भागों में विभाजित है. आजाद जम्मू-कश्मीर और गिलगित बाल्टिस्तान क्षेत्र. पाकिस्तान में पीओके को आजाद कश्मीर भी कहते हैं.

पढ़ें: POK जल्द होगा भारत का हिस्सा : एस जयशंकर

महाराजा हरि सिंह ने 15 अगस्त 1947 से पहले स्टैंड स्टिल रहने की घोषणा की थी. इस घोषणा का अर्थ था कि वो भारत और पाकिस्तान किसी का भी हिस्सा नहीं बनेंगे. वो राज्य को एक स्वतंत्र देश घोषित करने की योजना बना रहे थे. उधर पाकिस्तान कश्मीर पर दवाब बनाने लगा था. यहां कब्जे के लिए कबीलाइयों को आगे बढ़ाने का आदेश दे दिया. पूरे कश्मीर में उत्पान मचाते हुए कबीलाइयों को आगे बढ़ने का आदेश दे दिया.

बता दें कि आजादी के उसी साल लॉर्ड माउंटबेटन कश्मीर गए थे. उन्होंने राजा हरि सिंह से कहा कि भारत- पाकिस्तान अब अलग चुके हैं. वे किसी भी देश को चुन ले. फिर भी हरि सिंह ने इस पर हामी नहीं भरी. कहा जाता है कि हरि सिंह के रवैये को माउंबेटन भी भांप गए थे.

पाकिस्तान ने महाराजा हरि सिंह को अपने साथ मिलाने के कई प्रलोभन दिए. पाकिस्तान के अफसरों ने कश्मीर का दौरा किया और मंशा पूरी होने पर नॉर्थ-वेस्ट फ्रंटियर प्रोविंस से पाकिस्तान ने 22 अक्टूबर, 1947 को विद्रोह शुरु कर दिया. सिर्फ पांच दिनों में पाकिस्तानी सैनिक श्रीनगर के काफी पास आ गए.

पढ़ें: PM मोदी से मिलने दिल्ली पहुंचीं CM ममता बनर्जी

पाकिस्तान का ये रवैया राजा हरि सिंह के लिए अकेले संभालना काफी मुश्किल हो गया था. वे तत्काल पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु से मिले. बातचीत करके उन्होंने विलय पत्र पर हस्ताक्षर कर दिया. इस तरह भारतीय सैनिक कश्मीर पहुंचे और यहां हो रहे कत्लेआम को रोकने में सफल हुए.

पाकिस्तान ने 1963 में पीओके का एक हिस्सा चीन को सौंप दिया था. इस क्षेत्र को ट्रांस काराकोरम पथ का देवदार क्षेत्र कहा जाता है.

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद मोदी सरकार के कई वरिष्ठ नेता पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के एकीकरण की बात कर रहे हैं. बता दें कि मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी उम्मीद जताई कि जल्द ही POK भारत का भौगोलिक हिस्सा होगा .

ईटीवी भारत से बात करते हुए पूर्व राजनयिक अचल मल्होत्रा, जिन्होंने तीन दशकों से अधिक समय तक भारतीय विदेश सेवा में काम किया है, ने कहा कि केवल दो संभावनाएं हैं जिसके माध्यम से POK को भारत में एकीकृत किया जा सकता है.

पूर्व राजनयिक अचल मल्होत्रा से खास बातचीत

उन्होंने कहा, 'अगर अगले कुछ महीनों में ऐसा होना है, तो यह सैन्य कार्रवाई के जरिए ही होगा. साथ ही सरकार को इस पर काम करना होगा और सही समय का इंतजार करना होगा.

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दूसरी संभावना में, अचल मल्होत्रा ​​ने सरकार के रुख का नेतृत्व किया, उन्होंने कहा कि सरकार को इसके लिए उचित समय निकालना होगा और घाटी में विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित करना होगा.

उन्होंने दावा किया, 'यदि सरकार अपने वादों को पूरा करती है तो प्रत्येक कश्मीरी वास्तव में भारत के साथ एकीकृत होगा.

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर भारत के जम्मू-कश्मीर का वह हिस्सा है जिस पर 1947 में पाकिस्तान के पख्तून आदिवासियों ने हमला किया था. वर्तमान में, यह दो भागों में विभाजित है. आजाद जम्मू-कश्मीर और गिलगित बाल्टिस्तान क्षेत्र. पाकिस्तान में पीओके को आजाद कश्मीर भी कहते हैं.

पढ़ें: POK जल्द होगा भारत का हिस्सा : एस जयशंकर

महाराजा हरि सिंह ने 15 अगस्त 1947 से पहले स्टैंड स्टिल रहने की घोषणा की थी. इस घोषणा का अर्थ था कि वो भारत और पाकिस्तान किसी का भी हिस्सा नहीं बनेंगे. वो राज्य को एक स्वतंत्र देश घोषित करने की योजना बना रहे थे. उधर पाकिस्तान कश्मीर पर दवाब बनाने लगा था. यहां कब्जे के लिए कबीलाइयों को आगे बढ़ाने का आदेश दे दिया. पूरे कश्मीर में उत्पान मचाते हुए कबीलाइयों को आगे बढ़ने का आदेश दे दिया.

बता दें कि आजादी के उसी साल लॉर्ड माउंटबेटन कश्मीर गए थे. उन्होंने राजा हरि सिंह से कहा कि भारत- पाकिस्तान अब अलग चुके हैं. वे किसी भी देश को चुन ले. फिर भी हरि सिंह ने इस पर हामी नहीं भरी. कहा जाता है कि हरि सिंह के रवैये को माउंबेटन भी भांप गए थे.

पाकिस्तान ने महाराजा हरि सिंह को अपने साथ मिलाने के कई प्रलोभन दिए. पाकिस्तान के अफसरों ने कश्मीर का दौरा किया और मंशा पूरी होने पर नॉर्थ-वेस्ट फ्रंटियर प्रोविंस से पाकिस्तान ने 22 अक्टूबर, 1947 को विद्रोह शुरु कर दिया. सिर्फ पांच दिनों में पाकिस्तानी सैनिक श्रीनगर के काफी पास आ गए.

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पाकिस्तान का ये रवैया राजा हरि सिंह के लिए अकेले संभालना काफी मुश्किल हो गया था. वे तत्काल पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु से मिले. बातचीत करके उन्होंने विलय पत्र पर हस्ताक्षर कर दिया. इस तरह भारतीय सैनिक कश्मीर पहुंचे और यहां हो रहे कत्लेआम को रोकने में सफल हुए.

पाकिस्तान ने 1963 में पीओके का एक हिस्सा चीन को सौंप दिया था. इस क्षेत्र को ट्रांस काराकोरम पथ का देवदार क्षेत्र कहा जाता है.

Intro:Since the abrogation of Article 370 from Jammu and Kashmir on August 5, several senior leaders in the BJP government have been talking about the integration Pakistan Occupied Kashmir with India. On Tuesday, the External Affairs Minister Dr. Jaishankar took this discourse to another level when he expressed hopes that one day PoK will have an Indian jurisdiction.


Body:Possibilities

Talking exclusively to ETV Bharat, former diplomat Achal Malhotra who had served in Indian Foreign Services for more than three decades sees only two possibilities through which it can be done.

He said, 'if it has to happen in the next few days for next few months, it will only happen through military action. Now, the government has to take call on it and wait for an opportune moment.'

In the second possibility, Achal Malhotra took lead from the government's stand which wants to wait for the appropriate moment and focus on development work within the valley.

He claimed, 'if government fulfills its promises then each Kashmiri will truly and genuinely integrate with India. Once it happens then PoK where there is a discontent against Pakistani authorities might revolt against with them. There can be a similar situation like East Pakistan.'


Conclusion:Pakistan Occupied Kashmir

It is that part of Kashmir which was invaded by Pashtoon tribals of Pakistan in 1947. Currently, it is divided into two parts: Azad Jammu and Kashmir and Gilgit Baltistan region. United Nations and other international organisations have named it as Pakistan Administered Kashmir.

After Pakistan's invasion, the last king of Jammu and Kashmir Maharaja Hari Singh, a Hindu in the Muslim dominated state sought help from then Governor General of India Lord Mountbatten.

Left with no choice and seeing the ferocious speed through which invaders almost reached close to Srinagar, Maharaja Hari Singh agreed to accede to Indian Union on October 26. And, India's Sikh battalion pushed back the Pakistani invaders.

Ignoring every UN resolution on Kashmir, Pakistan illegally handed over a part of PoK to China in 1963. This area is called a ceded area of Trans Karakoram tract.
Last Updated : Oct 1, 2019, 2:27 AM IST
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