नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 (सीएए) के खिलाफ जारी प्रदर्शन हिंसक हो उठा है. राष्ट्रीय राजधानी में एक पुलिस हेड कॉन्स्टेबल सहित 13 लोगों की मौत हो चुकी है. हिंसा की बढ़ती घटनाओं को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व महानिदेशक (डीजीपी) प्रकाश सिंह ने कहा है कि हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को लेकर दिल्ली पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिए जाने चाहिए.
प्रकाश सिंह ने मंगलवार को ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि दिल्ली पुलिस में मजबूत नेतृत्व का संकट है. उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन नियंत्रण से इसलिए बाहर हुआ कि सरकार आंदोलनकारियों के प्रति नरम रही है.
उन्होंने कहा कि सरकार ने शाहीन बाग में हो रहे विरोध प्रदर्शन को भी लंबे समय तक सहन किया है. इसलिए ऐसी धारणा बनी है कि जब सरकार शाहीन बाग में जुटे लोगों को तितर-बितर नहीं कर रही है, तो अन्य जगहों पर भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन किए जा सकते हैं.
पूर्व डीजीपी ने कहा कि पुलिस के नरम रुख का फायदा उठाते हुए आंदोलनकारियों ने हिंसा का रास्ता अपना लिया है.
बकौल प्रकाश सिंह, सोमवार को जाफराबाद में विरोध प्रदर्शन शुरू होने पर इस बात के पर्याप्त संकेत मिले थे कि सब ठीक नहीं है, इसके बावजूद पुलिस ने कोई सुरक्षात्मक कार्रवाई नहीं की.
उन्होंने कहा कि जब हिंसा हुई तो पुलिस बैकफुट पर थी. ऐसा लगा कि पुलिस कड़ी कार्रवाई करने में संकोच कर रही थी, जिसके परिणामस्वरूप पुलिसकर्मियों की पिटाई की गई और एक हेड कॉन्स्टेबल की मौत भी हो गई.
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जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) और जामिया में हुई हिंसक घटनाओं का उल्लेख करते हुए, प्रकाश सिंह ने कहा कि दिल्ली पुलिस एक संतुलन बनाने में सक्षम नहीं थी.
गौरतलब है कि प्रकाश सिंह उत्तर प्रदेश के अलावा असम पुलिस के महानिदेशक भी रह चुके हैं. इसके अलावा वे सीमा सुरक्षा बल (BSF) के भी महानिदेशक रह चुके हैं.