देहरादून : उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव पद से रिटायर हुए आईएएस अधिकारी उत्पल कुमार सिंह लोक सभा महासचिव बनाए गए हैं. उत्तराखंड से रिटायर होने के बाद उन्हें लोक सभा सचिव नियुक्त किया गया था. अब 30 नवंबर को वर्तमान लोक सभा महासचिव स्नेहलता श्रीवास्तव के रिटायरमेंट के बाद उत्पल कुमार सिंह को ये पदभार सौंपा जाएगा. इस मौके पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं.
34 साल की सर्विस
तत्कालीन बिहार राज्य और वर्तमान झारखंड के बोकारो जिले में 29 जुलाई 1960 को जन्में उत्पल कुमार सिंह ने अपनी 34 साल की सर्विस में 30 साल से ज्यादा की अपनी सर्विस यूपी के मुजफ्फरनगर और आजमगढ़ जैसे चुनौती भरे जिलों से लेकर पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में सेवाएं दी हैं.
उत्पल कुमार सिंह के पिता का नाम बृजकिशोर सिंह था, जो पेशे से इंजीनियर थे. उत्पल कुमार सिंह की प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा पश्चिम बंगाल आसनसोल के सेंट पैट्रिक हायर सेकेंडरी स्कूल से हुई. उन्होंने 10वीं कक्षा भी वहीं से पास की. इसके बाद उन्होंने साइंस कॉलेज ऑफ पटना से विज्ञान विषय में 12वीं की. स्कूली शिक्षा के बाद उच्च शिक्षा के लिए वह दिल्ली चले गए थे और किरोड़ीमल कॉलेज से ग्रेजुएशन व पोस्ट ग्रेजुएशन किया. फिर एमफिल इतिहास की पढ़ाई की. इसी दौरान कॉलेज के माहौल और सेल्फ ऑब्जर्वेशन में उन्होंने भविष्य का रास्ता तय कर लिया.
1986 बैच के आईएएस अधिकारी उत्पल कुमार सिंह को पहली पोस्टिंग उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में बतौर एसडीएम मिली. इस दौरान ही उनकी शादी भी हुई. शादी के कुछ महीनों बाद उत्पल कुमार सिंह का ट्रांसफर उस समय उत्तर प्रदेश में पड़ने वाले अल्मोड़ा जिले के रानीखेत तहसील में बतौर एसडीएम हुआ.
उत्तराखंड राज्य गठन होते ही उन्होंने बिल्कुल सोचने में समय नहीं लगाया और तय किया कि उत्तराखंड ही रहना है. सिविल सर्विस में आने से पहले वह कई बार उत्तराखंड आए थे.
2017 में उत्तराखंड के मुख्य सचिव बने
आईएएस अधिकारी उत्पल कुमार सिंह की कुशल कार्यक्षमता और उनकी बेहतरीन कार्यशैली को देखते हुए उन्हें वर्ष 2012 में भारत सरकार में भेजा गया, जहां उन्होंने कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी का निर्वहन किया. यहां उन्हें पदोन्नति के बाद अपर सचिव बनाया गया और उसके बाद अक्टूबर 2017 में उत्तराखंड सरकार ने उन्हें वापस उत्तराखंड बतौर मुख्य सचिव बुला लिया. इसके बाद वह लगातार उत्तराखंड में अपनी सेवाएं दे रहे थे. उत्तराखंड में चल रहे पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए केंद्र ने अपना एक जिम्मेदार अधिकारी उत्तराखंड भेजा था. मुख्य सचिव के तौर पर उन्होंने अपनी इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया भी.