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RTI कार्यकर्ता हत्याकांड: CBI की विशेष अदालत में बीजेपी के पूर्व सांसद को पाया गया दोषी - पटना

आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा की 2010 में हुई हत्या के मामले में सीबीआई की एक विशेष अदालत सुनवाई की. इस दौरान भाजपा के पूर्व सांसद दीनू सोलंकी और छह अन्य को दोषी करार दिया गया है.

दीनू सोलंकी
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Published : Jul 6, 2019, 5:35 PM IST

अहमदाबाद: आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा की 2010 में हुई हत्या के मामले में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने भाजपा के पूर्व सांसद दीनू सोलंकी और छह अन्य को शनिवार को दोषी करार दिया. जेठवा ने गिर वन रेंज में अवैध खनन गतिविधियों को सामने लाने का प्रयास किया था.

सीबीआई के विशेष न्यायाधीश के एम दवे मामले में 11 जुलाई को सजा सुनाएंगे. अपराध शाखा द्वारा सोलंकी को क्लीनचिट दिए जाने के बाद गुजरात उच्च न्यायालय ने जांच केंद्रीय एजेंसी को सौंपा दिया था.

वर्ष 2009 से 2014 तक गुजरात के जूनागढ़ का प्रतिनिधित्व कर चुके सोलंकी को उनके चचेरे भाई शिव सोलंकी और पांच अन्य के साथ भारतीय दंड संहिता के तहत हत्या और आपराधिक साजिश रचने के आरोपों का दोषी माना.

गुजरात उच्च न्यायालय के बाहर 20 जुलाई 2010 को जेठवा की हत्या कर दी गयी थी. दरअसल, उन्होंने आरटीआई अर्जी के जरिए दीनू सोलंकी की कथित संलिप्तता वाली अवैध खनन गतिविधियों को उजागर करने की कोशिश की थी.

जेठवा ने एशियाई शेरों के वास स्थान गिर वन क्षेत्र में अवैध खनन गतिविधियों के खिलाफ उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका भी दायर की थी.

मृतक के पिता भीखाभाई जेठवा के उच्च न्यायालय का रूख करने के बाद अदालत ने मामले की नये सिरे से जांच का आदेश दिया था. उन्होंने उच्च न्यायालय से कहा था कि आरोपियों द्वारा दबाव डालने और भयादोहन करने के चलते करीब 105 गवाह मुकर गए.

अहमदाबाद: आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा की 2010 में हुई हत्या के मामले में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने भाजपा के पूर्व सांसद दीनू सोलंकी और छह अन्य को शनिवार को दोषी करार दिया. जेठवा ने गिर वन रेंज में अवैध खनन गतिविधियों को सामने लाने का प्रयास किया था.

सीबीआई के विशेष न्यायाधीश के एम दवे मामले में 11 जुलाई को सजा सुनाएंगे. अपराध शाखा द्वारा सोलंकी को क्लीनचिट दिए जाने के बाद गुजरात उच्च न्यायालय ने जांच केंद्रीय एजेंसी को सौंपा दिया था.

वर्ष 2009 से 2014 तक गुजरात के जूनागढ़ का प्रतिनिधित्व कर चुके सोलंकी को उनके चचेरे भाई शिव सोलंकी और पांच अन्य के साथ भारतीय दंड संहिता के तहत हत्या और आपराधिक साजिश रचने के आरोपों का दोषी माना.

गुजरात उच्च न्यायालय के बाहर 20 जुलाई 2010 को जेठवा की हत्या कर दी गयी थी. दरअसल, उन्होंने आरटीआई अर्जी के जरिए दीनू सोलंकी की कथित संलिप्तता वाली अवैध खनन गतिविधियों को उजागर करने की कोशिश की थी.

जेठवा ने एशियाई शेरों के वास स्थान गिर वन क्षेत्र में अवैध खनन गतिविधियों के खिलाफ उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका भी दायर की थी.

मृतक के पिता भीखाभाई जेठवा के उच्च न्यायालय का रूख करने के बाद अदालत ने मामले की नये सिरे से जांच का आदेश दिया था. उन्होंने उच्च न्यायालय से कहा था कि आरोपियों द्वारा दबाव डालने और भयादोहन करने के चलते करीब 105 गवाह मुकर गए.

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