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खबर का असर : रांची में दिव्यांग बसंत लाल को मिला आश्रय, कहा- ईटीवी भारत धन्यवाद

एक महीने से धनबाद के दिव्यांग बसंत लाल शहर-शहर भटक रहे थे, लेकिन ईटीवी भारत के प्रयास से उन्हें ठिकाना मिल गया है. किसी भी जरूरतमंद की अगर आप सहायता करते हैं तो दिल में थोड़ी सुकून जरूर मिलती है और ईटीवी भारत इन दिनों इस कोरोना काल में ऐसे सैकड़ों लोगों की मदद करने में लगी है.

दिव्यांग बसंत लाल
दिव्यांग बसंत लाल
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Published : Jun 1, 2020, 10:56 PM IST

रांची : ईटीवी भारत की टीम की प्रयास से बसंत लाल को रांची रेल मंडल के परिचालन विभाग के अधिकारी नीरज कुमार और जिला प्रशासन के पदाधिकारियों की मदद से ठिकाना मिल गया. एक-दो दिन के अंदर बसंत लाल को बस के जरिए घर भेज दिया जाएगा. बसंत और डिप्टी कलेक्टर संजय कुमार ने ईटीवी की टीम को धन्यवाद दिया.

ईटीवी भारत के प्रयास से आखिरकार 65 वर्षीय दिव्यांग बसंत लाल को एक ठिकाना मिल ही गया. पिछले एक महीने से वह कभी पटना, कभी दरभंगा तो कभी रांची जैसे शहरों में भटक रहे थे. इनका धनबाद जिले के गोमो में घर है, लेकिन कुछ लोगों की ओर से लगातार इन्हें घर पहुंचाने की बात कहकर भटकाया जाता रहा. पटना से ट्रेन में बैठाकर बसंत को रांची भेज दिया गया और रांची में लगातार वह भटकते रहे. अपने घर जाने की जद्दोजहद में लगे रहे. इसी कड़ी में बसंत लाल रांची रेलवे स्टेशन पहुंचे थे. यह सोचकर कि किसी भी ट्रेन पकड़ कर वह गोमो तक पहुंचेंगे, लेकिन यहां भी उन्हें कुछ हाथ नहीं लगा.

ईटीवी भारत की मदद से बंसत लाल को मिला ठिकाना

असहाय को ठिकाना दिलाने का प्रयास

ईटीवी भारत की टीम की नजर जब रांची रेलवे स्टेशन पर बसंत पर पड़ी तो वह उनको ठिकाना दिलाने के प्रयास में जुटी गई, ताकि उन्हें कोई ठिकाना मिल जाए. मामले को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने लगातार कई अधिकारियों से बातचीत की. रांची रेल मंडल के परिचालन विभाग के हेड नीरज कुमार से भी चर्चा की. उन्होंने ज्यादा वक्त ना लेते हुए जिला प्रशासन के एक अधिकारी से बात की और बसंत लाल को रांची रेलवे स्टेशन से बस के जरिए खेल गांव स्थित आश्रय गृह ले जाया गया.

बसंत लाल दिखे खुश

खुद डिप्टी कलेक्टर मौके पर पहुंचे और ईटीवी की टीम को आश्वस्त किया कि बसंत लाल को सही सलामत गोमो पहुंचा दिया जाएगा. फिलहाल मौसम को देखते हुए उसे एक ठिकाना दिया जा रहा है और उनके लिए तमाम व्यवस्थाएं खेल गांव स्थित शेल्टर होम में किया जाएगा. वसंतलाल भी बस में चढ़ने के बाद काफी खुश दिखे और मुस्कान लिए हमारी टीम को धन्यवाद भी दिया. जिला प्रशासन के पदाधिकारी ने भी हमारी टीम को इस काम के लिए धन्यवाद दिया है.

असहायों की मदद से दिल को मिलती है सुकुन

किसी भी जरूरतमंद की अगर आप सहायता करते हैं तो दिल में थोड़ी सुकून जरूर मिलती है और ईटीवी भारत इन दिनों इस कोरोना काल में ऐसे सैकड़ों लोगों की मदद में लगी है. ईटीवी भारत की ओर से तमाम लोगों से अपील है कि ऐसे जरूरतमंद लोगों की सहायता करें और अगर आप समर्थ हैं तो उनका सहयोग जरुर करें.

रांची : ईटीवी भारत की टीम की प्रयास से बसंत लाल को रांची रेल मंडल के परिचालन विभाग के अधिकारी नीरज कुमार और जिला प्रशासन के पदाधिकारियों की मदद से ठिकाना मिल गया. एक-दो दिन के अंदर बसंत लाल को बस के जरिए घर भेज दिया जाएगा. बसंत और डिप्टी कलेक्टर संजय कुमार ने ईटीवी की टीम को धन्यवाद दिया.

ईटीवी भारत के प्रयास से आखिरकार 65 वर्षीय दिव्यांग बसंत लाल को एक ठिकाना मिल ही गया. पिछले एक महीने से वह कभी पटना, कभी दरभंगा तो कभी रांची जैसे शहरों में भटक रहे थे. इनका धनबाद जिले के गोमो में घर है, लेकिन कुछ लोगों की ओर से लगातार इन्हें घर पहुंचाने की बात कहकर भटकाया जाता रहा. पटना से ट्रेन में बैठाकर बसंत को रांची भेज दिया गया और रांची में लगातार वह भटकते रहे. अपने घर जाने की जद्दोजहद में लगे रहे. इसी कड़ी में बसंत लाल रांची रेलवे स्टेशन पहुंचे थे. यह सोचकर कि किसी भी ट्रेन पकड़ कर वह गोमो तक पहुंचेंगे, लेकिन यहां भी उन्हें कुछ हाथ नहीं लगा.

ईटीवी भारत की मदद से बंसत लाल को मिला ठिकाना

असहाय को ठिकाना दिलाने का प्रयास

ईटीवी भारत की टीम की नजर जब रांची रेलवे स्टेशन पर बसंत पर पड़ी तो वह उनको ठिकाना दिलाने के प्रयास में जुटी गई, ताकि उन्हें कोई ठिकाना मिल जाए. मामले को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने लगातार कई अधिकारियों से बातचीत की. रांची रेल मंडल के परिचालन विभाग के हेड नीरज कुमार से भी चर्चा की. उन्होंने ज्यादा वक्त ना लेते हुए जिला प्रशासन के एक अधिकारी से बात की और बसंत लाल को रांची रेलवे स्टेशन से बस के जरिए खेल गांव स्थित आश्रय गृह ले जाया गया.

बसंत लाल दिखे खुश

खुद डिप्टी कलेक्टर मौके पर पहुंचे और ईटीवी की टीम को आश्वस्त किया कि बसंत लाल को सही सलामत गोमो पहुंचा दिया जाएगा. फिलहाल मौसम को देखते हुए उसे एक ठिकाना दिया जा रहा है और उनके लिए तमाम व्यवस्थाएं खेल गांव स्थित शेल्टर होम में किया जाएगा. वसंतलाल भी बस में चढ़ने के बाद काफी खुश दिखे और मुस्कान लिए हमारी टीम को धन्यवाद भी दिया. जिला प्रशासन के पदाधिकारी ने भी हमारी टीम को इस काम के लिए धन्यवाद दिया है.

असहायों की मदद से दिल को मिलती है सुकुन

किसी भी जरूरतमंद की अगर आप सहायता करते हैं तो दिल में थोड़ी सुकून जरूर मिलती है और ईटीवी भारत इन दिनों इस कोरोना काल में ऐसे सैकड़ों लोगों की मदद में लगी है. ईटीवी भारत की ओर से तमाम लोगों से अपील है कि ऐसे जरूरतमंद लोगों की सहायता करें और अगर आप समर्थ हैं तो उनका सहयोग जरुर करें.

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