नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली की एक अदालत में दावा किया कि अगर कांग्रेस नेता डी के शिवकुमार को जमानत पर छोड़ा जाता है तो वह धन शोधन से जुड़े उनके गंभीर अपराध की जानकारी रखने वाले लोगों को प्रभावित कर सकते हैं जिनसे अभी पूछताछ बाकी है.
शिवकुमार की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए ईडी ने विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहार से कहा कि जांच महत्वपूर्ण स्तर पर है और शिवकुमार को रिहा करने से अहम सुराग नष्ट हो सकते हैं.
अदालत जमानत अर्जी पर कल दलीलें सुन सकती है.शिवकुमार को कल हिरासत में पूछताछ समाप्त होने के बाद पेश किया जाएगा. उन्हें ईडी ने तीन सितंबर को गिरफ्तार किया था.
पढ़ें: आर्टिकल 370 अब बस एक संख्या मात्र है: जेपी नड्डा
ईडी ने पिछले साल सितंबर में शिवकुमार, नई दिल्ली में कर्नाटक भवन के कर्मचारी हनुमंतैया तथा कुछ अन्य के खिलाफ काले धन को सफेद में बदलने का मामला दर्ज किया था.
एजेंसी ने उनके खिलाफ पिछले साल बेंगलुरू की एक अदालत में आयकर विभाग द्वारा दाखिल आरोपपत्र के आधार पर पीएमएलए का मामला दर्ज किया था.
करोड़ों रुपये की कर चोरी और हवाला लेनदेन के आरोप में आयकर विभाग ने आरोपपत्र दाखिल किया था.
आयकर विभाग ने शिवकुमार और उनके कथित सहयोगी एस के शर्मा पर तीन अन्य आरोपियों की मदद से हवाला चैनलों के जरिये नियमित रूप से भारी मात्रा में बेहिसाब धन के लेनदेन का आरोप लगाया था.