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पुलवामा हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में 41 आतंकियों का सफाया, जैश की 'कमर टूटी'

भारत के सुरक्षाबलों ने पिछले करीब 70 दिनों में 41 आतंकियों का सफाया किया है. बता दें कि 14 फरवरी, 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमलों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 40 जवान शहीद हुए थे. इसके बाद भी सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखी और कामयाबी हासिल की. पढ़ें विवरण...

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Published : Apr 25, 2019, 12:02 AM IST

प्रेस वार्ता में केजेएस ढिल्लन और दिलबाग सिंह

श्रीनगर: लेफ्टिनेंट जनरल केजे एस ढिल्लन ने कहा है कि पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद भी सुरक्षा बलों ने घाटी में जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ जवाबी कार्रवाई जारी रखी है. उन्होंने कहा कि कार्रवाई से ऐसी स्थिति बन गई है कि कोई भी इस संगठन का नेतृत्व लेने के लिए इच्छुक नहीं है.

बुधवार को लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लन ने जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह और सीआरपीएफ महानिरीक्षक जुल्फिकार हसन ने प्रेस वार्ता की. श्रीनगर के पुलिस नियंत्रण कक्ष में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बताया गया कि '41 आतंकवादी मारे गए. इनमें से 25 जैश-ए-मोहम्मद के थे. 13 विदेशी आतंकवादी थे - पाकिस्तानी एवं श्रेणी ए और उससे ऊपर के.'

ढिल्लन ने जम्मू-कश्मीर के हाजिन में 13 साल के मासूम की हत्या का भी जिक्र किया. उन्होंने कश्मीर की जनता से अपील करते हुए कहा कि उन्हें आतंकियों से इस पर सवाल करना चाहिए. उन्हें पूछना चाहिए कि क्या यही जिहाद है, या ये जहालत है.

लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लन श्रीनगर की चिनार कोर के कमांडर हैं. उन्होंने बताया कि , 'हमने जैश-ए-मोहम्मद के नेतृत्व को निशाना बनाया और अब स्थिति ऐसी है कि कोई भी घाटी में जैश की कमान नहीं संभालना चाहता. पाकिस्तान के सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के हम जैश का शमन जारी रखेंगे.'

ये भी पढ़ें: पाकिस्तानी आतंकी जम्मू-कश्मीर में गिरफ्तार, गहरी साजिश रचने की थी प्लानिंग

डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि घाटी में 14 फरवरी को हुए पुलवामा आतंकवादी हमले जैसे कुछ एक मामलों को छोड़, 2018 में और उसके बाद से अब तक आतंकवाद को रोकने में कामयाबी मिली है.

(भाषा इनपुट)

श्रीनगर: लेफ्टिनेंट जनरल केजे एस ढिल्लन ने कहा है कि पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद भी सुरक्षा बलों ने घाटी में जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ जवाबी कार्रवाई जारी रखी है. उन्होंने कहा कि कार्रवाई से ऐसी स्थिति बन गई है कि कोई भी इस संगठन का नेतृत्व लेने के लिए इच्छुक नहीं है.

बुधवार को लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लन ने जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह और सीआरपीएफ महानिरीक्षक जुल्फिकार हसन ने प्रेस वार्ता की. श्रीनगर के पुलिस नियंत्रण कक्ष में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बताया गया कि '41 आतंकवादी मारे गए. इनमें से 25 जैश-ए-मोहम्मद के थे. 13 विदेशी आतंकवादी थे - पाकिस्तानी एवं श्रेणी ए और उससे ऊपर के.'

ढिल्लन ने जम्मू-कश्मीर के हाजिन में 13 साल के मासूम की हत्या का भी जिक्र किया. उन्होंने कश्मीर की जनता से अपील करते हुए कहा कि उन्हें आतंकियों से इस पर सवाल करना चाहिए. उन्हें पूछना चाहिए कि क्या यही जिहाद है, या ये जहालत है.

लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लन श्रीनगर की चिनार कोर के कमांडर हैं. उन्होंने बताया कि , 'हमने जैश-ए-मोहम्मद के नेतृत्व को निशाना बनाया और अब स्थिति ऐसी है कि कोई भी घाटी में जैश की कमान नहीं संभालना चाहता. पाकिस्तान के सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के हम जैश का शमन जारी रखेंगे.'

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डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि घाटी में 14 फरवरी को हुए पुलवामा आतंकवादी हमले जैसे कुछ एक मामलों को छोड़, 2018 में और उसके बाद से अब तक आतंकवाद को रोकने में कामयाबी मिली है.

(भाषा इनपुट)

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