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छत्तीसगढ़ : नक्सल नेटवर्क पर वार, डेढ़ महीने में 11 सहयोगी गिरफ्तार - छत्तीसगढ़ के बस्तर मेें

छत्तीसगढ़ के बस्तर मेें पुलिस नक्सलियों के शहरी नेटवर्क को खत्म करने के लिए अभियान चला रही है. कांकेर के कोयलीबेड़ा से एक और नक्सल सहयोगी गिरफ्तार हुआ है. जानें विस्तार से...

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प्रतीकात्मक चित्र
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Published : May 12, 2020, 6:04 PM IST

कांकेर : छत्तीसगढ़ के बस्तर में लाल आतंक की कमर तोड़ने के लिए पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है. नक्सलियों तक सामान, राशन, नकदी पहुंचाने के मामले के पुलिस ने एक बड़े शहरी नेटवर्क को ध्वस्त करते हुए डेढ़ महीने में 11 लोगों को गिरफ्तार किया है. उत्तर बस्तर में नक्सलियों के शहरी नेटवर्क को लेकर ये अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है. मंगलवार को कोयलीबेड़ा से एक और नक्सल सहयोगी को गिरफ्तार किया गया है.

नक्सलियों तक सामान, नगदी पहुंचाने वालोंं में सड़क ठेकेदारों की अहम भूमिका रही है. अब तक गिरफ्त में आए अधिकांश लोग जिले के धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क निर्माण कार्य से जुड़े हुए हैं. वहीं एक जनपद सदस्य को भी नक्सलियों तक सामान पहुंचाने के मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

सबसे पहले 24 मार्च सिकसोड इलाके से ठेकेदार तापस को एक बोलेरो में नक्सलियों तक सामान लेकर जाते पुलिस ने पकड़ा था. इसके बाद एसपी ने मामले की जांच के लिए एएसपी कीर्तन राठौर के नेतृत्व में एसआईटी गठित की थी. एसआईटी की टीम ने अब तक इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया है, मामले की जांच अभी भी जारी है.

अब तक पकड़े गए आरोपी

  • तापस पालीत- 24 मार्च सिकसोड इलाके से भारी मात्रा में नक्सली समान ने साथ गिरफ्तार.
  • 24 अप्रैल - अजय जैन, कोमल प्रसाद, रोहित नाग, सुशील शर्मा, सुरेश शरणागत, दयाशंकर मिश्रा.
  • 5 मई -टोनी भदौरिया.
  • 7 मई -राजेन्द्र सलाम, मुकेश सलाम.
  • 12 मई- अरुण ठाकुर.

दूसरे राज्यों के लोग भी शामिल
नक्सलियों को सामान सप्लाई करने वाले आरोपियों में दो लोग दूसरे राज्य के रहने वाले भी हैं. इसमें 24 अप्रैल को पकड़ा गया सुशील शर्मा उत्तर प्रदेश का रहने वाला है. जबकि सुरेश मध्यप्रदेश बालाघाट का निवासी है. इससे साफ होता है कि नक्सल सहयोगी सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में भी सक्रिय हैं.

कोयलीबेड़ा से एक और नक्सल सहयोगी गिरफ्तार
एएसपी कीर्तन राठौर ने बताया कि अब तक कुल 11 लोगों की गिरफ्तारी इस मामले में हो चुकी है. कोयलीबेड़ा से एक ठेकेदार की गिरफ्तारी हुई है, जो कि नक्सलियों तक राशन और अन्य सामान पहुंचाने का काम कर रहा था. मामले की जांच अभी भी जारी है.

कांकेर : छत्तीसगढ़ के बस्तर में लाल आतंक की कमर तोड़ने के लिए पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है. नक्सलियों तक सामान, राशन, नकदी पहुंचाने के मामले के पुलिस ने एक बड़े शहरी नेटवर्क को ध्वस्त करते हुए डेढ़ महीने में 11 लोगों को गिरफ्तार किया है. उत्तर बस्तर में नक्सलियों के शहरी नेटवर्क को लेकर ये अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है. मंगलवार को कोयलीबेड़ा से एक और नक्सल सहयोगी को गिरफ्तार किया गया है.

नक्सलियों तक सामान, नगदी पहुंचाने वालोंं में सड़क ठेकेदारों की अहम भूमिका रही है. अब तक गिरफ्त में आए अधिकांश लोग जिले के धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क निर्माण कार्य से जुड़े हुए हैं. वहीं एक जनपद सदस्य को भी नक्सलियों तक सामान पहुंचाने के मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

सबसे पहले 24 मार्च सिकसोड इलाके से ठेकेदार तापस को एक बोलेरो में नक्सलियों तक सामान लेकर जाते पुलिस ने पकड़ा था. इसके बाद एसपी ने मामले की जांच के लिए एएसपी कीर्तन राठौर के नेतृत्व में एसआईटी गठित की थी. एसआईटी की टीम ने अब तक इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया है, मामले की जांच अभी भी जारी है.

अब तक पकड़े गए आरोपी

  • तापस पालीत- 24 मार्च सिकसोड इलाके से भारी मात्रा में नक्सली समान ने साथ गिरफ्तार.
  • 24 अप्रैल - अजय जैन, कोमल प्रसाद, रोहित नाग, सुशील शर्मा, सुरेश शरणागत, दयाशंकर मिश्रा.
  • 5 मई -टोनी भदौरिया.
  • 7 मई -राजेन्द्र सलाम, मुकेश सलाम.
  • 12 मई- अरुण ठाकुर.

दूसरे राज्यों के लोग भी शामिल
नक्सलियों को सामान सप्लाई करने वाले आरोपियों में दो लोग दूसरे राज्य के रहने वाले भी हैं. इसमें 24 अप्रैल को पकड़ा गया सुशील शर्मा उत्तर प्रदेश का रहने वाला है. जबकि सुरेश मध्यप्रदेश बालाघाट का निवासी है. इससे साफ होता है कि नक्सल सहयोगी सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में भी सक्रिय हैं.

कोयलीबेड़ा से एक और नक्सल सहयोगी गिरफ्तार
एएसपी कीर्तन राठौर ने बताया कि अब तक कुल 11 लोगों की गिरफ्तारी इस मामले में हो चुकी है. कोयलीबेड़ा से एक ठेकेदार की गिरफ्तारी हुई है, जो कि नक्सलियों तक राशन और अन्य सामान पहुंचाने का काम कर रहा था. मामले की जांच अभी भी जारी है.

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