चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होते ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी. आचार संहिता लागू होने के बाद सरकार नीतिगत निर्णय नहीं ले सकेगी. उल्लेखनीय है कि मौजूदा लोकसभा का कार्यकाल तीन जून को समाप्त होगा.
आयोग ने 2014 में लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा पांच मार्च को की थी. अप्रैल से मई के बीच नौ चरणों में मतदान कराए गए थे.
इसके अलावा चार राज्य- सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के विधानसभा चुनाव भी कराए जा सकते हैं. चुनाव आयोग इन राज्यों में भी चुनाव की तारीखों का एलान कर सकता है.
बता दें कि चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा होने के बाद से ही आचार संहिता लागू हो जाती है.
इससे पहले कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर तारीखों की घोषणा में जानबूझकर देरी करने के आरोप भी लगाए. कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने ट्वीट कर पीएम मोदी का जिक्र करते हुए आम चुनाव की तारीखों के ऐलान में देरी को लेकर चुनाव आयोग पर निशाना साधा था.
कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने पूछा था कि क्या आयोग पीएम मोदी के कार्यक्रम पूरे होने का इंतजार कर रहा है. अन्य विपक्षी पार्टियों का भी कहना है कि आयोग यह देरी इसलिए कर रहा है, ताकि सरकार आचार संहिता लागू होने से पहले कुछ घोषणा कर सके.
16वीं लोकसभा चुनाव:
2014 में लोकसभा चुनाव 7 अप्रैल से 12 मई तक हुआ था. इसके बाद वोटों की गिनती 16 मई को हुई थी.
चुनाव आयोग सामान्य तौर पर रविवार को लोकसभा के चुनावों की तारीखों का ऐलान नहीं करता. हालांकि, इस बार निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तारीखों के ऐलान के लिए आज यानी रविवार का ही दिन चुना है. इससे पहले साल 2004 के लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान भी रविवार को ही हुआ था.