नई दिल्ली: सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग को चुनाव आयोग से राहत मिली है. चुनाव आयोग ने तमांग को अयोग्य करार देते हुए छह साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी. यह रोक 10 अगस्त, 2018 को जेल की सजा पूरी होने के साथ शुरू हुई थी.
तमांग पर प्रतिबंध की अवधि 10 अगस्त, 2024 तक प्रभावी रहनी थी. हालांकि, तमांग की अपील पर चुनाव आयोग ने प्रतिबंध की अवधि घटा कर एक साल एक महीने कर दिया. रविवार को लिए गए इस फैसले के साथ ही 10 सितंबर को उनकी अयोग्यता अवधि समाप्त हो गई और अब वह चुनाव लड़ सकते हैं.
चुनाव लड़ने पर लगी रोक
तमांग की पार्टी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी ने सिक्किम विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की थी. तमांग ने विगत 27 मई को मुख्यमंत्री का पद संभाला था. हालांकि, भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराए जाने के कारण तमांग के चुनाव लड़ने पर रोक लग गई थी.
मुख्यमंत्री तमांग ने विगत जुलाई में एक पत्र लिखकर चुनाव आयोग से जनप्रतिनिधित्व कानून अधिनियम, 1951 की धारा 11 के तहत राहत दिए जाने की अपील की थी.
गौरतलब यह है कि मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए तमांग को छह महीने के भीतर विधानसभा चुनाव लड़ना और निर्वाचित विधायक बनना अनिवार्य है.
उल्लेखनीय है कि तमांग को 1990 में पशुपालन विभाग की गाय बांटने की योजना में सरकारी धन में अनियमितता करने का दोषी पाया गया था. तमांग को 2017 में एक साल के लिए जेल भी जाना पड़ा था, हालांकि, 2018 में जेल से रिहा कर दिए गए थे.
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बता दें कि जनप्रतिनिधित्व कानून अधिनियम के प्रावधानों के तहत, चुनाव आयोग किसी भी व्यक्ति की अयोग्यता अवधि कम कर सकता है. आयोग के पास अयोग्यता हटाने के भी अधिकार हैं. इस कानून के अधिनियम के अध्याय 1 के तहत (धारा 8 क को छोड़कर) चुनाव आयोग किसी भी व्यक्ति की अयोग्यता की अवधि को कम कर सकता है.