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सिक्किम उपचुनाव : चुनाव आयोग से CM तमांग को मिली राहत, बनेंगे उम्मीदवार - भ्रष्टाचार के मामले में दोषी

चुनाव आयोग ने निर्वाचन कानून के तहत सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग की अयोग्यता अवधि रविवार को करीब पांच साल घटा दी. इससे तमांग का सिक्किम में होने वाले उपचुनाव में उम्मीदवार बनने का रास्ता साफ हो गया है. जानें पूरा मामला

सीएम तमांग (फाइल फोटो)
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Published : Sep 29, 2019, 9:18 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 12:36 PM IST

नई दिल्ली: सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग को चुनाव आयोग से राहत मिली है. चुनाव आयोग ने तमांग को अयोग्य करार देते हुए छह साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी. यह रोक 10 अगस्त, 2018 को जेल की सजा पूरी होने के साथ शुरू हुई थी.

तमांग पर प्रतिबंध की अवधि 10 अगस्त, 2024 तक प्रभावी रहनी थी. हालांकि, तमांग की अपील पर चुनाव आयोग ने प्रतिबंध की अवधि घटा कर एक साल एक महीने कर दिया. रविवार को लिए गए इस फैसले के साथ ही 10 सितंबर को उनकी अयोग्यता अवधि समाप्त हो गई और अब वह चुनाव लड़ सकते हैं.

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चुनाव आयोग के फैसले का अंश

चुनाव लड़ने पर लगी रोक
तमांग की पार्टी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी ने सिक्किम विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की थी. तमांग ने विगत 27 मई को मुख्यमंत्री का पद संभाला था. हालांकि, भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराए जाने के कारण तमांग के चुनाव लड़ने पर रोक लग गई थी.

मुख्यमंत्री तमांग ने विगत जुलाई में एक पत्र लिखकर चुनाव आयोग से जनप्रतिनिधित्व कानून अधिनियम, 1951 की धारा 11 के तहत राहत दिए जाने की अपील की थी.

गौरतलब यह है कि मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए तमांग को छह महीने के भीतर विधानसभा चुनाव लड़ना और निर्वाचित विधायक बनना अनिवार्य है.

उल्लेखनीय है कि तमांग को 1990 में पशुपालन विभाग की गाय बांटने की योजना में सरकारी धन में अनियमितता करने का दोषी पाया गया था. तमांग को 2017 में एक साल के लिए जेल भी जाना पड़ा था, हालांकि, 2018 में जेल से रिहा कर दिए गए थे.

पढ़ें- महाराष्ट्र में शिवसेना का CM बनाने का बालासाहेब से किया वादा पूरा करूंगा : उद्धव ठाकरे

बता दें कि जनप्रतिनिधित्व कानून अधिनियम के प्रावधानों के तहत, चुनाव आयोग किसी भी व्यक्ति की अयोग्यता अवधि कम कर सकता है. आयोग के पास अयोग्यता हटाने के भी अधिकार हैं. इस कानून के अधिनियम के अध्याय 1 के तहत (धारा 8 क को छोड़कर) चुनाव आयोग किसी भी व्यक्ति की अयोग्यता की अवधि को कम कर सकता है.

नई दिल्ली: सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग को चुनाव आयोग से राहत मिली है. चुनाव आयोग ने तमांग को अयोग्य करार देते हुए छह साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी. यह रोक 10 अगस्त, 2018 को जेल की सजा पूरी होने के साथ शुरू हुई थी.

तमांग पर प्रतिबंध की अवधि 10 अगस्त, 2024 तक प्रभावी रहनी थी. हालांकि, तमांग की अपील पर चुनाव आयोग ने प्रतिबंध की अवधि घटा कर एक साल एक महीने कर दिया. रविवार को लिए गए इस फैसले के साथ ही 10 सितंबर को उनकी अयोग्यता अवधि समाप्त हो गई और अब वह चुनाव लड़ सकते हैं.

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चुनाव आयोग के फैसले का अंश

चुनाव लड़ने पर लगी रोक
तमांग की पार्टी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी ने सिक्किम विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की थी. तमांग ने विगत 27 मई को मुख्यमंत्री का पद संभाला था. हालांकि, भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराए जाने के कारण तमांग के चुनाव लड़ने पर रोक लग गई थी.

मुख्यमंत्री तमांग ने विगत जुलाई में एक पत्र लिखकर चुनाव आयोग से जनप्रतिनिधित्व कानून अधिनियम, 1951 की धारा 11 के तहत राहत दिए जाने की अपील की थी.

गौरतलब यह है कि मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए तमांग को छह महीने के भीतर विधानसभा चुनाव लड़ना और निर्वाचित विधायक बनना अनिवार्य है.

उल्लेखनीय है कि तमांग को 1990 में पशुपालन विभाग की गाय बांटने की योजना में सरकारी धन में अनियमितता करने का दोषी पाया गया था. तमांग को 2017 में एक साल के लिए जेल भी जाना पड़ा था, हालांकि, 2018 में जेल से रिहा कर दिए गए थे.

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बता दें कि जनप्रतिनिधित्व कानून अधिनियम के प्रावधानों के तहत, चुनाव आयोग किसी भी व्यक्ति की अयोग्यता अवधि कम कर सकता है. आयोग के पास अयोग्यता हटाने के भी अधिकार हैं. इस कानून के अधिनियम के अध्याय 1 के तहत (धारा 8 क को छोड़कर) चुनाव आयोग किसी भी व्यक्ति की अयोग्यता की अवधि को कम कर सकता है.

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Sikkim CM seeks disqualification waiver from EC
         New Delhi, Jul 29 (PTI) Sikkim Chief Minister Prem Singh Tamang has requested the Election Commission to waive off his disqualification from contesting polls, sources said on Monday.
         Tamang, whose Sikkim Krantikari Morcha party won in the recently held assembly elections, took over as chief minister on May 27 but he cannot contest elections as he was convicted in a corruption case and stands disqualified.
         He has to contest assembly polls within six months of becoming the chief minister to hold the office.
         In a letter, Tamang has requested the poll panel to use Section 11 of the Representation of the People Act to waive off his disqualification, the sources said.
         He was convicted in a corruption case in the 1990s and was in jail for one year beginning 2017 and was released in August 2018.
         Under the provisions, the EC can reduce or remove a person's disqualification.
         The section states, "The Election Commission may, for reasons to be recorded, remove any disqualification under this Chapter 1(except under section 8A) or reduce the period of any such disqualification."
         As per the Representation of the People Act, Tamang cannot contest elections for seven years, this includes one year of jail term and six more years after it.
         An EC official said the matter is under consideration and no decision has been taken as yet.
         
         
          PTI NAB
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Last Updated : Oct 2, 2019, 12:36 PM IST
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