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नेपाल : अपनी पार्टी का असंतोष रोकने में नाकाम पीएम ओली का भारत पर निशाना - efforts are being made

नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के खिलाफ असंतोष की खबरें लगातार आ रही हैं. देश के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड भी ओली से असंतुष्ट हैं. प्रचंड ने बीते दिनों कहा था कि वह नेपाल को पाकिस्तान नहीं बनने देंगे. इसी बीच ओली ने दावा किया है कि उन्हें पद से हटाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने भारत पर भी आरोप लगाए हैं.

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली
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Published : Jun 29, 2020, 12:48 AM IST

Updated : Jun 29, 2020, 11:33 AM IST

काठमांडू : नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा है कि उन्हें पद से हटाने की कोशिशें की जा रही हैं. काठमांडू पोस्ट में छपी खबर के मुताबिक पीएम ओली ने एक स्थानीय कार्यक्रम में संबोधित करते हुए रविवार को कहा, 'देश के नए नक्शे को जारी करने और संसद से इसे पारित कराए जाने के बाद मुझे पद से हटाने की कोशिश की जा रही है.' मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रविवार को ओली ने कहा, 'काठमांडू के अलग-अलग होटलों में हो रही बैठकें, बैठकों में हो रही बौद्धिक चर्चाएं, नई दिल्ली से आ रही रिपोर्ट्स और (भारतीय) दूतावास की गतिविधियों को देखते हुए यह समझना बहुत मुश्किल नहीं है कि लोग मुझे कैसे पद से हटाने की कोशिश कर रहे हैं.' हालांकि ओली ने कहा है कि उन्हें पद से हटाने की जुगत में लगे लोग सफल नहीं होंगे. गौरतलब है कि नेपाल के नए राजनीतिक नक्शे में तीन भारतीय क्षेत्रों को शामिल किया गया है. इनमें रणनीतिक रूप से प्रमुख जगहें- लिम्पियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख को शामिल हैं. हालांकि भारत ने नेपाल के नए नक्शे को खारिज कर दिया है.

बता दें कि नेपाल की राजनीति से जुड़ी अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में भी यह बातें सामने आई हैं कि प्रधानमंत्री ओली के खिलाफ देश में भी असंतोष बढ़ रहा है. माना जा रहा है कि बढ़ते असंतोष से घबराए ओली ने भारत पर आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं. अपनी पार्टी के भीतर से ही उठ रहे असंतोष को स्वरों को रोक पाने में नाकाम रहे ओली ने अब यह नया दांव चला है.

बता दें कि कई दिन से नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की स्थाई समिति की बैठक चल रही है. बैठक के दौरान भारत के साथ सीमा विवाद और 50 करोड़ डॉलर के प्रस्तावित अमेरिकी अनुदान सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की 44 सदस्यीय स्थायी समिति में उनके साथ 15 सदस्य ही हैं. यह समिति मांग कर रही है कि ओली या तो प्रधानमंत्री पद छोड़े अथवा पार्टी अध्यक्ष पद. एक व्यक्ति दो पद की व्यवस्था अब नहीं चलेगी. इससे पहले गत सप्ताह प्रधानमंत्री ओली और सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड समेत उनके प्रतिद्वंद्वियों के बीच स्थाई समिति की बैठक में मतभेद खुल कर सामने आ गए थे.

यह भी पढ़ें- ओली को प्रचंड की चुनौती, कहा- नेपाल को पाकिस्तान नहीं बनने देंगे

नाम न बताने की शर्त पर सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि ओली का संकेत सत्तारूढ़ पार्टी के अंदर उनके विरोधियों के लिए था न कि किसी बाहरी के लिए. उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी में मतभेद बढ़ रहे हैं और प्रधानमंत्री को उन्हीं की पार्टी में किनारे किया जा रहा है और उनके ही साथी सरकार के प्रदर्शन की आलोचना कर रहे हैं.

नेपाल कंम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के अन्य नेता ने कहा कि स्थायी समिति की बैठक से पहले दो दिन ओली की गैर हाजिरी उनके और प्रचंड के बीच बढ़ते मतभेद को दिखाती है.

यह भी पढ़ें-भारत विरोधी कदमों से अपनी ही पार्टी में घिरे नेपाली पीएम ओली

बता दें कि कम्युनिस्ट पार्टी की स्थायी समिति के सदस्य अपनी सरकार के भारत से खराब होते संबंधों पर प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. पार्टी सदस्यों के भारी दबाव को देखते हुए ओली शुक्रवार को अपने ही आवास पर आयोजित स्थाई समिति की बैठक से नदारद रहे. प्रधानमंत्री ओली की गैर मौजूदगी में हुई इस बैठक में केवल भारत के साथ चल रहे सीमा विवाद पर ही चर्चा हुई.

इस दौरान स्थायी समिति के सदस्यों ने ओली प्रशासन को सीमा विवाद पर भारत के साथ कूटनीतिक वार्ता के लिए जमीनी स्तर पर विफल रहने और नेपाल-भारत संबंधों को हाल के इतिहास में सबसे निचले स्तर तक खराब करने का जिम्मेदार ठहराया.

इससे पहले नेपाल राष्ट्र में सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की स्थायी समिति (स्टैंडिंग कमेटी) की बैठक हुई थी. इस बैठक में ओली का प्रतिद्वंद्वी गुट उनसे इस्तीफे का मांग कर रहा है. बैठक के पहले दिन पार्टी अध्यक्ष ओली और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड दोनों शामिल थे.

काठमांडू : नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा है कि उन्हें पद से हटाने की कोशिशें की जा रही हैं. काठमांडू पोस्ट में छपी खबर के मुताबिक पीएम ओली ने एक स्थानीय कार्यक्रम में संबोधित करते हुए रविवार को कहा, 'देश के नए नक्शे को जारी करने और संसद से इसे पारित कराए जाने के बाद मुझे पद से हटाने की कोशिश की जा रही है.' मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रविवार को ओली ने कहा, 'काठमांडू के अलग-अलग होटलों में हो रही बैठकें, बैठकों में हो रही बौद्धिक चर्चाएं, नई दिल्ली से आ रही रिपोर्ट्स और (भारतीय) दूतावास की गतिविधियों को देखते हुए यह समझना बहुत मुश्किल नहीं है कि लोग मुझे कैसे पद से हटाने की कोशिश कर रहे हैं.' हालांकि ओली ने कहा है कि उन्हें पद से हटाने की जुगत में लगे लोग सफल नहीं होंगे. गौरतलब है कि नेपाल के नए राजनीतिक नक्शे में तीन भारतीय क्षेत्रों को शामिल किया गया है. इनमें रणनीतिक रूप से प्रमुख जगहें- लिम्पियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख को शामिल हैं. हालांकि भारत ने नेपाल के नए नक्शे को खारिज कर दिया है.

बता दें कि नेपाल की राजनीति से जुड़ी अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में भी यह बातें सामने आई हैं कि प्रधानमंत्री ओली के खिलाफ देश में भी असंतोष बढ़ रहा है. माना जा रहा है कि बढ़ते असंतोष से घबराए ओली ने भारत पर आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं. अपनी पार्टी के भीतर से ही उठ रहे असंतोष को स्वरों को रोक पाने में नाकाम रहे ओली ने अब यह नया दांव चला है.

बता दें कि कई दिन से नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की स्थाई समिति की बैठक चल रही है. बैठक के दौरान भारत के साथ सीमा विवाद और 50 करोड़ डॉलर के प्रस्तावित अमेरिकी अनुदान सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की 44 सदस्यीय स्थायी समिति में उनके साथ 15 सदस्य ही हैं. यह समिति मांग कर रही है कि ओली या तो प्रधानमंत्री पद छोड़े अथवा पार्टी अध्यक्ष पद. एक व्यक्ति दो पद की व्यवस्था अब नहीं चलेगी. इससे पहले गत सप्ताह प्रधानमंत्री ओली और सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड समेत उनके प्रतिद्वंद्वियों के बीच स्थाई समिति की बैठक में मतभेद खुल कर सामने आ गए थे.

यह भी पढ़ें- ओली को प्रचंड की चुनौती, कहा- नेपाल को पाकिस्तान नहीं बनने देंगे

नाम न बताने की शर्त पर सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि ओली का संकेत सत्तारूढ़ पार्टी के अंदर उनके विरोधियों के लिए था न कि किसी बाहरी के लिए. उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी में मतभेद बढ़ रहे हैं और प्रधानमंत्री को उन्हीं की पार्टी में किनारे किया जा रहा है और उनके ही साथी सरकार के प्रदर्शन की आलोचना कर रहे हैं.

नेपाल कंम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के अन्य नेता ने कहा कि स्थायी समिति की बैठक से पहले दो दिन ओली की गैर हाजिरी उनके और प्रचंड के बीच बढ़ते मतभेद को दिखाती है.

यह भी पढ़ें-भारत विरोधी कदमों से अपनी ही पार्टी में घिरे नेपाली पीएम ओली

बता दें कि कम्युनिस्ट पार्टी की स्थायी समिति के सदस्य अपनी सरकार के भारत से खराब होते संबंधों पर प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. पार्टी सदस्यों के भारी दबाव को देखते हुए ओली शुक्रवार को अपने ही आवास पर आयोजित स्थाई समिति की बैठक से नदारद रहे. प्रधानमंत्री ओली की गैर मौजूदगी में हुई इस बैठक में केवल भारत के साथ चल रहे सीमा विवाद पर ही चर्चा हुई.

इस दौरान स्थायी समिति के सदस्यों ने ओली प्रशासन को सीमा विवाद पर भारत के साथ कूटनीतिक वार्ता के लिए जमीनी स्तर पर विफल रहने और नेपाल-भारत संबंधों को हाल के इतिहास में सबसे निचले स्तर तक खराब करने का जिम्मेदार ठहराया.

इससे पहले नेपाल राष्ट्र में सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की स्थायी समिति (स्टैंडिंग कमेटी) की बैठक हुई थी. इस बैठक में ओली का प्रतिद्वंद्वी गुट उनसे इस्तीफे का मांग कर रहा है. बैठक के पहले दिन पार्टी अध्यक्ष ओली और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड दोनों शामिल थे.

Last Updated : Jun 29, 2020, 11:33 AM IST
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