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90 प्रतिशत कारगर है ऑक्‍सफोर्ड-एस्‍ट्राजेनेका का कोविड वैक्सीन - कोरोना टीका ट्रायल

ऑक्‍सफोर्ड-एस्‍ट्राजेनेका का वैक्‍सीन कोरोना को रोकने में कारगर है. वैक्‍सीन के फेज 3 ट्रायल का अंतरिम परिणाम बताते हैं कि ओवरऑल इसकी एफिशिएंसी 70.4% है.

ऑक्‍सफर्ड-एस्‍ट्राजेनेका कोविड टीका
ऑक्‍सफर्ड-एस्‍ट्राजेनेका कोविड टीका
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Published : Nov 23, 2020, 4:00 PM IST

Updated : Nov 23, 2020, 7:41 PM IST

नई दिल्ली : कोरोना टीका ट्रायल के तीसरे चरण के परिणाम सामने आने लगे हैं. सोमवार को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा तीसरे चरण में लगाए गए टीके के अंतरिम परिणाम प्रस्तुत किए गए हैं. परिणाम से यह पता चलता है कि वैक्सीन कोविड-19 को रोकने में प्रभावी है. यह टीका घातक वायरस से सुरक्षा प्रदान करता है.

कोरोना का यह टीका एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड दोनों ने मिल कर बनाया है. इस वैक्सीन के दो डोज को 70 प्रतिशत प्रभावी पाया गया है. खास बात यह है कि रिसर्चर्स कह रहे हैं कि डोज की मात्रा बदलने पर वैक्‍सीन और असरदार साबित हो रही है. जब वैक्‍सीन की पहली डोज आधी और दूसरी डोज पूरी रखी गई, तब वैक्‍सीन 90% तक असरदार रही.

दवा बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने सोमवार को घोषणा की कि युनाइटेड किंगडम और ब्राजील में हुए कोविड-19 वैक्सीन के परीक्षणों से ये पता चला है कि उसकी बनाई वैक्सीन कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए यह काफी असरदार है. वैक्सीन लगाने वाले किसी भी प्रतिभागी में कोई भी प्रतिकूल असर नहीं देखा गया.

विश्लेषण में कुल 131 कोविड-19 मरीज शामिल थे. एजेडडी 1222 की आधा खुराक 90 प्रतिशत तक प्रभावी पाई गई. इसके बाद कम से कम एक महीने बाद पूरी खुराक दी गई. एक अलग ट्रायल में एक महीने के अंतराल पर दो खुराक दी गई, जो 62 फीसदी तक कारगर साबित हुR. दोनों को साथ जोड़कर विश्लेषण करने पर पता चला कि ये वैक्सीन 70 फीसदी तक प्रभावी है.

सभी परिणाम सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण थे. इस बारे में और डेटा इकट्ठा किया जा रहा है और फिर से विश्लेषण किया जाएगा. एक स्वतंत्र डेटा सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड ने तय किया कि इस विश्लेषण से साबित हुआ कि कोविड-19 से संक्रमण के 14 दिन तक दोनों तरह के खुराक देने से इस वायरस से सुरक्षा मिली. टीका से संबंधित कोई गंभीर खतरे की पुष्टि नहीं की गई है.

एस्ट्राजेनेका अब दुनियाभर के अधिकारियों को अपना डेटा सौंपेगी, ताकि इसे इस्तेमाल करने की इजाजत मिल जाए. कंपनी कम आय वाले देशों में टीके की उपलब्धता कराने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन से उसे आपातकालीन इस्तेमाल की उपयोग सूची में डालने की मांग करेगी. साथ ही, अंतरिम परिणामों का पूर्ण विश्लेषण प्रकाशन के लिए भी भेजेगी.

ऑक्सफोर्ड में वैक्सीन ट्रायल के मुख्य अन्वेषक प्रोफेसर एंड्रयू पोलार्ड ने कहा कि इन निष्कर्षो से पता चलता है कि हमारे पास एक प्रभावी टीका है जो, कई जिंदगियों को बचाएगा. उत्साहजनक रूप से हमने पाया है कि हमारी खुराक में से एक है जो लगभग 90 प्रतिशत तक प्रभावी है और अगर सब ठीक ठाक रहा तो अधिक लोगों तक टीके की आपूर्ति हो सकेगी. ये सब कई स्वयंसेवकों और दुनिया भर के शोधकर्ताओं की कड़ी मेहनत और प्रतिभाशाली टीम का नतीजा है.

पढ़ें- कोरोना : दिल्ली, गुजरात में बदतर हालात, सुप्रीम कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

मुख्य कार्यकारी अधिकारी पास्कल सोरियट ने कहा कि आज का दिन महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक मील का पत्थर है. इस टीके का असर और सुरक्षा ये पुष्टि करती है कि यह कोविड-19 के खिलाफ काफी प्रभावी है. इसके अलावा, वैक्सीन की आपूर्ति और हमारी प्रतिज्ञा ये सुनिश्चित करेगी कि यह सस्ता हो और दुनियाभर में उपलब्ध हो.

विश्लेषण में यूके में फेज 2 और 3 का परीक्षण और ब्राजील में फेज 3 के परीक्षण के डेटा शामिल हैं. 23,000 से अधिक प्रतिभागियों पर ये ट्रायल किया गया है, जिनको आधा खुराक या पूरी खुराक वाले टीके लगाए गए. उसी के आधार पर ये मूल्यांकन किया गया है. प्रतिभागियों में अलग-अलग नस्ल और भौगोलिक समूहों के लोग हैं.

परीक्षण अमेरिका, जापान, रूस, दक्षिण अफ्रीका, केन्या, लैटिन अमेरिका और अन्य यूरोपीय और एशियाई देशों में किए गए. कुल मिलाकर परीक्षण में विश्व स्तर पर 60,000 प्रतिभागी शामिल हैं. कंपनी 2021 में वैक्सीन की 300 करोड़ खुराक की क्षमता के साथ मैदान में उतरेगी. वैक्सीन को कम से कम छह महीने तक सामान्य तापमान 2-8 डिग्री सेल्सियस पर रखा जा सकता है.

वैक्सीन की व्यापक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एस्ट्राजेनेका दुनियाभर की सरकारों, बहुपक्षीय संगठनों और सहयोगियों के साथ जुड़ना जारी रखेगी.

नई दिल्ली : कोरोना टीका ट्रायल के तीसरे चरण के परिणाम सामने आने लगे हैं. सोमवार को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा तीसरे चरण में लगाए गए टीके के अंतरिम परिणाम प्रस्तुत किए गए हैं. परिणाम से यह पता चलता है कि वैक्सीन कोविड-19 को रोकने में प्रभावी है. यह टीका घातक वायरस से सुरक्षा प्रदान करता है.

कोरोना का यह टीका एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड दोनों ने मिल कर बनाया है. इस वैक्सीन के दो डोज को 70 प्रतिशत प्रभावी पाया गया है. खास बात यह है कि रिसर्चर्स कह रहे हैं कि डोज की मात्रा बदलने पर वैक्‍सीन और असरदार साबित हो रही है. जब वैक्‍सीन की पहली डोज आधी और दूसरी डोज पूरी रखी गई, तब वैक्‍सीन 90% तक असरदार रही.

दवा बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने सोमवार को घोषणा की कि युनाइटेड किंगडम और ब्राजील में हुए कोविड-19 वैक्सीन के परीक्षणों से ये पता चला है कि उसकी बनाई वैक्सीन कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए यह काफी असरदार है. वैक्सीन लगाने वाले किसी भी प्रतिभागी में कोई भी प्रतिकूल असर नहीं देखा गया.

विश्लेषण में कुल 131 कोविड-19 मरीज शामिल थे. एजेडडी 1222 की आधा खुराक 90 प्रतिशत तक प्रभावी पाई गई. इसके बाद कम से कम एक महीने बाद पूरी खुराक दी गई. एक अलग ट्रायल में एक महीने के अंतराल पर दो खुराक दी गई, जो 62 फीसदी तक कारगर साबित हुR. दोनों को साथ जोड़कर विश्लेषण करने पर पता चला कि ये वैक्सीन 70 फीसदी तक प्रभावी है.

सभी परिणाम सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण थे. इस बारे में और डेटा इकट्ठा किया जा रहा है और फिर से विश्लेषण किया जाएगा. एक स्वतंत्र डेटा सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड ने तय किया कि इस विश्लेषण से साबित हुआ कि कोविड-19 से संक्रमण के 14 दिन तक दोनों तरह के खुराक देने से इस वायरस से सुरक्षा मिली. टीका से संबंधित कोई गंभीर खतरे की पुष्टि नहीं की गई है.

एस्ट्राजेनेका अब दुनियाभर के अधिकारियों को अपना डेटा सौंपेगी, ताकि इसे इस्तेमाल करने की इजाजत मिल जाए. कंपनी कम आय वाले देशों में टीके की उपलब्धता कराने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन से उसे आपातकालीन इस्तेमाल की उपयोग सूची में डालने की मांग करेगी. साथ ही, अंतरिम परिणामों का पूर्ण विश्लेषण प्रकाशन के लिए भी भेजेगी.

ऑक्सफोर्ड में वैक्सीन ट्रायल के मुख्य अन्वेषक प्रोफेसर एंड्रयू पोलार्ड ने कहा कि इन निष्कर्षो से पता चलता है कि हमारे पास एक प्रभावी टीका है जो, कई जिंदगियों को बचाएगा. उत्साहजनक रूप से हमने पाया है कि हमारी खुराक में से एक है जो लगभग 90 प्रतिशत तक प्रभावी है और अगर सब ठीक ठाक रहा तो अधिक लोगों तक टीके की आपूर्ति हो सकेगी. ये सब कई स्वयंसेवकों और दुनिया भर के शोधकर्ताओं की कड़ी मेहनत और प्रतिभाशाली टीम का नतीजा है.

पढ़ें- कोरोना : दिल्ली, गुजरात में बदतर हालात, सुप्रीम कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

मुख्य कार्यकारी अधिकारी पास्कल सोरियट ने कहा कि आज का दिन महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक मील का पत्थर है. इस टीके का असर और सुरक्षा ये पुष्टि करती है कि यह कोविड-19 के खिलाफ काफी प्रभावी है. इसके अलावा, वैक्सीन की आपूर्ति और हमारी प्रतिज्ञा ये सुनिश्चित करेगी कि यह सस्ता हो और दुनियाभर में उपलब्ध हो.

विश्लेषण में यूके में फेज 2 और 3 का परीक्षण और ब्राजील में फेज 3 के परीक्षण के डेटा शामिल हैं. 23,000 से अधिक प्रतिभागियों पर ये ट्रायल किया गया है, जिनको आधा खुराक या पूरी खुराक वाले टीके लगाए गए. उसी के आधार पर ये मूल्यांकन किया गया है. प्रतिभागियों में अलग-अलग नस्ल और भौगोलिक समूहों के लोग हैं.

परीक्षण अमेरिका, जापान, रूस, दक्षिण अफ्रीका, केन्या, लैटिन अमेरिका और अन्य यूरोपीय और एशियाई देशों में किए गए. कुल मिलाकर परीक्षण में विश्व स्तर पर 60,000 प्रतिभागी शामिल हैं. कंपनी 2021 में वैक्सीन की 300 करोड़ खुराक की क्षमता के साथ मैदान में उतरेगी. वैक्सीन को कम से कम छह महीने तक सामान्य तापमान 2-8 डिग्री सेल्सियस पर रखा जा सकता है.

वैक्सीन की व्यापक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एस्ट्राजेनेका दुनियाभर की सरकारों, बहुपक्षीय संगठनों और सहयोगियों के साथ जुड़ना जारी रखेगी.

Last Updated : Nov 23, 2020, 7:41 PM IST
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