नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली उच्च न्यायालय में आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदंबरम की जमानत याचिका का विरोध किया है. ईडी ने कहा कि उनके (चिदंबरम) द्वारा कथित तौर पर किये गये अपराधों की गंभीरता उन्हें राहत पाने का हकदार नहीं बनाती.
74 वर्षीय चिदंबरम की जमानत याचिका के जवाब में दायर अपने हलफनामे में ईडी ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता की, उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनने संबंधी दलील ‘‘विधि सम्मत नहीं है’’ और उनकी याचिका खारिज किये जाने योग्य है.
मामला न्यायमूर्ति सुरेश कैत के समक्ष सोमवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है. न्यायमूर्ति कैत ने चिदंबरम की जमानत याचिका पर जांच एजेंसी से जवाब देने को कहा था.
चिदंबरम ईडी द्वारा दायर धनशोधन मामले में न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद है.
उच्चतम न्यायालय ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में 22 अक्टूबर को चिदंबरम को जमानत दे दी थी.
उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को चिदंबरम की अंतरिम जमानत याचिका का निस्तारण करते हुए तिहाड़ जेल के अधीक्षक को आंतों से जुड़ी बीमारी ‘क्रोहन’ से पीड़ित चिदंबरम को स्वच्छ परिवेश, मिनरल वाटर, घर का बना भोजन और मच्छरदानी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये थे.
जमानत याचिका पर अपने जवाब में ईडी ने कहा कि चिदंबरम द्वारा कथित तौर पर किये गये अपराध की गंभीरता को देखते हुए वह अदालत से राहत पाने के हकदार नहीं है. उन्होंने व्यक्तिगत लाभ के लिए देश के उच्च पद का दुरुपयोग किया.
ईडी ने कहा कि उन्हें जमानत दिया जाना न केवल न्यायालय और देश की 'भ्रष्टाचार पर कोई समझौता नहीं करने की नीति' के खिलाफ होगा, बल्कि सभी भ्रष्टाचार के मामलों में एक बहुत गलत मिसाल कायम करेगा.
पढ़ें- रबड़ स्टांप राज्यपाल नहीं हूं, जो सिर्फ दस्तखत करे : किरण बेदी
एजेंसी ने कहा कि जांच से इकट्ठा की गई पर्याप्त सामग्री से पता चलता है कि यह स्पष्ट रूप से धनशोधन का मामला है जिसमें चिदंबरम, उनके पुत्र कार्ति और अन्य की संलिप्तता है.
चिदंबरम ने इससे पहले धनशोधन मामले में उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत मांगी थी. हालांकि याचिका को खारिज कर दिया गया था. उच्चतम न्यायालय में फैसले को चुनौती दी गई थी और वहां भी उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया गया था.
ईडी ने धनशोधन मामले में चिदंबरम को 16 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था.
यह मामला 2007 में वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल में विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) द्वारा आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश प्राप्त करने की मंजूरी में हुयी कथित अनियमितताओं से संबंधित है.
सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में 18 अक्टूबर को दाखिल अपने आरोप पत्र में चिदंबरम और कई अन्य के नाम लिये थे.
निचली अदालत ने 21 अक्टूबर को आरोप पत्र पर संज्ञान लिया था और इसके बाद 22 अक्टूबर को उच्चतम न्यायालय ने मामले में उन्हें नियमित जमानत दे दी थी.
चिदंबरम ने अपनी जमानत याचिका में दलील दी है कि सीबीआई और ईडी के मामले एक ही वित्तीय लेन-देन से संबंधित हैं और इसलिए दोनों मामलों में अलग-अलग हिरासत में नहीं लिया जा सकता है.
याचिका में दलील दी गई है कि मामले में सभी सबूत दस्तावेजी हैं और जांच एजेंसियों के पास हैं इसलिए वह (चिदंबरम) सबूतों से छेड़छाड़ नहीं कर सकते हैं.
इसमें दावा किया गया है कि चिदंबरम हमेशा ईडी की पूछताछ के लिए उपलब्ध रहे हैं और एजेंसी के समक्ष पेश हुए हैं और उन्होंने सभी सवालों के जवाब दिये हैं.
उन्होंने कहा कि ईडी ने 16 अक्टूबर तक उनसे पूछताछ करने का कोई प्रयास नहीं किया जबकि वह गत पांच सितम्बर से तिहाड़ जेल में बंद हैं.
ईडी ने 16 अक्टूबर को तिहाड़ जेल में चिदंबरम से पूछताछ की थी और इसके बाद औपचारिक रूप से उन्हें गिरफ्तार कर लिया.