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केरल सोना तस्करी केस की चार्जशीट में पूर्व प्रधान सचिव का नाम

केरल के सोना तस्करी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने केरल सरकार के पूर्व नौकरशाह एम शिवशंकर को आरोपी बनाया है. इस मामले में फाइल की गई चार्ज शीट में ईडी ने शिव शंकर के खिलाफ विस्तृत जांच की मांग की है. बता दें कि शिवशंकर मुख्यमंत्री पिनारई विजयन के प्रधान सचिव रह चुके हैं.

केरल सोना तस्करी
केरल सोना तस्करी
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Published : Oct 8, 2020, 3:56 AM IST

Updated : Oct 8, 2020, 7:54 AM IST

कोच्चि : बहुचर्चित केरल सोना तस्करी मामले में ईडी के अधिकारी वॉट्सएप संदेशों की पड़ताल भी कर रहे हैं. यह संदेश पूर्व प्रधान सचिव शिवशंकर और स्वप्ना के चार्टर्ड अकाउंटेंट बीच आदान-प्रदान किए गए हैं. इन संदेशों में शिवशंकर वेणुगोपाल से 30 लाख रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट निवेश करने की बात कर वेणुगोपाल से व्यक्तिगत रूप से मिलने की बात कहते हैं.

हालांकि, शिवशंकर ने इस तरह के किसी भी मैसेज की बात याद न होने की बात कही है. शिवशंकर का कहना है कि उसे याद नहीं कि उसने वेणुगोपाल को कभी ऐसा मैसेज भेजा हो या किसी और से मिले मैसेज को अग्रसारित किया हो.

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ईडी के आरोप पत्र का अंश

ईडी ने कहा है की इस संदर्भ में कहा है कि जांच डिजिटल सबूतों के आधार पर होनी चाहिए. ईडी की चार्जशीट में सोना तस्करी मामले मैं आरोपी स्वपना सुरेश और शिवशंकर के बीच संबंध भी बताए गए हैं. ईडी के मुताबिक स्वपना को बैंक लॉकर दिलाने में भी शिवशंकर की भूमिका रही है. चार्जशीट में कहा गया है कि स्वपना जब आर्थिक तंगी से गुजर रही थी, तब शिवशंकर ने कई मौकों पर स्वपना की आर्थिक मदद की, लेकिन स्पवना ने यह पैसे वापस नहीं किए.

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ईडी के आरोप पत्र का अंश

ईडी के मुताबिक जब स्वपना सुरेश ने यूएई कॉन्सुलेट से इस्तीफा दिया और 'स्पेस पार्क' में नौकरी के लिए अप्लाई किया तो वहां उसने शिवशंकर का नाम रेफरेंस के रूप में प्रयोग किया. चार्टर्ड अकाउंटेंट वेणुगोपाल से स्वपना का परिचय शिवशंकर ने ही कराया.

बकौल ईडी, शिवशंकर पैसों के साथ लौटी स्वपना को लेने भी गए थे. इन बातों के आधार पर ईडी का कहना है कि स्वपना के वित्तीय सौदों में पूर्व प्रधान सचिव शिवशंकर की भूमिका रही है. ऐसे में इस मामले में विस्तृत जांच होनी चाहिए.

इसी बीच एक अहम घटनाक्रम में केरल सोना तस्करी मामले के दो मुख्य षडयंत्रकारी यूएई में गिरफ्तार किए गए हैं. इस मामले के दो मुख्य षडयंत्रकारी फैसल फरीद और रबिन्स हमीद को यूएई में गिरफ्तार किया गया है. मामले में आतंकी पहलू की तहकीकात कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने यह जानकारी दी है.

एजेंसी ने केरल की विशेष एनआईए अदालत को बताया कि यह सूचना यूएई के अधिकारियों ने दी है. एनआईए की टीम मामले में जांच के सिलसिले में अगस्त में दुबई गई थी, उस दौरान एजेंसी को मुख्य षडयंत्रकारियों की गिरफ्तारी के बारे में जानकारी दी गई.

एजेंसी ने बताया कि एनआईए की टीम की वहां की शुरुआती यात्रा के दौरान, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि तीसरे नम्बर के आरोपी फरीद और 10 नम्बर के आरोपी हमीद को गिरफ्तार कर लिया गया है. सभी साजिशकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि 'आरोपियों ने भारत और यूएई के दोस्ताना ताल्लुकातों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है.'

एनआईए ने उक्त बातें मामले में सातवें नम्बर के आरोपी पी मोहम्मद शफी की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहीं हैं.

एजेंसी ने कहा कि यूएई के अधिकारियों ने यह भी बताया कि फरीद और हमीद ने भारत में गिरफ्तार किए गए अन्य अभियुक्तों के साथ मिलकर साजिश के तहत जुर्म को अंजाम दिया और यूएई फरार हो गए. उन सभी ने जानते बूझते तिरुवनंतपुरम में स्थित यूएई के वाणिज्य दूतावास के राजनयिक कार्गो के जरिए सोने की तस्करी की और इसके लिए जाली प्राधिकृत प्रमाण पत्र बनाए या यूएई के राजनयिकों से छल से इन्हें हासिल किया.

एजेंसी ने कहा कि एनआईए अदालत द्वारा जारी गैर जमानती वारंट के आधार पर फरार आरोपियों के खिलाफ इंटरपोल का ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, ताकि उनकी भारत में मौजूदगी सुनिश्चित की जा सके. फरार आरोपियों में फरीद, हमीद, सिद्दीक उल अकबर, अहमद कुट्टी, राजू उर्फ रथीस और मोहम्मद शमीर शामिल हैं.

एनआईए ने यह भी बताया कि यूएई से सबूत हासिल करने के लिए परस्पर कानूनी सहायता अनुरोध को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है. इस मामले में बड़ा लेन-देन, खासकर हवाला के जरिए वित्त पोषित करना, तस्करी किए गए सोने की खरीद आदि चीजें यूएई में हुई हैं.

उसने कहा कि भारत में जांच के जरिए हासिल किए तथ्यों के आधार पर सबूतों को इकट्ठा किया जाना है. इसके लिए एनआईए के अधिकारी यूएई की और यात्राएं करेंगे. वे तस्करी किए गए सोने का स्रोत, अन्य की संलिप्तता, भारतीय की आर्थिक सुरक्षा को नुकसान पहुंचाना और यूएई से अपराध करने में मदद करने वालो के संबंध में साक्ष्यों को एकत्रित करेंगे.

शफी की जमानत याचिका का विरोध करते हुए एनआईए ने कहा कि वह तस्करी का मुख्य आरोपी है और उसने अन्य आरोपी रमीज के साथ मिलकर यूएई के वाणिज्य दूतावास के राजनयिक सामान के जरिए नवंबर 2019 से 21 बार सोने की तस्करी की है. उसने भारत की आर्थिक सुरक्षा को खतरे में डालने की मंशा से यह किया है.

तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पांच जुलाई को 'राजनयिक सामान' से 15 करोड़ रुपये का सोना जब्त किया गया था जिसकी जांच एनआईए, सीमा शुल्क और प्रवर्तन निदेशालय कर रहे हैं.

कोच्चि : बहुचर्चित केरल सोना तस्करी मामले में ईडी के अधिकारी वॉट्सएप संदेशों की पड़ताल भी कर रहे हैं. यह संदेश पूर्व प्रधान सचिव शिवशंकर और स्वप्ना के चार्टर्ड अकाउंटेंट बीच आदान-प्रदान किए गए हैं. इन संदेशों में शिवशंकर वेणुगोपाल से 30 लाख रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट निवेश करने की बात कर वेणुगोपाल से व्यक्तिगत रूप से मिलने की बात कहते हैं.

हालांकि, शिवशंकर ने इस तरह के किसी भी मैसेज की बात याद न होने की बात कही है. शिवशंकर का कहना है कि उसे याद नहीं कि उसने वेणुगोपाल को कभी ऐसा मैसेज भेजा हो या किसी और से मिले मैसेज को अग्रसारित किया हो.

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ईडी के आरोप पत्र का अंश

ईडी ने कहा है की इस संदर्भ में कहा है कि जांच डिजिटल सबूतों के आधार पर होनी चाहिए. ईडी की चार्जशीट में सोना तस्करी मामले मैं आरोपी स्वपना सुरेश और शिवशंकर के बीच संबंध भी बताए गए हैं. ईडी के मुताबिक स्वपना को बैंक लॉकर दिलाने में भी शिवशंकर की भूमिका रही है. चार्जशीट में कहा गया है कि स्वपना जब आर्थिक तंगी से गुजर रही थी, तब शिवशंकर ने कई मौकों पर स्वपना की आर्थिक मदद की, लेकिन स्पवना ने यह पैसे वापस नहीं किए.

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ईडी के आरोप पत्र का अंश

ईडी के मुताबिक जब स्वपना सुरेश ने यूएई कॉन्सुलेट से इस्तीफा दिया और 'स्पेस पार्क' में नौकरी के लिए अप्लाई किया तो वहां उसने शिवशंकर का नाम रेफरेंस के रूप में प्रयोग किया. चार्टर्ड अकाउंटेंट वेणुगोपाल से स्वपना का परिचय शिवशंकर ने ही कराया.

बकौल ईडी, शिवशंकर पैसों के साथ लौटी स्वपना को लेने भी गए थे. इन बातों के आधार पर ईडी का कहना है कि स्वपना के वित्तीय सौदों में पूर्व प्रधान सचिव शिवशंकर की भूमिका रही है. ऐसे में इस मामले में विस्तृत जांच होनी चाहिए.

इसी बीच एक अहम घटनाक्रम में केरल सोना तस्करी मामले के दो मुख्य षडयंत्रकारी यूएई में गिरफ्तार किए गए हैं. इस मामले के दो मुख्य षडयंत्रकारी फैसल फरीद और रबिन्स हमीद को यूएई में गिरफ्तार किया गया है. मामले में आतंकी पहलू की तहकीकात कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने यह जानकारी दी है.

एजेंसी ने केरल की विशेष एनआईए अदालत को बताया कि यह सूचना यूएई के अधिकारियों ने दी है. एनआईए की टीम मामले में जांच के सिलसिले में अगस्त में दुबई गई थी, उस दौरान एजेंसी को मुख्य षडयंत्रकारियों की गिरफ्तारी के बारे में जानकारी दी गई.

एजेंसी ने बताया कि एनआईए की टीम की वहां की शुरुआती यात्रा के दौरान, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि तीसरे नम्बर के आरोपी फरीद और 10 नम्बर के आरोपी हमीद को गिरफ्तार कर लिया गया है. सभी साजिशकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि 'आरोपियों ने भारत और यूएई के दोस्ताना ताल्लुकातों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है.'

एनआईए ने उक्त बातें मामले में सातवें नम्बर के आरोपी पी मोहम्मद शफी की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहीं हैं.

एजेंसी ने कहा कि यूएई के अधिकारियों ने यह भी बताया कि फरीद और हमीद ने भारत में गिरफ्तार किए गए अन्य अभियुक्तों के साथ मिलकर साजिश के तहत जुर्म को अंजाम दिया और यूएई फरार हो गए. उन सभी ने जानते बूझते तिरुवनंतपुरम में स्थित यूएई के वाणिज्य दूतावास के राजनयिक कार्गो के जरिए सोने की तस्करी की और इसके लिए जाली प्राधिकृत प्रमाण पत्र बनाए या यूएई के राजनयिकों से छल से इन्हें हासिल किया.

एजेंसी ने कहा कि एनआईए अदालत द्वारा जारी गैर जमानती वारंट के आधार पर फरार आरोपियों के खिलाफ इंटरपोल का ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, ताकि उनकी भारत में मौजूदगी सुनिश्चित की जा सके. फरार आरोपियों में फरीद, हमीद, सिद्दीक उल अकबर, अहमद कुट्टी, राजू उर्फ रथीस और मोहम्मद शमीर शामिल हैं.

एनआईए ने यह भी बताया कि यूएई से सबूत हासिल करने के लिए परस्पर कानूनी सहायता अनुरोध को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है. इस मामले में बड़ा लेन-देन, खासकर हवाला के जरिए वित्त पोषित करना, तस्करी किए गए सोने की खरीद आदि चीजें यूएई में हुई हैं.

उसने कहा कि भारत में जांच के जरिए हासिल किए तथ्यों के आधार पर सबूतों को इकट्ठा किया जाना है. इसके लिए एनआईए के अधिकारी यूएई की और यात्राएं करेंगे. वे तस्करी किए गए सोने का स्रोत, अन्य की संलिप्तता, भारतीय की आर्थिक सुरक्षा को नुकसान पहुंचाना और यूएई से अपराध करने में मदद करने वालो के संबंध में साक्ष्यों को एकत्रित करेंगे.

शफी की जमानत याचिका का विरोध करते हुए एनआईए ने कहा कि वह तस्करी का मुख्य आरोपी है और उसने अन्य आरोपी रमीज के साथ मिलकर यूएई के वाणिज्य दूतावास के राजनयिक सामान के जरिए नवंबर 2019 से 21 बार सोने की तस्करी की है. उसने भारत की आर्थिक सुरक्षा को खतरे में डालने की मंशा से यह किया है.

तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पांच जुलाई को 'राजनयिक सामान' से 15 करोड़ रुपये का सोना जब्त किया गया था जिसकी जांच एनआईए, सीमा शुल्क और प्रवर्तन निदेशालय कर रहे हैं.

Last Updated : Oct 8, 2020, 7:54 AM IST
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