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संयुक्त राष्ट्र प्रणाली की कमियों के कारण, G20 जैसे प्लेटफॉर्म महत्वपूर्ण

ईटीवी भारत संवाददाता से बात करते हुए भारत के जर्मन राजदूत वाल्टर जे लिंडनर ने अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध के लिए संयुक्त राष्ट्र को जिम्मेदार ठहरातो हुए संयुक्त राष्ट्र प्रणाली में सुधार की बात कही है.

वाल्टर जे लिंडनर
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Published : Jun 28, 2019, 3:58 PM IST

नई दिल्ली: भारत के जर्मन राजदूत वाल्टर जे लिंडनर ने अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध के लिए संयुक्त राष्ट्र को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र प्रणाली की कमियों के कारण, G20 जैसे प्लेटफ़ॉर्म महत्वपूर्ण हो जाते हैं.

जे लिंडनर से बातचीत

अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध को लेकर ईटीवा संवाददाता ने भारत के जर्मन राजदूत वाल्टर जे लिंडनर से बात का तो उन्होनें संयुक्त राष्ट्र प्रणाली की कमियों को प्राथमिक कारण बताया. उन्होंने कहा कि 'यूएन 1948-1949 की वास्तविकता का प्रतिनिधित्व कर रहा है, इसलिए इसे सुधारना होगा.'

G20 के महत्व को बताते हुए उन्होंने कहा कि इसमें विश्व की आर्थिक शक्तियाँ और उभरती शक्तियाँ शामिल हैं. इसलिए इसमें न केवल व्यापार बल्कि जलवायु परिवर्तन, महिला सशक्तीकरण जैसे अन्य मुद्दे पर भी बात का गई.

ईरान-अमेरिका के तनावों पर, उन्होंने दोनों देशों से आग्रह किया कि वे मध्य-पूर्व में युद्ध को शांत कर दें, पूरी दुनिया के लिए यह विनाशकारी होगा.उन्होंने यहां तक ​​दावा किया कि चांसलर मैर्केल ने शुक्रवार को राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ द्विपक्षीय मुलाकात के दौरान इस मामले को उठाया.

पढ़े्ं- अर्थव्यवस्था लड़खड़ाई, इसलिए अमेरिका से सौदा चाहता है चीन : ट्रंप

यह पूछे जाने पर कि क्या वे इस वैकल्पिक तंत्र में अन्य देशों को जोड़ना चाहेंगे, जो वे विकसित कर रहे हैं, उन्होंने कहा, 'जर्मनी इसके बारे में कई देशों के साथ बातचीत कर रहा है, लेकिन परियोजना अभी भी बच्चे के कदम उठा रही है. यह देशों को तय करना है कि वे इसमें शामिल होना चाहते हैं या नहीं.

भारत-जर्मनी के संबंधों को लेकर वाल्टर जे लिंडनर ने कहा कि वह दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ाने पर काम करना चाहते हैं.

नई दिल्ली: भारत के जर्मन राजदूत वाल्टर जे लिंडनर ने अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध के लिए संयुक्त राष्ट्र को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र प्रणाली की कमियों के कारण, G20 जैसे प्लेटफ़ॉर्म महत्वपूर्ण हो जाते हैं.

जे लिंडनर से बातचीत

अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध को लेकर ईटीवा संवाददाता ने भारत के जर्मन राजदूत वाल्टर जे लिंडनर से बात का तो उन्होनें संयुक्त राष्ट्र प्रणाली की कमियों को प्राथमिक कारण बताया. उन्होंने कहा कि 'यूएन 1948-1949 की वास्तविकता का प्रतिनिधित्व कर रहा है, इसलिए इसे सुधारना होगा.'

G20 के महत्व को बताते हुए उन्होंने कहा कि इसमें विश्व की आर्थिक शक्तियाँ और उभरती शक्तियाँ शामिल हैं. इसलिए इसमें न केवल व्यापार बल्कि जलवायु परिवर्तन, महिला सशक्तीकरण जैसे अन्य मुद्दे पर भी बात का गई.

ईरान-अमेरिका के तनावों पर, उन्होंने दोनों देशों से आग्रह किया कि वे मध्य-पूर्व में युद्ध को शांत कर दें, पूरी दुनिया के लिए यह विनाशकारी होगा.उन्होंने यहां तक ​​दावा किया कि चांसलर मैर्केल ने शुक्रवार को राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ द्विपक्षीय मुलाकात के दौरान इस मामले को उठाया.

पढ़े्ं- अर्थव्यवस्था लड़खड़ाई, इसलिए अमेरिका से सौदा चाहता है चीन : ट्रंप

यह पूछे जाने पर कि क्या वे इस वैकल्पिक तंत्र में अन्य देशों को जोड़ना चाहेंगे, जो वे विकसित कर रहे हैं, उन्होंने कहा, 'जर्मनी इसके बारे में कई देशों के साथ बातचीत कर रहा है, लेकिन परियोजना अभी भी बच्चे के कदम उठा रही है. यह देशों को तय करना है कि वे इसमें शामिल होना चाहते हैं या नहीं.

भारत-जर्मनी के संबंधों को लेकर वाल्टर जे लिंडनर ने कहा कि वह दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ाने पर काम करना चाहते हैं.

Intro:This year, the G20 starts at a critical juncture in the history. As tensions between Iran and US are at all time high post Tehran shooting down a US military asset last week. And, Trump administration's trade war with China which is hampering the growing multi-lateral order of the world.


Body:ETV Bharat's Foreign and Diplomatic Affairs Reporter Rahul Pandey spoke to German Ambassador to India Walter J Lindner about scores of issues.

Reminding about the first G20 summit which took place in Berlin, the German Ambassador held shortcomings of the UN system as the primary reason why G20 has become an important platform. He said, 'UN is representing reality of 1948-1949, so it has to be reformed.'

Elaborating about the importance of the G20 which suits the multi-lateral order as it contains both economic powers and emerging powers of the world, the German Ambassador to India also hailed it claiming that not only trade but other issues like climate change, women empowerment are also discussed at the G20 platform now a days.

On Iran-US tensions, he urged both nations to calm down as war in the middle-east will be catastrophic for the entire world. He even claimed that Chancellor Merkel during her bilateral meet with President Trump on Friday will certainly take up this matter.

Despite US' withdrawal from the Iran nuclear, Germany chose to remain part of it. Now, along with UK and France, it is developing a banking mechanism to do trade with Tehran so it can avoid any US imposed sanctions.

When asked whether it would like to add other countries in this alternative mechanism they are developing, he said, 'Germany is in talks with many countries regarding it. But the project is still taking baby steps. And, it is up to countries to decide whether they want to join or not.'




Conclusion:About US-China trade war which has become a matter of concern for the entire world, he said, 'tendencies of isolating countries and following unilateral approach should be stopped. We need an international approach. Global issues can't be solved by indiviual countries.'

Hailing India-Germany relation, Walter J Lindner said that he would like to work on enhancing the cultural exchanges between both countries. He added saying, 'would like more student exchanges. We can share technologies and work artificial intelligence as well.'





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