नई दिल्ली: मध्यप्रदेश में इस वक्त राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी हुई है और इसकी तपिश दिल्ली के 10 जनपथ तक महसूस की जा रही है. आपसी खिंचतान का आलम यह है की पार्टी अब तीन अलग-अलग गुटों में बंट गया है. हालांकि मध्यप्रदेश में सत्ता तो जरूर कांग्रेस के पास है, लेकिन वर्चस्व की लड़ाई में यहां अपने ही एक दूसरे से भिड़ते नजर आ रहे हैं.
दरअसल ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के समर्थक आठ जिलों के उपभोक्ता प्रकोष्ठ के अध्यक्ष दिल्ली कांग्रेस केन्द्रीय कार्यालय पहुंच गए. उन सबकी मांग है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को ही प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जाए.
बता दें, मध्यप्रदेश में रार राज्य कांग्रेस कार्यसमिति अध्यक्ष पद को लेकर है. लेकिन अभी कमलनाथ प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ-साथ अध्यक्ष पद पर भी कायम हैं. लेकिन अंदर खाने चर्चा है कि सरकार दिग्विजय सिंह चला रहे हैं. इस कारण ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमा नाराज चल रहा है.
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हालांकि अब सोनिया गांधी ने साफ कर दिया है कि 'एक व्यक्ति एक पद' पर रहेगा. ऐसे में कमलनाथ ने इस्तीफे की पेशकश तो कर दी है, लेकिन प्रदेश के नए अध्यक्ष की नियुक्ति अभी तक नहीं हो पाई.
गौरतलब है की दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय पर जिला स्तर के इन नेताओं ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के पक्ष में जमकर नारे-बाजी की. साथ में सिंधिया के प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की मांग भी की.
बहरहाल इस अवसर को भांपते हुए प्रदेश के 8 जिले के कांग्रेस उपभोक्ता फोरम के अध्यक्षों ने कांग्रेस मुख्यालय में जमकर नारेबाजी करते हुए कहा कमलनाथ सरकार को बचाए रखने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए.
वहीं मध्य प्रदेश में लगातार सिंधिया खेमा खुलकर दिग्विजय सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा हैं. उनकी दलील है कि दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री कमलनाथ पर लगातार अपनी बात मनवाने का दबाव बना रहे हैं.
इस दौरान जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्षों ने दिल्ली में आकर सोनिया गांधी से अपनी बात रखने की जद्दोजहद करते हुए कांग्रेस मुख्यालय में प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी नेताओं ने कहा कि दिग्विजय सिंह ही सिंधिया के रास्ते में सबसे बड़ा रोड़ा साबित हो रहे हैं.
सभी ने मांग किया प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाए ताकि प्रदेश में कांग्रेस और मजबूत हो सके.