ETV Bharat / bharat

अस्पताल प्रशासन की लापरवाही, मासूम ने मां की गोद में तोड़ा दम

लॉकडाउन के दौरान ना सिर्फ मोदी सरकार बल्कि राज्य की सरकारों ने भी स्वास्थ्य आपातकाल के लिए अस्‍पतालों में चिकित्सा सेवाएं लागू रहने की बात कही थी, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग दिख रही है. बिहार में के जहानाबाद में अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से एक मासूम की जिंदगी खत्म गई.

घटनास्थल की तस्वीर
घटनास्थल की तस्वीर
author img

By

Published : Apr 11, 2020, 1:18 PM IST

पटना : बिहार में भ्रष्ट हो चुकी सरकारी सेवाओं और तंत्र की संवेदनहीनता के चलते एक मां की गोद में ही उसके तीन साल के लाल सांसें थम गईं. बिहार के जहानाबाद के सदर अस्पताल में एक तीन वर्षीय मासूम की समय पर इलाज न होने पर मौत हो गई. पिता का आरोप है कि जिला अस्पताल ने उन्हें एंबुलेंस तक उपलब्ध नहीं कराई गई.

बताया जाता है कि अरवल के कुर्था थाना क्षेत्र के शाहपुर निवासी गिरजेश कुमार के तीन साल के बेटे की तबीयत बिगड़ गई. गिरजेश अपने बेटे को लेकर अरवल अस्पताल दिखाने पहुंचे. जहां डॉक्टरों ने बच्चे की तबीयत ज्यादा खराब देखकर उसे जहानाबाद रेफर कर दिया. परिवारी जन बच्चे को लेकर जहानाबाद सदर अस्पताल पहुंचे. यहां बच्चे की हालत देख डॉक्टरों ने पटना पीएमसीएच रेफर कर दिया.

देंखे पूरी रिपोर्ट

एंबुलेंस मुहैया नहीं कराई गई
मृत बच्चे के पिता ने जहानाबाद सदर अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया है कि यहां इलाज के बाद रेफर कर दिए जाने के बावजूद उन्हें एंबुलेंस मुहैया नहीं कराई गई. बच्चे को एम्बुलेंस से पटना तक ले जाना था. जहानाबाद में डॉक्टरों ने बच्चे की गंभीर स्थिति को देखते हुए पीएमसीएच रेफर कर दिया.

स्थानीय लोगों की मदद से बच्चे का शव लेकर गांव पहुंचे
बच्चे के पिता गिरजेश कुमार ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से उन्हें प्राइवेट गाड़ी तक नहीं मिली और उसपर से अस्पताल प्रशासन ने भी एंबुलेंस नहीं दी. इस वजह से उनके बेटे की मौत हो गई. उन्होंने आरोप लगाया कि बच्चे की मौत के बाद उसके शव को गांव ले जाने में भी अस्पताल प्रशासन ने कोई मदद नहीं की. हालांकि, बाद में स्थानीय लोगों की मदद से किसी तरह बच्चे का शव लेकर वह लोग शाहपुर पहुंचे.

जानें क्या है प्लाज्मा थेरेपी, जो कोरोना के इलाज में हो सकती है मददगार

जो भी दोषी होंगे, उन पर कार्रवाई होगी
वहीं, मामले को लेकर जिलाधिकारी नवीन कुमार से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी. जो भी दोषी होंगे, उन पर कार्रवाई होगी.

पटना : बिहार में भ्रष्ट हो चुकी सरकारी सेवाओं और तंत्र की संवेदनहीनता के चलते एक मां की गोद में ही उसके तीन साल के लाल सांसें थम गईं. बिहार के जहानाबाद के सदर अस्पताल में एक तीन वर्षीय मासूम की समय पर इलाज न होने पर मौत हो गई. पिता का आरोप है कि जिला अस्पताल ने उन्हें एंबुलेंस तक उपलब्ध नहीं कराई गई.

बताया जाता है कि अरवल के कुर्था थाना क्षेत्र के शाहपुर निवासी गिरजेश कुमार के तीन साल के बेटे की तबीयत बिगड़ गई. गिरजेश अपने बेटे को लेकर अरवल अस्पताल दिखाने पहुंचे. जहां डॉक्टरों ने बच्चे की तबीयत ज्यादा खराब देखकर उसे जहानाबाद रेफर कर दिया. परिवारी जन बच्चे को लेकर जहानाबाद सदर अस्पताल पहुंचे. यहां बच्चे की हालत देख डॉक्टरों ने पटना पीएमसीएच रेफर कर दिया.

देंखे पूरी रिपोर्ट

एंबुलेंस मुहैया नहीं कराई गई
मृत बच्चे के पिता ने जहानाबाद सदर अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया है कि यहां इलाज के बाद रेफर कर दिए जाने के बावजूद उन्हें एंबुलेंस मुहैया नहीं कराई गई. बच्चे को एम्बुलेंस से पटना तक ले जाना था. जहानाबाद में डॉक्टरों ने बच्चे की गंभीर स्थिति को देखते हुए पीएमसीएच रेफर कर दिया.

स्थानीय लोगों की मदद से बच्चे का शव लेकर गांव पहुंचे
बच्चे के पिता गिरजेश कुमार ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से उन्हें प्राइवेट गाड़ी तक नहीं मिली और उसपर से अस्पताल प्रशासन ने भी एंबुलेंस नहीं दी. इस वजह से उनके बेटे की मौत हो गई. उन्होंने आरोप लगाया कि बच्चे की मौत के बाद उसके शव को गांव ले जाने में भी अस्पताल प्रशासन ने कोई मदद नहीं की. हालांकि, बाद में स्थानीय लोगों की मदद से किसी तरह बच्चे का शव लेकर वह लोग शाहपुर पहुंचे.

जानें क्या है प्लाज्मा थेरेपी, जो कोरोना के इलाज में हो सकती है मददगार

जो भी दोषी होंगे, उन पर कार्रवाई होगी
वहीं, मामले को लेकर जिलाधिकारी नवीन कुमार से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी. जो भी दोषी होंगे, उन पर कार्रवाई होगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.