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फंड की कमी के कारण देश में कोई भी विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय स्तर का नहीं : हेमा मालिनी

भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने सोमवार को अपनी ही सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि फंड की कमी कारण आज भारत में कोई भी विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय स्तर का नहीं है. लोकसभा में बोलते हुए मथुरा सांसद ने सरकार से इस मामले पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया है.

हेमा मालिनी
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Published : Feb 11, 2020, 12:10 AM IST

Updated : Feb 29, 2020, 10:35 PM IST

नई दिल्ली : भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने सोमवार को अपनी ही सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि आज भारत का कोई भी विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय स्तर का नहीं है, जिसका कारण फंड की कमी है.

मथुरा सांसद हेमा ने कहा, 'आज फंड की कमी से हमारे विश्वविद्यालय रिसर्च के मामले में लगातार पिछड़ते जा रहें हैं. मुझे डर है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो भारत के विश्वविद्यालय विदेश से आने वाले छात्रों को आकर्षित नहीं कर सकेंगे.आज हमारे पास विदेशी यूनिवर्सिटी के सीईओ हैं. हम अपने विश्वविद्यालयों से सीईओ बना नहीं पा रहे हैं. सरकार को इस मामले पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए.'

पढ़ें- राज्यसभा में आरक्षण : विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ बिल लाने की मांग की

भाजपा नेता ने आगे कहा कि इस बजट से सराफा कारोबारियों को बहुत उम्मीदें थीं, सरकार को उनका ध्यान रखना चाहिए तथा मथुरा समेत देश के विभिन्न हिस्सों में मुंबई और कोलकाता की तर्ज पर ज्वेलरी पार्क खोले जाने चाहिए.

नई दिल्ली : भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने सोमवार को अपनी ही सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि आज भारत का कोई भी विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय स्तर का नहीं है, जिसका कारण फंड की कमी है.

मथुरा सांसद हेमा ने कहा, 'आज फंड की कमी से हमारे विश्वविद्यालय रिसर्च के मामले में लगातार पिछड़ते जा रहें हैं. मुझे डर है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो भारत के विश्वविद्यालय विदेश से आने वाले छात्रों को आकर्षित नहीं कर सकेंगे.आज हमारे पास विदेशी यूनिवर्सिटी के सीईओ हैं. हम अपने विश्वविद्यालयों से सीईओ बना नहीं पा रहे हैं. सरकार को इस मामले पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए.'

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भाजपा नेता ने आगे कहा कि इस बजट से सराफा कारोबारियों को बहुत उम्मीदें थीं, सरकार को उनका ध्यान रखना चाहिए तथा मथुरा समेत देश के विभिन्न हिस्सों में मुंबई और कोलकाता की तर्ज पर ज्वेलरी पार्क खोले जाने चाहिए.

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Print Printपीटीआई-भाषा संवाददाता 22:13 HRS IST

पुन:जारी बजट चर्चा चार अंतिम लोस

हेमा मालिनी ने कहा कि इस बजट से सराफा कारोबारियों को बहुत उम्मीदें थीं, सरकार को उनका ध्यान रखना चाहिए तथा मथुरा समेत देश के विभिन्न हिस्सों में मुंबई और कोलकाता की तर्ज पर ज्वेलरी पार्क खोले जाने चाहिए।



तेलंगाना राष्ट्र समिति के जी रंजीत रेड्डी ने सरकार से तेलंगाना राज्य पर विशेष ध्यान देने की मांग की।



भाजपा की लॉकेट चटर्जी ने कहा कि देश में पहली बार 50 प्रतिशत एफडीआई पिछले पांच साल में आया है जो दुनिया के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।



उन्होंने पश्चिम बंगाल में केंद्र सरकार की योजनाएं लागू नहीं होने पर राज्य सरकार की आलोचना भी की।



भाजपा की रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि यह आकांक्षी भारत का बजट है जिसमें गांव, गरीब, किसानों के कल्याण का खास ध्यान रखा गया है ।



उन्होंने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उन्हें बढ़ती और छलांग लगाती अर्थवयवस्था नहीं दिखती और केवल सीएए तथा एनआरसी दिखाई देता है।



जोशी ने कहा कि केंद्र ने तो किसानों, गरीबों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं चलाईं लेकिन पश्चिम बंगाल और दिल्ली जैसे राज्यों ने पीएम किसान सम्मान निधि और आयुष्मान जैसी कल्याणकारी योजनाओं को अपने यहां लागू नहीं किया इसलिए वहां के किसान और गरीब वो लाभ नहीं उठा पा रहे जो उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के उठा रहे हैं।



भाजपा के रमेश विधूड़़ी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इच्छाशक्ति देश के विकास की है और सरकार की जन कल्याण एवं गरीब कल्याण योजनाएं इसका स्पष्ट उदाहरण हैं।



चर्चा में बसपा के श्याम सिंह यादव, कांग्रेस के सप्तगिरि शंकर उल्का, द्रमुक के डी एन वी सेंथिल कुमार और भाजपा के सुभाष सरकार, बीजद के अच्युतानंद सामंत और भाजपा के सुशील कुमार सिंह ने भी भाग लिया।


Conclusion:
Last Updated : Feb 29, 2020, 10:35 PM IST
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