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झांसी प्रशासन का दावा- एक दिन में 40 लाख से अधिक टिड्डियों को मार गिराया

यूपी के झांसी जिले में पाकिस्तान से राजस्थान और मध्य प्रदेश होते हुए टिड्डियों का दल पहुंचा था. जिला प्रशासन ने कृषि विभाग के साथ बैठक कर टिड्डियों पर नियंत्रण की योजना बनाई थी. इसी योजना के तहत जिला प्रशासन दावा कर रहा है कि उसने 40 लाख से अधिक टिड्डियों पर दवा का छिड़काव कर उन्हें मारने का काम किया है.

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Published : May 25, 2020, 8:49 PM IST

उत्पात मचा रहा टिड्डी दल
उत्पात मचा रहा टिड्डी दल

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के झांसी में प्रशासन ने दावा किया है कि उसने ईरान-पाकिस्तान से राजस्थान और मध्य प्रदेश के रास्ते झांसी में एंट्री करने वाले टिड्डियों के दल में से चालीस लाख से अधिक टिड्डियों को मार गिराया है. सोमवार को डीएम आंद्रा वामसी ने कैम्प कार्यालय में टिड्डी दल पर नियंत्रण को लेकर कृषि विभाग और प्रशासनिक अफसरों के साथ बैठक की. डीएम ने दावा किया कि रविवार रात टिड्डी दल पर हुए छिड़काव में 40 लाख से अधिक टिड्डियां मारी गई हैं.

चार दिनों से उत्पात मचा रहा टिड्डी दल
शुक्रवार को झांसी में टिड्डी दल ने प्रवेश किया और अनुमान है कि इनकी संख्या एक करोड़ के आस-पास है. जनपद के अलग-अलग हिस्सों में ये टिड्डी दल चार दिनों से उत्पात मचा रहे हैं. खेती और बागवानी पर इनके उत्पात के कारण खतरा मंडरा रहा है. जिला प्रशासन ने शुक्रवार शाम से केमिकल, फॉयर ब्रिगेड सहित कई माध्यमों से इन पर नियंत्रण की रणनीति बनानी शुरू कर दी थी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

ठंडी हवा के पास अधिक सक्रियता
डीएम आंद्रा वामसी ने बताया कि टिड्डियों के सम्बंध में सूचना कंट्रोल रूम को देने के लिए निगरानी समितियों को कहा गया था. हमने पाया कि गर्म हवा के पास ये नहीं रुकते हैं और ठंडी हवा के पास रुकने की इनकी प्रवृत्ति है. हमने देखा कि बेतवा नदी के किनारे जहां सब्जियां उगाई जाती हैं, वहां दो दिनों में इनकी सक्रियता अधिक बढ़ गई है.

बरुआसागर के पास, बेतवा नदी के किनारे, सुकवां-ढुकवां बांध के पास और चिरगांव में नहर के आसपास इनकी सक्रियता काफी देखी गई है. इसके अलावा जहां सब्जियां हैं, मूंग की फसल है और जहां पेड़-पौधे हैं, वहां भी इनकी सक्रियता काफी देखने को मिली.

इसे भी पढ़ें- पाकिस्तान के टिड्डी दल ने झांसी में कई जगहों पर मचाया उत्पात, कृषि विभाग ने किया अलर्ट

आधे से अधिक के मारे जाने का दावा
डीएम ने बताया कि टिड्डी दल की सक्रियता रात में नहीं हो रही थी. ये रात में आराम कर रहे थे. निगरानी समितियों ने ग्राम पंचायतों, कृषि विभाग की टीमों और भारत सरकार की आई टीमों के साथ मिलकर इन टिड्डियों पर केमिकल का छिड़काव कर इन्हें मारने का लक्ष्य रखा गया था. वहीं रविवार रात टिड्डी दल पर केमिकल का छिड़काव किया गया, जिससे चालीस लाख से ज्यादा टिड्डियां मारी गई हैं. अनुमान हैं कि जनपद में आई कुल टिड्डियों में से आधे से ज्यादा मारी गई हैं.

झील और नदी किनारे लगेंगे साउंड सिस्टम
डीएम ने बताया कि झील के आसपास इनके पहुंचने से पानी के गंदा होने की संभावना है और यह हानिकारक भी हो सकता है. इसको देखते हुए झीलों के आसपास से टिड्डियों का मूवमेंट दूसरी ओर करने के लिए हम साउंड सिस्टम लगाने जा रहे हैं. साउंड सिस्टम लगाने के लिए हमने सभी एसडीएम को पत्र लिखा है और इसकी व्यवस्था कराई जा रही है.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के झांसी में प्रशासन ने दावा किया है कि उसने ईरान-पाकिस्तान से राजस्थान और मध्य प्रदेश के रास्ते झांसी में एंट्री करने वाले टिड्डियों के दल में से चालीस लाख से अधिक टिड्डियों को मार गिराया है. सोमवार को डीएम आंद्रा वामसी ने कैम्प कार्यालय में टिड्डी दल पर नियंत्रण को लेकर कृषि विभाग और प्रशासनिक अफसरों के साथ बैठक की. डीएम ने दावा किया कि रविवार रात टिड्डी दल पर हुए छिड़काव में 40 लाख से अधिक टिड्डियां मारी गई हैं.

चार दिनों से उत्पात मचा रहा टिड्डी दल
शुक्रवार को झांसी में टिड्डी दल ने प्रवेश किया और अनुमान है कि इनकी संख्या एक करोड़ के आस-पास है. जनपद के अलग-अलग हिस्सों में ये टिड्डी दल चार दिनों से उत्पात मचा रहे हैं. खेती और बागवानी पर इनके उत्पात के कारण खतरा मंडरा रहा है. जिला प्रशासन ने शुक्रवार शाम से केमिकल, फॉयर ब्रिगेड सहित कई माध्यमों से इन पर नियंत्रण की रणनीति बनानी शुरू कर दी थी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

ठंडी हवा के पास अधिक सक्रियता
डीएम आंद्रा वामसी ने बताया कि टिड्डियों के सम्बंध में सूचना कंट्रोल रूम को देने के लिए निगरानी समितियों को कहा गया था. हमने पाया कि गर्म हवा के पास ये नहीं रुकते हैं और ठंडी हवा के पास रुकने की इनकी प्रवृत्ति है. हमने देखा कि बेतवा नदी के किनारे जहां सब्जियां उगाई जाती हैं, वहां दो दिनों में इनकी सक्रियता अधिक बढ़ गई है.

बरुआसागर के पास, बेतवा नदी के किनारे, सुकवां-ढुकवां बांध के पास और चिरगांव में नहर के आसपास इनकी सक्रियता काफी देखी गई है. इसके अलावा जहां सब्जियां हैं, मूंग की फसल है और जहां पेड़-पौधे हैं, वहां भी इनकी सक्रियता काफी देखने को मिली.

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आधे से अधिक के मारे जाने का दावा
डीएम ने बताया कि टिड्डी दल की सक्रियता रात में नहीं हो रही थी. ये रात में आराम कर रहे थे. निगरानी समितियों ने ग्राम पंचायतों, कृषि विभाग की टीमों और भारत सरकार की आई टीमों के साथ मिलकर इन टिड्डियों पर केमिकल का छिड़काव कर इन्हें मारने का लक्ष्य रखा गया था. वहीं रविवार रात टिड्डी दल पर केमिकल का छिड़काव किया गया, जिससे चालीस लाख से ज्यादा टिड्डियां मारी गई हैं. अनुमान हैं कि जनपद में आई कुल टिड्डियों में से आधे से ज्यादा मारी गई हैं.

झील और नदी किनारे लगेंगे साउंड सिस्टम
डीएम ने बताया कि झील के आसपास इनके पहुंचने से पानी के गंदा होने की संभावना है और यह हानिकारक भी हो सकता है. इसको देखते हुए झीलों के आसपास से टिड्डियों का मूवमेंट दूसरी ओर करने के लिए हम साउंड सिस्टम लगाने जा रहे हैं. साउंड सिस्टम लगाने के लिए हमने सभी एसडीएम को पत्र लिखा है और इसकी व्यवस्था कराई जा रही है.

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