हैदराबाद : पूरी दुनिया घातक महामारी का सामना कर रही है और यह वास्तव में हम सभी के लिए कोविड-19 के प्रसार को संभालने का एक कठिन समय है.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए 25 मार्च को विश्वव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी, जिसका उद्देश्य एक व्यक्ति से दूसरे में संक्रमण को रोकना है. लॉकडाउन का मतलब केवल जरूरी सामान खरीदने के अलावा घर से बाहर कदम न रखना है. इसके साथ ही बाहर की यात्रा को रोकना है.
जानें, लॉकडाउन के इस दौर में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए...
- लॉकडाउन के इस समय का उपयोग अपने आप को पॉजिटिव और हंसमुख रखने के लिए किया जा सकता है.
- कईं बार यह उबाऊ और प्रतिबंधित हो सकता है लेकिन घर पर रहना कई दफा दिलचस्प भी हो सकता है.
- लॉकडाउन अवधि के दौरान खुद को व्यस्त रखें. ऐसा करके आपको काफी मदद मिलेगी. संगीत सुनना, टीवी पर कोई कार्यक्रम देखना आपको नकारात्मक विचारों से बचने में मदद करता है.
- हर दिन हम टीवी, सोशल मीडिया और समाचार पत्रों के माध्यम से कोरोना वायरस के मामलों की खबर सुनते हैं, जो हालात को और भी भयावह बना देते हैं. यह हमें चिंतित और भयभीत कर सकता है और गलत चीजों को करने या सोचने के लिए बाध्य भी कर सकता है.
- खुद को आशावादी बनाए रखने के लिए बागवानी, सिलाई, पेंटिंग जैसे काम भी कर सकते हैं.
- भोजन अच्छी तरह करें क्योंकि स्वास्थ्य की तरफ ध्यान देना बहुत जरूरी है. खाने में तरल पदार्थों का सेवन ज्यादा करें.
- योग, सरल इंडोर अभ्यास शरीर को मजबूती प्रदान करने में सहायक हैं.
- इस मुश्किल घड़ी में हमें दूसरों की इच्छाओं का भी ध्यान रखना चाहिए. अगर हमारे आस-पास किसी को खाने पीने में सलाह की जरूरत है तो हमें जानकारी देनी चाहिए.
- इसके साथ ही घर के बुजुर्गों की इस समय पर खास देखभाल की जरूरत होती है. हम उन्हें रोजमर्रा की जरूरत का सामान जैसे दवाई और अन्य सामान देकर उनकी मदद कर सकते हैं.
- बच्चों को नए कौशल सिखा कर भी हम अपना और उनका समय बड़े आराम से व्यतीत कर सकते हैं. लॉकडाउन का समय बच्चों को नई चीजें सिखाने के लिए कारगर साबित हो सकता है.
सच को हां और कहावतों को ना कहें..
- सोशल मीडिया पर फैलाई जा रहीं अफवाहों को लेकर सावधान रहें.
- खुद को अपडेट रखें. इसके लिए आप न्यूज देख सकते हैं या किसी विश्वसनीय स्त्रोत का सहारा ले सकते हैं.
- मुश्किल की इस घड़ी में खुद की सोच सकारात्मक रखें. कोरोना वायरस से ज्यादा खतरनाक काम आपकी नकारात्मक सोच कर सकती है.
- आप खुद भी किसी अफवाह को न फैलाएं.
- यदि आपको सच या अफवाह में अंतर पता करना है तो किसी भी खबर या सनसनी के बारे में जानने के लिए विश्वसनीय स्त्रोत का सहारा लें.
आइसोलेशन के समय चुनौतियां
लोगों को मानसिक विकार जैसी समस्याएं हैं, उनके लिए यह दौर वाकई में चुनौतीपूर्ण है. ऐसे लोग भय और तनाव जैसी समस्याओं का सामना कर सकते हैं. सामाजिक अलगाव उन्हें और भी ज्यादा मूडी और चिड़चिड़ा बना सकता है.
याद रखें, मुश्किल समय में अच्छी मानसिक स्थिति और अधिक आसानी से लड़ाई जीतने में मदद कर सकती है.