ETV Bharat / bharat

राम मंदिर ट्रस्ट अब तांबे की पत्तियों का दान नहीं करेगा स्वीकार, जानें वजह

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर श्रीराम जन्म तीर्थ क्षेत्र निर्माण ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने साफ किया है कि अभी ट्रस्ट लोगों से तांबे की पत्तियों का दान नहीं लेगा. ट्रस्ट ने स्टैंडर्ड क्वालिटी के तांबे कि पत्तियां खरीदने का निर्णय लिया है. पढ़ें पूरी खबर...

donation-of-copper-will-not-be-accepted-by-ram-mandir-trust-for-construction
राम मंदिर ट्रस्ट अब तांबे की पत्तियों का दान स्वीकार नहीं करेगा
author img

By

Published : Aug 29, 2020, 9:16 AM IST

अयोध्या : उत्तर प्रदेश के अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर की तैयारियां जोरों पर हैं. मंदिर का निर्माण शुरू होने जा रहा है. राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से यह स्पष्ट किया जा चुका है कि राम मंदिर में लोहे या फिर स्टील का प्रयोग नहीं किया जाएगा. बल्कि इसमें ताबें की पत्तियों का उ पयोग होगा.

ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने दिल्ली में हुई एक प्रेस वार्ता में राम मंदिर समर्थकों से निर्माण कार्य में लगने वाले पत्थरों को जोड़ने के लिए तांबे की पत्तियों पर अपना नाम और पता लिखवाकर दान करने की अपील की थी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

वहीं अब ट्रस्ट की ओर से कहा जा रहा है कि अलग-अलग स्थानों से तांबे की पत्तियां अगर दान में मिलेंगी तो इसकी क्वालिटी में अंतर आ जाएगा, जिसके चलते अब तांबे की पत्तियां सरकार के माध्यम से ट्रस्ट खरीदेगा.

श्रीराम जन्म तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने साफ किया है कि अब ट्रस्ट लोगों से तांबे की पत्तियों का दान नहीं लेगा. पत्थरों को आपस में जोड़ने के लिए सरकार की स्टैंडर्ड कंपनी का ही तांबा प्रयोग किया जाएगा, जिससे तांबे की गुणवत्ता बनी रहे.

10 हजार से अधिक तांबे की पत्तियों की आवश्यकता
राम मंदिर लंबे समय तक टिके इसके लिए निर्माण में लोहे या फिर स्टील का प्रयोग नहीं किया जा रहा है. मंदिर की दीवारों के पत्थरों को जोड़ने के लिए 10 हजार से अधिक तांबे की पत्तियों को आवश्यकता है.

यह पत्तियां तीन मिलीमीटर मोटी, 30 एमएम चौड़ी और 18 इंच लंबी होंगी. ट्रस्ट के पदाधिकारियों की मानें तो अभी तांबे की पत्तियों की क्वालिटी वजन और उसके कास्ट का डिटेल होना बाकी है. तांबे की आयु अच्छी होती है, इस लिहाज से तांबे का इस्तेमाल राम मंदिर के निर्माण में किया जा रहा है.

श्रीराम मंदिर ट्रस्ट तांबे पत्तियों का नहीं लेगा दान
श्रीराम जन्मभमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए दान देने वाले लोगों से तांबे कि पत्तियां दान करने की अपील की थी, लेकिन अब ट्रस्ट ने स्पष्ट किया है कि राम मंदिर निर्माण में किसी भी प्रकार से गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा.

यह भी पढ़ें- श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट का आह्वान, तांबे की पत्तियों का करें दान

उन्होंने कहा कि अलग-अलग स्थानों से तांबे की पत्तियां दान में मिलने से इसकी क्वालिटी भी अलग हो सकती है, जिससे निर्माण कि गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ सकता है.

इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए अब ट्रस्ट तांबे की पत्तियों का दान नहीं लेगा, साथ ही तांबे की छड़ का इस्तेमाल भी नहीं किया जाएगा.

जल्द जारी होगा विज्ञापन
महासचिव चंपत राय ने कहा कि हम राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए अखबारों में विज्ञापन देकर लोगों से दान देने की अपील करेंगे.

उन्होंने कहा कि विज्ञापन में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का बैंक अकाउंट, बारकोड, इसका आईएफएससी कोड और बैंक खाते के सारे विवरण दिए जाएंगे.

अयोध्या : उत्तर प्रदेश के अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर की तैयारियां जोरों पर हैं. मंदिर का निर्माण शुरू होने जा रहा है. राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से यह स्पष्ट किया जा चुका है कि राम मंदिर में लोहे या फिर स्टील का प्रयोग नहीं किया जाएगा. बल्कि इसमें ताबें की पत्तियों का उ पयोग होगा.

ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने दिल्ली में हुई एक प्रेस वार्ता में राम मंदिर समर्थकों से निर्माण कार्य में लगने वाले पत्थरों को जोड़ने के लिए तांबे की पत्तियों पर अपना नाम और पता लिखवाकर दान करने की अपील की थी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

वहीं अब ट्रस्ट की ओर से कहा जा रहा है कि अलग-अलग स्थानों से तांबे की पत्तियां अगर दान में मिलेंगी तो इसकी क्वालिटी में अंतर आ जाएगा, जिसके चलते अब तांबे की पत्तियां सरकार के माध्यम से ट्रस्ट खरीदेगा.

श्रीराम जन्म तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने साफ किया है कि अब ट्रस्ट लोगों से तांबे की पत्तियों का दान नहीं लेगा. पत्थरों को आपस में जोड़ने के लिए सरकार की स्टैंडर्ड कंपनी का ही तांबा प्रयोग किया जाएगा, जिससे तांबे की गुणवत्ता बनी रहे.

10 हजार से अधिक तांबे की पत्तियों की आवश्यकता
राम मंदिर लंबे समय तक टिके इसके लिए निर्माण में लोहे या फिर स्टील का प्रयोग नहीं किया जा रहा है. मंदिर की दीवारों के पत्थरों को जोड़ने के लिए 10 हजार से अधिक तांबे की पत्तियों को आवश्यकता है.

यह पत्तियां तीन मिलीमीटर मोटी, 30 एमएम चौड़ी और 18 इंच लंबी होंगी. ट्रस्ट के पदाधिकारियों की मानें तो अभी तांबे की पत्तियों की क्वालिटी वजन और उसके कास्ट का डिटेल होना बाकी है. तांबे की आयु अच्छी होती है, इस लिहाज से तांबे का इस्तेमाल राम मंदिर के निर्माण में किया जा रहा है.

श्रीराम मंदिर ट्रस्ट तांबे पत्तियों का नहीं लेगा दान
श्रीराम जन्मभमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए दान देने वाले लोगों से तांबे कि पत्तियां दान करने की अपील की थी, लेकिन अब ट्रस्ट ने स्पष्ट किया है कि राम मंदिर निर्माण में किसी भी प्रकार से गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा.

यह भी पढ़ें- श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट का आह्वान, तांबे की पत्तियों का करें दान

उन्होंने कहा कि अलग-अलग स्थानों से तांबे की पत्तियां दान में मिलने से इसकी क्वालिटी भी अलग हो सकती है, जिससे निर्माण कि गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ सकता है.

इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए अब ट्रस्ट तांबे की पत्तियों का दान नहीं लेगा, साथ ही तांबे की छड़ का इस्तेमाल भी नहीं किया जाएगा.

जल्द जारी होगा विज्ञापन
महासचिव चंपत राय ने कहा कि हम राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए अखबारों में विज्ञापन देकर लोगों से दान देने की अपील करेंगे.

उन्होंने कहा कि विज्ञापन में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का बैंक अकाउंट, बारकोड, इसका आईएफएससी कोड और बैंक खाते के सारे विवरण दिए जाएंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.