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हाथ-पैर बांधकर किया 10 किमी का सफर, गिनीज बुक में नाम दर्ज

केरल के डॉल्फिन रातेश ने पैरों को जंजीरों से बांधकर 10 किलोमीटर का सफर पांच घंटे और दस मिनट में तय किया. बता दें कि रातेश ने कई लोगों की जान भी बचाई है, जिसमें कई मछुआरे भी शामिल हैं.

डॉल्फिन रातेश
डॉल्फिन रातेश
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Published : Nov 20, 2020, 11:06 PM IST

तिरुवनंतपुरम : केरल के कोल्लम जिले के करुनागापल्ली के रहने वाले 38 साल के डॉल्फिन रातेश ने 10 किलोमीटर का सफर पैरों को जंजीरों से बांधकर तय किया है और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया है.

रातेश ने अपने हाथों और पैरों को जंजीरों से बांधकर टीएस कैनाल में 10 किलोमीटर की दूरी को पांच घंटे और दस मिनट में तय किया है. रातेश उडुपी के गोपाल खर्पी के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ने के प्रयास में सफल रहे. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अधिकारियों ने गोपाल खर्पी द्वारा 3.8 किलोमीटर के रिकॉर्ड को तोड़ने के प्रयास के लिए रातेश को स्वीकृति दी.

डॉल्फिन रातेश

बुधवार सुबह 8.45 बजे पणिक्कर कदवु पुल के पास आर रामचंद्रन विधायक ने रातेश को हरी झंडी दिखाई. स्थानीय लोगों ने नहर के दोनों किनारों पर रातेश की हौसला अफजाई किया और उनके प्रयास को प्रोत्साहित किया. नौ किलोमीटर की दूरी चार घंटे में पूरी की.

हालांकि, आखिरी एक किलोमीटर पूरा करने में उन्हें डेढ़ घंटा लगा. लेकिन रातेश ने इसे आसानी से पार कर लिया. स्थानीय लोगों ने रातेश को अपने कंधों पर बिठाया और जश्न मनाया.

बता दें कि रातेश पिछले 18 वर्षों से तैराकी कर रहे हैं. उन्होंने कई लोगों की जान भी बचाई है, जिसमें कई मछुआरे भी शामिल हैं. इसके अलावा वह पहले तीन बार लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवा चुके हैं और एक बार अरबियन बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा चुके हैं. उनकी सफलताओं के पीछे कठोर अभ्यास और दृढ़ संकल्प है.

तिरुवनंतपुरम : केरल के कोल्लम जिले के करुनागापल्ली के रहने वाले 38 साल के डॉल्फिन रातेश ने 10 किलोमीटर का सफर पैरों को जंजीरों से बांधकर तय किया है और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया है.

रातेश ने अपने हाथों और पैरों को जंजीरों से बांधकर टीएस कैनाल में 10 किलोमीटर की दूरी को पांच घंटे और दस मिनट में तय किया है. रातेश उडुपी के गोपाल खर्पी के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ने के प्रयास में सफल रहे. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अधिकारियों ने गोपाल खर्पी द्वारा 3.8 किलोमीटर के रिकॉर्ड को तोड़ने के प्रयास के लिए रातेश को स्वीकृति दी.

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बुधवार सुबह 8.45 बजे पणिक्कर कदवु पुल के पास आर रामचंद्रन विधायक ने रातेश को हरी झंडी दिखाई. स्थानीय लोगों ने नहर के दोनों किनारों पर रातेश की हौसला अफजाई किया और उनके प्रयास को प्रोत्साहित किया. नौ किलोमीटर की दूरी चार घंटे में पूरी की.

हालांकि, आखिरी एक किलोमीटर पूरा करने में उन्हें डेढ़ घंटा लगा. लेकिन रातेश ने इसे आसानी से पार कर लिया. स्थानीय लोगों ने रातेश को अपने कंधों पर बिठाया और जश्न मनाया.

बता दें कि रातेश पिछले 18 वर्षों से तैराकी कर रहे हैं. उन्होंने कई लोगों की जान भी बचाई है, जिसमें कई मछुआरे भी शामिल हैं. इसके अलावा वह पहले तीन बार लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवा चुके हैं और एक बार अरबियन बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा चुके हैं. उनकी सफलताओं के पीछे कठोर अभ्यास और दृढ़ संकल्प है.

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